- डीपीआरओ की जांच में मझगवां ब्लॉक के गांव में प्रधान पर लगे आरोप
- रिपोर्ट में अन्य चार गांावों के प्रधानों पर भी अधिकारों का गलत प्रयोग का आरोप
BAREILLY:
गरीबों को सिर छुपाने के लिए चलाई गई इंदिरा आवास योजना में ग्राम प्रधान फंस गए हैं। ग्राम प्रधान ने दो लोगों के नाम इंदिरा आवास आवंटित कराकर अपने नाम कर उसे हथिया लिया और उसमें प्रधान का परिवार रह रहा है। शिकायत मिलने पर डीएम गौरव दयाल ने मामले की जांच के निर्देश दिए तो डीपीआरओ ने की फर्स्ट रिपोर्ट में प्रधान को दोषी पाया गया। साथ ही इसके अलावा अन्य चार प्रधानों पर भी वित्तीय अनियमितताओं के आरोप हैं।
लाभार्थी कोई और रह रहे प्रधान
ब्लाक मझगवां के गांव सिसौना के प्रधान पर गांव के रहने वाले परिवार को लाभार्थी बनाकर उसका हक हड़प लेने का मामला है। पीडि़त रमेश का आरोप है कि उसकी पत्नी देवी और एक अन्य गरीब के नाम से इंदिरा आवास आवंटित हुआ और ग्राम प्रधान खुद वहां रहने लगे। यही नहीं प्रधान पर मनरेगा में फर्जीवाड़ा, मस्टर रोल में फर्जीवाड़ा, मासिक बैठक न करने व अन्य आरोप लगाए हैं। डीएम ने मामले की जांच डीपीआरओ को सौंपी। डीआरडीए से मामला संदिग्ध बताया तो जांच एडीपीआरओ को सौंपी दी गई। रिपोर्ट के मुताबिक जिन दो लोगों के नाम से इंदिरा आवास आवंटित हुए हैं। उनका निर्माण ग्राम समाज की जमीन पर हुआ है। जिसमें ग्राम प्रधान ने जमीन को अपनी बताकर लाभार्थियों को बेदखल कर दिया। लाभार्थी रमेश गांव में और दूसरा परिवार मुरादाबाद मे रह रहा है।
लिस्ट में अभी आैर भी हैं
जांच में दमखोदा ब्लाक के ठिरिया नथमल गांव के प्रधान समेत गांव मिलख पिछोड़ा, भदपुरा ब्लाक के गांव अभय राजपुर, बिथरी चैनपुर के गांव दौरा के प्रधान पर भी आरोप लगे हैं। जिन पर सरकारी रकम का दुरुपयोग, मनरेगा के कार्यो में गड़बड़ी करने, पुराने कामों को नया दर्शाने, सरकारी योजनाओं में चहेतों को लाभ दिलाने के आरोप लगे हैं। जिसकी जांच डीपीआरओ को दी गई है। बता दें कि वर्ष ख्0क्भ् में जिले के ख्ख् प्रधानों पर वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगे थे। जांच के आदेश दिए गए थे लेकिन उन्हें राजनितिक पार्टी से जुड़े होने की वजह से क्लीन चिट दे दी गई थी।
शिकायत मिलने पर जाचं की गई तो ग्राम प्रधान के खेल करने के आरोप तकरीबन सी पाए गए हैं। जिसकी जांच पूरी होने के बाद संबंधित रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
टीसी पांडेय, डीपीआरओ