Life को short करते cuts
सिटी में लगातार बढ़ते एक्सीडेंट्स की मुख्य वजह में सड़कों पर जगह-जगह बने कट भी हैं। आलम यह कि ये कट लाइफ को हन्ी शॉर्ट बना रहे हैं। इन डेंजरस कट का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सैटेलाइट से बीसलपुर चौराहे तक के करीब डेढ़ किमी के सफर में आपका वास्ता 15 कट से पड़ेगा। दूसरे शब्दों में कहें तो, संभलकर नहीं चले तो हर 100 मीटर पर एक हादसा आपका इंतजार करता है।
जल्दबाजी का चक्कर
बरेली की सड़कों पर जगह-जगह कट बने हैं। पीलीभीत रोड, नैनीताल रोड, शाहजहांपुर रोड, रामपुर रोड, स्टेडियम व शहर के अंदर आने वाली सभी रोड पर करीब 100 मीटर की दूरी पर कट बने हुए हैं। जल्दबाजी में लोग इन्हीं कट से रोड क्रॉस करते हैं। रोड क्रॉस करते वक्त वो सिर्फ एक साइड से आने वाले वाहन को ही देख पाते हैं तब तक दूसरी तरह से तेज गति से आ रहा वाहन टक्कर मार देता है।
सिटी के अधिकांश चौराहे बेतरतीब बने हैं। ऐसे चौराहों में सैटेलाइट , श्यामगंज चौराहा, अयूब खां चौराहा, चौपुला चौराहा, नावेल्टी चौराहा, बीसलपुर चौराहा व रेलवे जंक्शन चौराहा मेन हैं। कहीं भी स्टॉप लाइन व जेब्रा क्रॉसिंग नहीं है। इसके अलावा चौराहों को जोडऩे वाली रोड सामने से नहीं मिलती हैं। जैसे सैटेलाइट चौराहे पर सेना से आने वाली रोड काफी दूर है। वहीं बीसलपुर चौराहे पर बीच में कोई भी सर्किल नहीं है। चौकी चौराहे पर बीच में दुकान है। चौपुला चौराहे पर पुल से उतरने के बाद एक और चौराहा है।
चौराहों पर नही हैं आई लैंड
अधिकांश चौराहों पर ट्रैफिक पुलिसकर्मी के खड़े होने के लिए आई लैंड नहीं बने हैं। इससे ट्रैफिक पुलिस को वाहनों को रोकने में प्रॉब्लम होती है। सिर्फ चौकी चौराहा पर आईलैंड है लेकिन वो साइड में बना है।
ट्रैफिक सिपाहियों का टोटा
रोड पर बेतरतीब चलने वाले वाहनों पर लगाम कसने में ट्रैफिक पुलिस भी नाकाम रहती है। इसकी मुख्य वजह है बढ़ते वाहनों की संख्या और की कमी। ट्रैफिक पुलिस की मानें तो ट्रैफिक कंट्रोल के लिए करीब 200 पुलिसकर्मियों की जरूरत है लेकिन मौजूदा समय में 1 टीआई, 2 टीएसआई, 13 हेड कांस्टेबल, 60 कांस्टेबल मिलाकर कुल 76 पुलिसकर्मी हैं जो आधे से भी कम हैं।
City के death points
सबसे ज्यादा एक्सीडेंट वाले जोन चौपुला चौराहा, बदायूं रोड, करगैना चौकी, सैटेलाइट चौराहा, बियावान कोठी, बीसलपुर चौराहा, संजय नगर वाईपास, रुहेलखंड यूनिवर्सिटी के सामने, स्टेडियम रोड, मिनी वाईपास, नैनीताल रोड, कर्मचारी नगर, किला पुल, सिटी स्टेशन व श्मसान घाट, मथुरापुर सीबीगंज, नकटिया व नरियावल हैं। ये सभी वो प्वाइंट हैं जिनपर आए दिन एक्सीडेंट होते ही हैं। असल में इन सभी सड़कों पर भारी वाहन भी फर्राटा भरते हैं जिससे एक्सीडेंट की संभावना ज्यादा रहती है। इन प्वाइंट्स को ट्रैफिक पुलिस भी डेंजरस मानती है।
रोड पर नहीं हैं reflecter
नाइट में एक्सीडेंट से बचने के लिए रिफ्लेक्टर लगाए जाते हैं लेकिन सिटी की सड़कों पर लगे अधिकांश रिफ्लेक्टर खराब पड़े हैं। शाहजहांपुर रोड, पीलीभीत, रामपुर, बदायूं और नैनीताल रोड सिटी के चारों एरिया को घेरती हैं। शाहजहांपुर रोड पर कुछ दूरी तक रिफ्लेक्टर लगाए गए थे लेकिन वो काफी दिन से खराब हैं। कुछ ऐसा ही हाल पीलीभीत रोड का है। रामपुर रोड पर जरूर कुछ रिफ्लेक्टर लोगों का अलर्ट करते हैं।
बरेली में बढ़ता मौत का आंकड़ा
ईयर एक्सीडेंट डेथ इंजर्ड
2008 342 224 381
2009 349 251 410
2010 400 253 469
2011 701 310 463
2012 673 248 439
(अक्टूबर तक)
Accident in December
10 - बदायूं रोड पर ट्रक में घुसी कार
9 - स्टेडियम रोड पर ट्रक ने स्कूटी में मारी टक्कर, 8 वर्षीय पूजा की मौत
8 - चौपुला चौराहा पर ट्रक की टक्कर से स्कूटी सवार ग्याहरवीं का छात्र अंकित गंभीर रूप से घायल
3 - सीबीगंज में परसाखेड़ा में ट्रक की टक्कर से बाइक सवार सुपरवाइजर नरेंद्र की मौत
1 - बदायूं रोड पर करगैना में ट्रैक्टर व कार की टक्कर में कार सवार तीन लोगों की मौत, 6 घायल
नवंबर ने भी उड़ाई नींद
30 - पीलीभीत बाईपास पर इंजीनियरिंग कॉलेज की बस ट्रक से टकराई, डेढ़ दर्जन से अधिक घायल
25- इज्जतनगर में प्राइवेट बस की टक्कर से 14 वर्षीय आरिफ की मौत
15 - सीबीगंज में ट्रक में ऑटो घुसा, फौजी की मौत
11 - रुहेलखंड चौकी के पास प्राइवेट बस की टक्कर से युवक की मौत
3- सुभाष नगर करगैना चौकी के ट्रक की टक्कर से 11 वीं की छात्रा की मौत
Be alert
* वाहन में रिफ्लेक्टर और इंडिकेटर ठीक रखें।
* मुडऩे से पहले इंडिकेटर का इस्तेमाल जरूर करें।
* कोहरे में फॉग लाइट का इस्तेमाल करना बहुत जरूरी है।
* नाइट में अपनी गाड़ी की रफ्तार कम रखें।
* रोड के किनारे बनीं यलो व व्हाइट पट्टी का रखें ध्यान।
* व्हीकल खराब होने पर रिफ्लेक्टर ऑन करके रखें।
* बाइक सवार हेल्मेट के बिना सफर न करें।
* कार सवार सीट बेल्ट लगाकर ही चलें।
* रोड क्रॉस करते वक्त दोनों तरफ जरूर देखें।
ठंड और कोहरा बढऩे के बाद रोड एक्सीडेंट में तेजी से इजाफा होता है। वाहन चालकों को रिफ्लेक्टर, फॉग लाइट जैसे चीजों का ध्यान रखकर वाहन चलाना चाहिए। स्पीड भी लिमिट में रखनी चाहिए। कुछ एरिया काफी डेंजरस हैं। इन एरिया में ज्यादा सावधानी की जरूरत है।
-रमेश त्रिपाठी,
ट्रैफिक इंस्पेक्टर