बरेली (ब्यूरो)। बरेली कॉलेज शहर की शान है, पहचान भी है और शहर को इस पर गुमान भी है। ब्रिटिश कालीन इस कॉलेज में अब स्थितियां उतनी बेहतर नहीं हैं, जितनी की दरकार है। यहां गल्र्स तक के लिए बेसिक फैसिलिटीज का अभाव है। कहने को तो नॉम्र्स के मुताबिक यहां गल्र्स कॉमन रूम यानी जीसीआर है, पर इसमें नॉम्र्स ही पुलफिल नहीं है। इससे यह जीसीआर बस एक क्लारूम भर ही है।
चलती हैं एनसीसी क्लास
जीसीआर की व्यवस्थाओं से खुद ही स्टूडेंट्स ही सेटिसफाई नहीं हैं। उनका कहना है कि यहां आकर ऐसा लगता है जैसे एक क्लास करने के बाद दूसरी क्लास में आ गए हों। जीसीआर में सुविधाओं का अभाव होने से यहां गल्र्स ज्यादा देर तक रुकना भी पंसद नहीं करती हैं। जीसीआर की कोऑर्डिनेटर लेफ्टिनेंट बीनम सक्सेना बताती हैं यहां एनसीस कैडेट्स की क्लासेज भी लगती हैं।
वॉशरूम में नहीं पानी
हाइजीनिक वॉशरूम जीसीआर की सबसे पहली बेसिक जरूरत है। बरेली कॉलेज के जीसीआर में इस जरूरत का ही सबसे बुरा हाल है। यहां वॉशरूम में पानी तक नहीं है। स्टूडेंट्स का कहना है कि जीसीआर में पानी ही नहीं आता है। वॉशरूम में सेनिटेशन की भी बुहत बड़ी प्रॉब्लम है।
ड्रिंकिंग वाटर का भी टोटा
कॉलेज कैंपस में हर रोज सैकड़ों स्टूडेंट्स कम से कम चार से पांच घंटा तो गुजारते ही हैं। इस बीच उन्हें पीने के लिए पानी की जरूरत तो होती है, पर कॉलेज पानी का ही टोटा है। पानी के लिए स्टूडेंट्स एक वाटर पोस्ट से दूसरे वाटर पोस्ट का चक्कर लगाते रहते हैं। उन्हें हर जगह टैप सूखे ही मिलते हैं। कहने को कॉलेज में कई जगह हैंडपंप भी लगे हैं, पर इनमें से अधिकांश खराब पड़े हुए हैं।
एंटरटेनमेंट की व्यवस्था नहीं
जीसीआर गल्र्स के लिए रेस्ट रूम होता है। यहां गल्र्स खुल कर एंज्वाय कर सकती हैं, लेकिन बरेली कॉलेज के जीसीआर में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है। यहां पर कोई बुक्स, न्यूजपेपर्र मैगजीन्स या दूसरे नॉलेजबल और एंटरटेनमेंट वाली बुक्स भी नहीं हैं। गल्र्स का कहना है कि यहां पर गेम्स की भी कोई व्यवस्था नहीं है। फिर चाहे वह इंडोर हो या आउटडोर। यहां गल्र्स सिर्फ मोबाइल गेम में ही अपना समय गुजार सकती हैं।
यह है यूजीसी की गाइडलाइन
यूजीसी के नॉम्र्स के मुताबिक गल्र्स कॉमन रूम हर कोएड कॉलेज और यूनिवर्सिटी मेें होना चाहिए। इसके अलावा गल्र्स के लिए कुछ बेसिक नीड्स वाली चीजें भी जीसीआर में होनी चाहिए। जैसे की पढऩे के लिए बुक्स, मैगजीन्स, सेनेट्री नैपकिन वेंंडिंग मशीन, इंडोर गेम्स, फस्र्ट एड, ड्रिंकिंग वॉटर, डस्टबिन, कंप्लेन वॉक्स आदि
जीसीआर में बहुत ही कम सुविधाएं हैं। एंंज्वायमेंट के नाम पर यहांं सिर्फ क्लास की सीट्स ही पड़ी हुई हैैं। वॉशरूम तक की भी दिक्कत है1
सानिया पाण्डेय, स्टूडेंट
जीसीआर हमारे रेस्ट के लिए होता है। यहां पर कोई ऐसी चीज नहीं है, जिसके चलते हम यह कह सकें की यह जीसीआर है। यह लगता ही नहीं है कि बरेली कॉलेज का जीसीआर है।
सौम्या, स्टूडेंट
जीसीआर में पानी की सबसे बड़ी प्रॉब्लम है। वैसे तो यह प्रॉब्लम पूरे कॉलेज की ही है। यहां पर कम से कम एक पानी का कंटेनर भी नहीं रखा जा सकता है।
ईशा सोनकर, स्टूडेंट
एनईपी के सेशन को लाइन पर लाने के लिए कॉलेज में लगातार एग्जाम चल रहे हैैं। इसकी वजह से दूसरी चीजों को व्यवस्थित करने और उन्हें सुचारू रूप में लाने के लिए सयम का अभाव है। जल्दी ही सभी चीजें व्यवस्थित हो जाएंगी।
डॉ। बीनम सक्सेना, डीन, स्टूडेंट वेेलफेयर