-हत्या कर भाग रहे बेटे को ग्रामीणों ने पकड़ा

-आरोपी बेटे की मानसिक स्थिति बताई खराब

विशारतगंज : गांव ढकौरा में युवक ने जीवन देने वाले अपने पिता की फावड़े से वार कर गर्दन धड़ से अलग कर दी। चीख पुकार मचने पर ग्रामीण दौड़े तो आरोपी भागने लगा, लेकिन गांव वालों ने उसे पकड़ लिया। सूचना पाते ही पुलिस मौके पर पहुंची और उसे गिरफ्तार कर शव पोस्टमार्टम को भेज दिया। हत्यारोपी मनोरोगी बताया जा रहा है। पुलिस ने दूसरे बेटे की तहरीर पर हत्या का केस दर्ज कर लिया है।

आरोपी का चल रहा था इलाज

थाना क्षेत्र के गांव ढकौरा निवासी ईश्वरी प्रसाद (60) के पांच बेटे और दो बेटियां हैं। उनके पास दो मकान हैं। बड़ा बेटा मुनीषलाल व सबसे छोटा बेटा राजेन्द्र और पुत्री हेमवती एक मकान में रहते हैं, जबकि दूसरे मकान मे ईश्वरी प्रसाद पत्नी भानवती के साथ रहते हैं। ईश्वरी प्रसाद का दूसरे नंबर का पुत्र धर्मवीर (27) दो वर्षो से मानसिक रोग से पीडि़त है और उसका बरेली शहर स्थित मानसिक चिकित्सालय से उपचार चल रहा है।

पीछे से कर दिया गर्दन पर वार

ट्यूजडे सुबह करीब साढ़े सात बजे ईश्वरी प्रसाद सोकर उठे और रजाई गद्दा समेट रहे थे। तभी पीछे से पहुंचे उनके बेटे धर्मवीर ने फावड़े से प्रहार कर दिया। देखते ही देखते ईश्वरी लाल की गर्दन धड़ से अलग हो गई और उन्होंने मौके पर ही दम तोड़ दिया। चीख पुकार सुनकर ग्रामीण घर की ओर दौड़े तो आरोपी भागने लगा। ग्रामीणों ने पकड़कर उसे पेड़ से बांध दिया।

दो पालतू जानवरों को भी फावड़े से उड़ाई गर्दन

गांव ढकौरा के लोग एवं ईश्वरी प्रसाद के परिजन के अनुसार धर्मवीर मानसिक बीमारी से पीडि़त है। उसकी मां भानवती ने बताया कि तीन माह पहले धर्मवीर ने फावड़े से अपने पालतू कुत्ते की गर्दन काटकर उसकी हत्या कर दी थी। जबकि दस दिन पहले ही उसने फावड़े से ही पालतू खरगोश को भी काट डाला था।

पिता को दवा खिलाना पड़ा महंगा

हत्यारोपी धर्मवीर ने कहा कि मृतक ईश्वरी प्रसाद मुझे मारने के चक्कर में था। इससे पहले ही उसका काम तमाम कर दिया। परिजनों के मुताबिक मंडे रात ईश्वरी प्रसाद आरापी बेटे को दवा खिलाने का प्रयास किया था, लेकिन उसने दवा खाने से इंकार कर दिया था। इससे ग्रामीणों की मदद से पकड़कर उसे दवा खिलाई गई। शायद इसी बात से नाराज होकर उसने पिता की हत्या कर दी।

हत्या में यूज फावड़े को जब्त कर लिया गया है। आला अफसरों के निर्देश पर हत्यारोपी धर्मवीर को जेल अथवा मानसिक चिकित्सालय भेजने का निर्णय लिया जाएगा।

सुजाउर-रहीम, थानाध्यक्ष, विशारतगंज