आईएमए यूपी की दूसरी स्टेट वर्किंग कमेटी की बैठक
सामाजिक सरोकारों से जुड़े कामों में पहचान बढ़ाने को चिंतन
निगम के लाइसेंस फीस के खिलाफ विरोध, लेंगे कोर्ट की मदद
BAREILLY: देश भर में अपने काम और नाम से मजबूत पैठ बनाने वाली आईएमए फिलहाल यूपी में अपनी जमीनी पहचान बनाने के लिए स्ट्रगल कर रही है। सामाजिक जिम्मेदारियों में सहभागिता निभाने के बावजूद आम जनता के बीच अपनी पहचान गौड़ होने से आईएमए के जिम्मेदार परेशान हैं। संडे को बरेली के आईएमए भवन में आईएमए यूपी की स्टेट वर्किंग कमेटी की बैठक में मेंबर्स ने इस मुद्दे पर चिंतन किया। साथ ही आईएमए को रोटरी और इनरव्हील क्लब जैसे एनजीओ की तर्ज पर ही जनता की जुबान पर ठोस पहचान कायम करने पर सुझाव भी दिए। आईएमए यूपी की इस साल की यह दूसरी स्टेट वर्किंग कमेटी की बैठक थी। जिस पर क्ख् एजेंडों पर चर्चा की गई।
'काम' के साथ 'नाम' भी हो
इस बैठक में आईएमए यूपी के प्रेसीडेंट डॉ। रवि मेहरा और जनरल सेक्रेटरी डॉ। संजय जैन सहित सभी ब्रांच के पदाधिकारी बतौर कमेटी मेंबर्स शामिल हुए। बैठक में एजेंडों पर चर्चा करने के दौरान ही डॉ। रवि मेहरा ने पीडियाट्रिशियन को चेताया कि पोलियो के खत्म होने के बावजूद वह रूटीन इम्यूनाइजेशन जारी रखें। वरना इस बीमारी के फिर दस्तक देने से अरबों रुपए बर्बाद होंगे। डॉ। रवि मेहरा ने कहा कि पोलियो मुहिम में रोटरी का ही नाम लोगों को याद रहा जबकि उसमें डॉक्टर्स की अहम भागीदारी थी। ऐसे में हमें इस तरह से काम करने की जरूरत है जिससे हमारे काम के साथ ही हमारा नाम भी लोगों को याद रहे और हमारी अच्छी पहचान समाज में बने।
यूथ विंग का न जुड़ना मुसीबत
आईएमए से युवा डॉक्टर्स का न जुड़ना और इसकी मेंबरशिप के लिए यंग डॉक्टर्स में दिलचस्पी न होना जिम्मेदारों को अखर रहा है। एजेंडे में जनरल सेक्रेटरी डॉ। संजय जैन ने यंग डॉक्टर्स के लिए आईएमए की लाइफ टाइम मेंबरशिप में उन्हें खासा डिस्काउंट दिए जाने का प्रस्ताव दिया। इस दौरान कमेटी के कुछ मेंबर्स ने आईएमए के सिस्टम पर सवाल दागे। उन्होंने पूछा कि नए यंग डॉक्टर्स को जोड़ने चाह रहे हैं, लेकिन आईएमए के पुराने डॉक्टर्स का क्या, जिनकी भागीदारी ऐसे मंच पर नहीं होती।
रजिस्ट्रेश्ान पर रिव्यू
कमेटी की बैठक में डॉक्टर्स का सीएमओ के यहां रजिस्ट्रेशन होने का मामला भी मुद्दा बना। कई मेंबर्स ने कंप्लेन की कि उनके डिस्ट्रिक्ट में सीएमओ के यहां रजिस्ट्रेशन कराने को फीस वसूली जाती है। जबकि रजिस्ट्रेशन के लिए कोई फीस देने का प्रोविजन नहीं है। इस में आगरा का मामला उठा, जहां हाईकोर्ट ने सुप्रीमकोर्ट के सभी डॉक्टर्स के रजिस्ट्रेशन कराने वाले आदेश को लागू कराने पर जोर दिया है। साथ ही ऐसा न करने वालों के खिलाफ पुलिसिया कार्रवाई के आदेश दिए हैं। ऐसी कार्रवाई और हालात के लिए कमेटी मेंबर्स ने डॉक्टर्स को भी दोषी ठहराया जो रजिस्ट्रेशन कराए बिना प्रैक्टिस कर रहे।
सिर्फ नाम की डेढ़ दर्जन ब्रांच
यूपी में अपनी पहचान जनता के हर तबके के खास-ओ-आम की जुबान तक लाने की ख्वाहिशमंद आईएमए के उसके अपने ही इस कवायद में ठंडा रुख अपनाए है। बैठक में कमेटी के जनरल सेक्रेटरी ने बताया कि आईएमए की क्भ् ब्रांच फिलहाल संस्पेड है, जो मानकों के तहत पूरे क्भ् मेंबर्स भी नहीं जुटा सकी। वहीं कई ऐसी ब्रांच हैं जो पिछले ब् साल से कई आईएमए ब्रांच एक्टिव मोड में नहीं है। इनमें कौन पदाधिकारी है, पता ही नहीं। महज वहां के जनरल सेक्रेटरी का नाम और मोबाइल नं। पता है। इन ब्रांच को भेजे जाने वाले लेटर भी वापस बैरंग हो जाते हैं।
लाइसेंस फीस का हाेगा विरोध
प्राइवेट हॉस्पिटल्स व नर्सिग होम्स पर नगर निगम की ओर से लाइसेंस फीस वसूले जाने की सरकारी आदेश का आईएमए यूपी ने विरोध किया है। प्रेसीडेंट डॉ। रवि मेहरा ने कहा कि डॉक्टर्स पहले से ही मेडिकल सर्विसेज के लिए कॉमर्शियल टैक्स भर रहे हैं। उस पर लाइसेंस फीस का रूल बिल्कुल गलत है। आईएमए इसका विरोध करती है और इसके खिलाफ नगर विकास मंत्री, आवास विकास मंत्री और सीएम से अपील की जाएगी। आईएमए यूपी प्रेसीडेंट ने कहा कि अगर पॉलिटिशियन से राहत नहीं मिली तो इस नियम के खिलाफ कोर्ट जाएंगे।
सामाजिक सरोकार से जुड़े काम में आईएमए की जिम्मेदारियों के साथ ही उसका नाम भी उज्जवल हो यही कोशिश है। इसके लिए ब् रोटरी डिस्ट्रिक्ट से साझा मुहिम की बात चल रही है। जिससे लोग हमारे काम को पहचाने। निगम की लाइसेंस फीस के खिलाफ सीएम और आजम खां से मुलाकात करेंगे। अगर राहत नहीं मिली तो कोर्ट जाएंगे.- डॉ। रवि मेहरा, प्रेसीडेंट, आईएमए यूपी