रेली (ब्यूरो)। जाने-अंजाने में अपराध करने के बाद आरोपित को जेल में इसकी सजा काटनी पड़ती है। ऐसे में कभी-कभी बंदी की मेंटल हेल्थ बिगड़ जाती है। ऐसे बंदियों के लिए जेल में अब संगीत और योग अच्छा सहारा बना है। जेल प्रशासन भी उन्हें ऐसा महौल दे रहा है, जिससे वह अकेलापन महसूस न कर सकें। इसको लेकर शासन तरह-तरह के उपाय कर रहा है, जिससे कि बंदी पूरी तरह से तनाव मुक्त और स्वस्थ रहे। जेल में संगीत, योग, खेल, टीवी देखना, अपनों से बातचीत के लिए उनको कॉल करना और मनपसंद खाने के लिए कैंटीन जैसी सुविधाएं दी जा रही है। यही वजह है कि अब जेल में बंदियों की खुदकुशी के मामले न के बराबर रह गए हैं।

टीवी, म्यूजिक का ले रहे आनंद
जिला जेल में करीब 23 सौ से ज्यादा बंदी हैं। वह तनाव मुक्त रहे इसको लेकर बैरिकों में एलईडी टीवी भी लगाई गई है। हाल में ही हुए वन डे इंटरनेशनल क्रिकेट टूर्नामेंट के सभी मैच बंदियों को दिखाए गए। इसके साथ बंदी म्यूजिक और फिल्मों का भी आनंद ले रहे हैं।

करते हैं योग
तनाव से दूर रहने के लिए जेल के बंदी योग, मेडिटेशन के साथ ही दूसरी तरह की एक्सरसाइज करते हैं। इसका वह एक्सपर्ट की निगरानी में नियमित अभ्यास भी करते हैं। जेल प्रशासन की ओर से यह सारी कवायद बंदियों को मेंटली और फिजिकली फिट रखने के लिए की जाती है।

होती है काउंसलिंग
जेल प्रशासन सभी बंदियों पर नजर रखता है। अगर किसी बंदी के व्यवहार में कोई बदलाव दिखता है, तो जेल प्रशासन ऐसे बंदियों को चिह्नित करता है। इसके बाद उनकी समय-समय पर काउंसलिंग की जाती है। इसके बाद उनकी लगातार निगरानी कराई जाती है।

खेलते हैं खो-खो और कबड्डी
बंदियों को तनाव मुक्त रखने के साथ ही उनके मनोरंजन के लिए जेल में स्पोट्र्स इवेंट भी कराए जाते हैं। इसमें बंदी खो-खो, कबड्डी के साथ ही अन्य खेल भी खेलते हैं। इसके लिए शासन से भी समय-समय पर दिशा निर्देश जारी होते रहते हैं। जेल में हर फेस्टिवल को भी पूरे उत्साह के साथ मनाया जाता है।

खा सकते हैं मन पसंद खाना
कई बार बंदियों को जेल का खाना पसंद नहीं आता है। इसको लेकर भी वह परेशान और तनाव में होते थे। शासन ने इसको गंभीरता से लेकर जेल में कैंटीन खुलवाई। जिला केन्द्रीय कारागार टू में भी कैंटीन खुली है। कैंटीन से बंदी अपने पसंद का खाना खा सकते हैं। कैंटीन में हर चीज का रेट निर्धारित है। बंदी एक सप्ताह में सिर्फ छह सौ रुपए तक ही कैंटीन से सामान खरीद सकता है।

कर सकते हैं कॉल
कई बार बंदियों के परिजन उनसे काफी दिनों तक मुलाकात करने नहीं आते हैं। इस वजह से भी बंदी डिप्रेशन में चले जाते हैं। बंदियों को इससे बचाने के लिए जेल प्रशासन उनकी उनके परिजनों से बात भी करवाते हैं। परिजनों से बात कर बंदियों का डिप्रेशन काफी हद तक कम होता है।

जेल में बंदियों की हर सुख-सुविधा का ध्यान रखा जाता है। उन्हें खुला माहौल दिया जा रहा है। संगीत के साथ ही बंदी योग भी करते हैं। उनकी काउंसलिंग भी कराई जाती है।

विपिन मिश्र, जेल अधीक्षक
जिला केन्द्रीय कारागार टू