- 21 मोबाइल ट्रॉली के दिए गए ऑर्डर
- तीनों डिविजन में रहेगी मोबाइल ट्रॉली की सुविधा
BAREILLY: सब स्टेशन, फीडर और ट्रांसफार्मर खराब होने के बाद भी शहरवासियों को बिजली मिल सकेगी। इस तरह की कोई खराबी आने पर तुरंत ऑल्टरनेटिव व्यवस्था के तौर पर मोबाइल ट्रॉली पहुंचेगी। विभाग के बेड़े में मोबाइल ट्रॉली की संख्या बढ़ेगी। इसके लिए अधिकारियों ने संबंधित कंपनी को ऑर्डर भी दे दिया है। अभी तक मोबाइल ट्रॉली की संख्या कम होने से पूरे शहर को कवर कर पाना मुश्किल होता था.गर्मी में ओवर लोड बढ़ने से अधिक समस्या उत्पन्न होती है। लेकिन इन तमाम समस्या से अब लोगों को राहत मिलेगी।
आएंगी ख्क् मोबाइल ट्रॉली
बिजली विभाग ने मोबाइल ट्रॉली का ऑर्डर तीन कंपनियों को दिया है। पूरे शहर के लिए ख्क् मोबाइल ट्रॉली मंगायी जा रही है। यह तीनों डिविजन में तैनात रहेंगी। विभाग के बेड़े में क्फ् मोबाइल ट्रॉली पहले से हैं। लेकिन यह पर्याप्त मात्रा में नहीं है।
ब्00 केवीए की होगी क्षमता
प्रत्येक मोबाइल ट्रॉली की क्षमता ब्00 केवीए की होगी। अधिकारियों ने बताया कि एक मोबाइल ट्रॉली की कीमत ब् लाख के करीब है। वहीं गर्मी में बिजली चोर कटिया न मार सके इसके लिए ब्ब् किलोमीटर तक लाइन बिछाने के लिए बंच कंडक्टर केबल भी मंगाए गए हैं। विभाग ने सर्वे का काम शुरू कर ि1दया है।
ख्0 मेगावॉट तक एक्स्ट्रा खपत
समर में करीब ख्0 मेगावॉट बिजली की एक्स्ट्रा खपत होगी। गर्मी में एसी, कूलर और फैन का इस्तेमाल ज्यादा होने से बिजली की डिमांड काफी बढ़ जाती है। वर्तमान समय में ट्रांसमिशन से डिस्ट्रिब्यूशन को फ्क्8 मेगावॉट बिजली की सप्लाई की जा रही है। इनमें से क्फ्ख् के एमवीए कैंट से क्0फ् मेगावॉट, बालीपुर ब्0 एमवीए से ख्भ् मेगावॉट, सीबीगंज क्0फ् एमवीए से 90 मेगावॉट व दोहना क्80 एमवीए से क्00 मेगावॉट बिजली शहर को मिल रही है।
लाइन लॉस भी कम नहीं
यहीं नहीं समर में कई यूनिट बिजली लॉस में चली जाती है। डिपार्टमेंटल लैंग्वेज में लाइन लॉस को 'एग्रीग्रेटेड टेक्निकल एंड कॉमर्शियल लॉस' बोलते हैं। यानि पावर कॉर्पोरेशन का मानना है कि बिजली की बर्बादी दो तरह से होती है। एक टेक्निकल और दूसरा कॉमर्शियल। प्रजेंट टाइम में टाइम में टेक्निकल और कॉमर्शियल दोनों ही रूपों में लाइन लॉस देखने को मिल रहा है। विभाग की नजर में समर में सबसे अधिक समस्या जगतपुर, कोहाड़ापीर, शहदाना और सुभाषनगर में होती है।
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मोबाइल ट्रॉली के लिए ऑर्डर दिए जा चुके हैं। इससे काफी हद तक राहत मिलेगी। कहीं कोई खराबी आने पर तुरंत बिजली सप्लाई शुरू की जा सकेगी।
एनके श्रीवास्तव, एसई, बिजली विभाग