(बरेली ब्यूरो)। एमजेपीआरयू के 19वां दीक्षांत समारोह का थर्सडे को कैंपस के एमबीए हॉल में आयोजित हुआ। दीक्षांत समारोह का इनॉग्रेशन राजभवन से कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने ऑनलाइन जुडक़र किया। मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि स्टूडेंट्स ने ज्ञान प्राप्त करने के लिए और सामाजिक-मानवीय मूल्यों को बढ़ाने के लिए कड़ी मेहनत की है। उन्होंने कहा कि स्टूडेंट्स ङ्क्षजदगी में हर क्षेत्र में उपलब्धि हासिल करें। इसके साथ ही कर्तव्यनिष्ठा, नैतिकता, ईमानदारी, करुणा और दया जैसे गुणों को भी अपनाएं और सर्वगुण संपन्न होकर प्रदेश और देश के लिए महत्वपूर्ण योगदान दें। ऑनलाइन हुए कार्यक्रम में कुलाधिपति द्वारा 92 छात्र-छात्राओं को गोल्ड मेडल प्रदान किए गए। जिसमें 62 गोल्ड मेडल छात्राओं को मिले। छात्राओं को अधिक मेडल मिलने पर कुलाधिपति ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि बेटियां पढ़ती हैं तो सात पीढिय़ों तक ज्ञान का प्रसार होता है। वे स्वयं शिक्षित होती हैं तो अपने बच्चों को भी शिक्षा देने में समर्थ होती हैं, हमारी बेटियां उच्च शिक्षा की ओर बढ़ रही हैं। समान अवसर मिलने पर प्राय: हमारी बेटियां लडक़ों से आगे निकल जाती हैं। आज की बेटियों की यह संख्या इसी बात का स्पष्ट उदाहरण है। उन्होंने छात्रों को भी अधिक मेहनत कर उपलिब्धयां प्राप्त करने को प्रेरित किया।
कुलाधिपति ने कहा कि शिक्षक पाठ्य पुस्तकों के साथ ही व्यावहारिक ज्ञान से भी स्टूडेंट्स को परिचित कराएं। हर विद्यार्थी में छुपी हुई प्रतिभा को पहचान उसे निखारें और देश के लिए उसे उपयोग में लाएं। आगामी विधानसभा चुनाव पर 18 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों से मताधिकार का इस्तेमाल अवश्य करने व दूसरों को मतदान के लिए जागरूक व प्रेरित करने को कहा। वहीं कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद संघ लोक सेवा आयोग दिल्ली के अध्यक्ष डॉ। प्रदीप कुमार जोशी ने शिक्षा में रोजगारपरक कौशल विकास के साथ-साथ मानवीय मूल्यों की स्थापना करने वाले विषयों की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सभी के लिए अपने संविधान और मूल कर्तव्यों की जानकारी जरूरी है। स्टूडेंट्स को सतत ज्ञान प्राप्त करते रहने और अपने क्षेत्र में चरमोत्कर्ष प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया।
वेबसाइट का किया उद्घाटन
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने क्षय रोग से ग्रसित बच्चों की मदद के लिए विश्वविद्यालय द्वारा बनाई गई वेबसाइट का उद्घाटन एवं विश्वविद्यालय के वार्षिक प्रतिवेदन, कुलपति द्वारा लिखित पुस्तकों एवं विश्वविद्यालय की परिनियमावली के नवीनतम संस्करण का विमोचन भी किया गया। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो। केपी ङ्क्षसह ने बताया कि विवि द्वारा गोद लिए गांव डोहरिया एवं पडरी में बच्चों के लिए 50 बैग, 100 पुस्तकें व मिठाई भेंट की गई हैं। कोरोना संक्रमण के ²ष्टिगत बच्चों को समारोह में न बुलाकर भेंट उनके गावों में उपलब्ध कराई जाएगी।
दूसरी बार ऑनलाइन हुआ दीक्षांत समारोह
एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय की स्थापना15 फरवरी 1975 में हुई थी। इसके बाद से अब तक रुहेलखंड विश्वविद्यालय के 18 दीक्षांत समारोह आयोजित किए जा चुके थे, लेकिन गुरुवार 27 जनवरी को 19 वां दीक्षांत समारोह एकदम अलग था। ऐसा दूसरी बार हुआ जब सीमित संख्या में छात्र रहे। उन्हीं छात्रों को बुलाया गया जिन्हें मेडल दिए जाने थे, जबकि मेडल पाने वाले छात्रों के भी अभिभावक दीक्षांत समारोह में शामिल नहीं हो सके। 19वें दीक्षांत समारोह में कुल 92 छात्रों को मेडल व उपाधि देकर सम्मानित किया गया। विश्वविद्यालय से 27 राजकीय, 29 अनुदानित व 516 स्ववित्तपोषित महाविद्यालय संबद्ध है। इसके परिसर में 27 अलग-अलग विषयों के विभाग हैं। लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते दीक्षांत समारोह में मात्र सौ लोगों को ही स्थान दिया गया। दीक्षांत समारोह के बाद स्वल्पाहार कराए जाने की जगह लंच पैकेट बनवाकर दिए गए।
&आरयू मेरे लिए अपरिचित नहीं&य
संघ लोक सेवा आयोग दिल्ली के अध्यक्ष डॉ। प्रदीप कुमार जोशी ने कहा कि रुविवि मेरे लिए कोई अपरिचित संस्थान नहीं है। कहा कि मैं स्वयं इस विश्वविद्यालय के प्रमुख अंग बरेली कालेज में शिक्षक के रूप में कार्यरत रहा हूं। कुछ समय विवि के प्रबंधन विभाग में रीडर भी रहा। कहा कि देश में संचार क्रांति के साथ-साथ वर्तमान में संस्कार क्रांति भी आवश्यकता है। प्राचीन ङ्क्षचतन परंपरा का समावेश कर शिक्षा देने का प्रयास होना चाहिए। दीक्षांत शिक्षा का अंत नहीं है, सफलता की सीढ़ी कठिन परिश्रम से ही बनती है, इसलिए जीवन में लक्ष्य बनाकर कार्य करें। स्टूडेंट्स से काफी कुछ आशाएं समाज व राष्ट्र को है, जिस पर वह सभी खरा उतरने का प्रयास करें।
2021 में कई उपलब्धियां की हासिल
वीसी प्रो। केपी ङ्क्षसह ने बताया कि रुविवि ने 2021 में सबसे पहले नई शिक्षा नीति-2020 को अंगीकार करने वाला विवि बना। साथ ही ग्रास रूट इनोवेशन सेंटर, रुहेलखण्ड इन्क्यूबेशन फाउंडेशन, शोध निदेशालय, अंतरराष्ट्रीय संबंधों का निदेशालय, सोशल एवं कारपोरेट मामलों का निदेशालय, आइपीआर सेल, महिला अध्ययन उत्कृष्टता केंद्र, बहुभाषीय अध्ययन का उत्कृष्टता केंद्र, कंसलटेंसी सेल, आइडीपी एवं रैंङ्क्षकग सेल, शिक्षक कल्याण कोष रेग्यूलेश-2021, ऑनलाइन प्रोक्योरमेंट रेग्यूलेशन-2021 आदि की स्थापना व निर्माण महत्वपूर्ण रहें। ये सभी सेल, सेन्टर एवं निदेशालय विश्वविद्यालय में अच्छा काम कर रहे हैं। जिसके कारण इस वर्ष जहां एक लाख 70 हजार के करीब प्रवेश होते थे। उसकी जगह इस वर्ष में दो लाख 15 हजार के करीब नये प्रवेश हुए हैं।
43 नवीन पाठ्यक्रम होंगे शुरू
राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप रुविवि में स्नातक, परास्नातक, डिप्लोमा एवं वोकेशनल कोर्सेज के 43 नए पाठयक्रम शुरु होंगे। इससे छात्र-छात्राओं को रोजगार परक और उच्चगुणवत्ता की शिक्षा उपलब्ध होगी। कुलपति ने बताया कि विवि साहित्य चोरी रोकने के लिए टर्निटिन व उरकुंड जैसे साफ्टवेयर का प्रयोग भी परिसर सहित सभी महाविद्यालयों को उपलब्ध कराता है। विवि में 22 विभिन्न विषयों के पीएचडी शोध कार्य भी शुरु होने जा रहे हैं। जिसमें कृषि, आयुर्वेद एवं इंजीनियङ्क्षरग और फार्मेसी शामिल हैं। इन शोध कार्यों से रुहेलखंड क्षेत्र को एक नई दिशा प्राप्त होगी।
यूएसए व इजराइल से होगा एमओयू साइन
वीसी ने बताया कि विवि द्वारा एनईपी-2020 को क्रियांनवित करने के लिए विभिन्न राष्ट्रीय एवं अतंरराष्ट्रीय संस्थानों के साथ सत्र 2020-2021 में कई एमओयू (सहमति पत्र) पर हस्ताक्षर किए गए हैं। भारत स्थित ताइवान आर्थिक एवं सांस्कृतिक केंद्र के साथ एमओयू हुआ है। जिसके तहत हिन्दी-मैंडरिन, अंग्रेजी-मैंडरिन का डिप्लोमा एवं सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम शीघ्र ही शुरु होना है। देश के जाने-माने आर्य भट्ट रिसर्च इन्स्टीट््यूट ऑफ आब्जर्वेशनल साईंस, नैनीताल तथा नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन अहमदाबाद के साथ भी शोध एवं नवाचार में काम करने के लिए एमओयू हस्ताक्षरित हुआ। जल्द ही विश्वविद्यालय जोन कोरोल यूनिवर्सिटी यूएसए तथा इजराइल के वोलकनी इन्स्टीट््यूट से भी एमओयू साइन करने जा रहा है।
फैक्ट एंड फिगर
15-फरवरी 1975 को हुई थी एमजेपीआरयू की स्थापना
27-राजकीय महाविद्यालय हैं एमजेपीआरयू से एफिलेटेड
29-एडेड महाविद्यालय हैं एमजेपीआरयू से एफिलेटेड
516-सेल्फ फाइनेंस महाविद्यालय हैं एफिलेटेड
27-डिपार्टमेंट हैं एमजेपीआरयू कैंपस में संचालित
19-वां दीक्षांत समारोह हुआ आरयू का संपन्न
100-लोगों को ही दीक्षांत समारोह में शमिल होने के लिए दी गई अनुमति
92-स्टूडेंट्स को दिया गया गोल्ड मेडल
62-छात्राएं शामिल रहीं गोल्ड मेडल पाने वालों में
30-छात्र शामिल रहे गोल्ड मेडल पाने वालों में