बरेली(ब्यूरो)। जिसके राहु-केतु ठीक नहीं होते, उसे इस बात का पता चलते ही टेंशन होने लगती है। माना जाता है कि जिस पर यह संकट होता है, उसका समय अच्छा नहीं चलता। यानी उसकी लाइफ में काफी उतार-चढाव रहते हैं। इससे बचने के लिए लोग तरह-तरह के उपाय भी करते हैं ताकि उनकी समस्या दूर हो सके। कुछ विद्वानों के अनुसार राशि के अनुसार पौधे लगा कर लोग ग्रहों की समस्या से छुटकारा पा सकते हैं, लेकिन इस बात का आम लोगों को पता कैसे चले कि किस राशि या ग्रह के अनुसार कौन सा पौधा लगाना है। इस प्रॉब्लम को सॉल्व करने के लिए ही बीडीए ने नौग्रह वाटिका बनाकर पहल की है। यह वाटिका धोपेश्वर नाथ मंदिर में तैयार की गई है।
अनदेखी पड़ रही भारी
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहों की स्थिति को ध्यान में रखते हुए निर्धारित दिशा में वृक्ष की स्थापना कर नवग्रह वाटिका का निर्माण किया गया ताकि ग्रहों के प्रतिकूल प्रभाव को समन करते करने के उद्देश्य से किया जाए। इसे बनाने का परपज यह ही था कि लोग ग्रह वाटिका के बारे में जानें। लेकिन अहम बात यह है कि जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते वाटिका में लगाए गए पौधों में बाकी सब तो ठीक है, लेकिन राहु और केतु के साथ शनि के पौधे सूख गए हैं। इन्हे देख कर ऐसा लग रहा जैसे वाटिका पर राहु-केतु के साथ शनिदेव की भी दृष्टि टेढ़ी हो गई हो।
यह है मान्यता
मान्यता है कि इन ग्रहों की विभिन्न दशा में स्थिति का विभिन्न मनुष्यों पर विभिन्न प्रकार से प्रभाव पड़ता है। यह प्रभाव अनुकूल और प्रतिकूल दोनों होते हैं, ग्रहों के प्रतिकूल प्रभाव के शमन के अनेक उपाय बताए गए हैं। जिनमें से एक उपाय यज्ञ भी है। साथ ही राशि अनुसार पौधरोपण भी।
अनदेखी का हुए शिकार
वाटिका में लगे पौधे देखरेख के अभाव व आने-जाने वालों की नासमझी के कारण सूखने लगे हैं। विशेषकर दूब, कुश और शमी के पौधे सूखने लगे हैं। शास्त्रों के अनुसार इन पौधों को पवित्र मामना गया है। मान्यता है कि इन्हें अपवित्र हाथों से स्पर्श करने से भी ये सूखने लगते हैं। मंदिर के पुजारी के अनुसार अक्सर पौधे इस लिए भी सूख रहे है क्योंकि कुछ लोग चप्पल पहन कर उनके पास चले जाते हैं और गंदे हाथों से पौधों को स्पर्श करते है। बच्चे बार बार पौधों के पास जाकर खेलते है। फोटो खींचते हैं। इससे भी पौधों पर बुरा प्रभाव पड़ता है। उन्होंने बताया कि उन पर गंगा जल का छिडक़ाव भी किया गया ताकि वे फिर सही हो सकें। लेकिन असर नहीं पड़ा। इन पर हरियाली नहीं आई। धोपेश्वर नाथ मंदिर में जिस जगह पर नवग्रह वाटिका बनाई गई है। वहां पर पहले से बड़े वृक्ष भी लगे हंै। विशेषज्ञों के अनुसार जिस जगह पर छांव होती है, वहां पर हरियाली कम ही रुक पाती है।
बोले पंडित जी
नौ ग्रह वाटिका में जो पौधे लगाए गए हैं, उनकी अच्री तरह देखभाल भी की जाती है। गर्मी के चलते कुछ पौधे सूख गए हैं। बारिश होने पर वो ठीक हो जाएंगे।
पंडित घनश्याम जोशी
ग्रह के अनुसार लगाएं पौधे
केतु के लिए कुश
राहु के लिए दूब
शनि के लिए शमी
बृहस्पति के लिए पीपल
सूर्य के लिए आक
मंगल के लिए खैर
बुध के लिए लटजीरा
शुक्र के लिए गूलर
चंद्रमा के लिए ढाक
ये होते हैं नौ ग्रह
सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि राहु और केतु