- बारिश के चलते मैक्सिमम टेम्प्रेचर सामान्य से 6 प्वाइंट गिरा
- बारिश किसानों के लिए अच्छी बशर्ते न चले तेज हवा
BAREILLY: मौसम के बदलते मिजाज ने एक बार फिर ठंड का अहसास करा दिया है। संडे को सुबह से ही आसमान में बदलों का डेरा रहा। एक-दो बार सूरज ने चमक बिखेरनी भी चाही लेकिन जल्द ही घने बादलों ने उसे अपनी गिरफ्त में ले लिया। इस बीच बारिश होने से चढ़ते पारे का तेवर भी ठंडा पड़ गया। सुबह बूंदाबांदी के बाद देर शाम हुई बारिश से मौसम ने एक बार फिर यू टर्न ले लिया। मौसम का बिगड़ता मिजाज का सबसे बड़ा कारण है पाकिस्तान के दक्षिण और राजस्थान के दक्षिण-पश्चिम में अपर साइक्लोनिक सर्कुलेशन का असर। जोकि, निम्न दाब क्षेत्र का निर्माण कर रहा है।
नमी बनी बारिश का कारण
अपर साइक्लोनिक सर्कुलेशन वेस्टर्न डिस्टर्बेश का प्रमुख कारण है। जिस वजह से बरेली के नीचले स्तर पर नमी की मात्रा मिल रही है। जम्मू कश्मीर से बारिश वाले बादल स्टे लेकर मैदानी क्षेत्रों में आ रहे हैं। जो बारिश का सबसे बड़ा कारण बन रहे हैं। वेदर एक्सपर्ट डॉ। एचएस कुशवाहा की मानें तो मौसम में यह बदलाव अगले ब्8 घंटे तक रहेगा। इसके बाद स्थिति सामान्य हो जाएगी। संडे को ख्.ब् एमएम तक बारिश हुई। बारिश के चलते संडे को मैक्सिमम टेम्प्रेचर का ग्राफ सैटरडे के मुकाबले काफी नीचे आ गया। सैटरडे को जहां मैक्सिमम टेम्प्रेचर ख्9.9 डिग्री रहा वहीं संडे को ख्फ्.7 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। जो कि सामान्य से म् प्वाइंट कम रहा। जबकि, संडे को मिनिमम टेम्प्रेचर क्7.7 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।
घबराने की जरुरत नहीं
संडे को सुबह हुई बूंदाबांदी और देर शाम हुई बारिश से किसानों को घबराने की जरूरत नहीं है। हालांकि बारिश के साथ तेज हवा भी चली तो फिर दिक्कत होगी। पिछले दिनों हुई बारिश और हवा के चलते किसानों की पहले ही फसल चौपट हो चुकी है। वेदर एक्सपर्ट का कहना है कि, हवा से फसलें जमीन में लेट जाती हैं। इसके चलते फसलों में लगने वाली फली कमजोर पड़ जाती है। हालांकि, मौसम में हो रहा उतार-चढ़ाव लोगों की सेहत बिगाड़ सकता है। डॉक्टर्स की मानें तो, इस तरह के मौसम में बेहद अलर्ट रहने की जरूरत है। नहीं तो आप उल्टी, दस्त, मलेरिया और सीजन बुखार की चपेट में आ सकते हैं।