डॉक्टर्स ने की मशक्कत
ओपीडी की टाइमिंग यूं तो 8 बजे से होती है मगर पिछले 9 दिनों से कफ्र्यू के चलते ओपीडी खाली ही रहती थी। मगर मंडे सुबह 9 से शाम 5 बजे की तक ढील दी गई थी। इसका फायदा डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के पेशेंट्स ने भी जमकर उठाया। कफ्र्यू में ढील के निर्धारित वक्त से ही परिसर में भीड़ नजर आने लगी। जो लगभग 2 बजे तक बनी रही। रोजमर्रा से ज्यादा पेशेंट डील करने में डॉक्टर्स को भी खासी मशक्कत करनी पड़ी।
कफ्र्यू के ठीक बाद सिचुएशन के लिए हम तैयार थे। इसलिए कोई खास दिक्कत नहीं आई। सभी पेशेंट्स को अटेंड किया गया।
- डॉ। विजय यादव, चिकित्सा अधीक्षक
मेरे सर में चोट लगी हुई थी। मगर कफ्र्यू के चलते घर से निकल नहीं सकता था। कफ्र्यू खुलते ही मैं ड्रेसिंग कराने चला आया।
- दुर्गा प्रसाद,पेशेंट
मेरे बच्चे की तबियत काफी समय से खराब चल रही थी। मैं इलाज कराना चाहती थी मगर कराती कैसे? अब कफ्र्यू खुला है तो इलाज कराने आई हंू।
- शशि, पेशेंट
मेरे हाथ में फ्रैक्चर हो गया था। प्लास्टर की डेट निकल चुकी है। कफ्र्यू के कारण प्लास्टर कट नहीं पा रहा था। कफ्र्यू में ढील होते ही डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल पहुंच गया।
- हेमराज, पेशेंट