- 'हैं तैयार हम' कैंपेन में बरेलियंस ने रखे अपने विचार

- बदलते परिवेश के साथ सोच भी बदलें।

BAREILLY: लोकसभा इलेक्शंस को लेकर बरेलियंस का उत्साह दिनों दिन बढ़ता ही जा रहा है। हो भी क्यों ना आई नेक्स्ट का साथ पाकर उन्हें अपने मुद्दे चुनने के मौके जो मिल रहे हैं। संडे को 'हैं तैयार हम' कैंपेन में शामिल होकर सैकड़ों बरेलियंस ने अपने मुद्दों को आई नेक्स्ट के साथ शेयर किया। आई नेक्स्ट द्वारा उठाए गए सभी मुद्दों पर बरेलियंस ने उंचे लेवल पर काम होने की बात कही। कैंपेन में बैलेट स्लिप के माध्यम से अपने मुद्दे का चुनाव कर रही स्वाति सिंह ने बताया कि गवर्नमेंट को स्थानीय मुद्दों जैसे सड़क, बिजली, पानी को लेकर काम करने की जरूरत है। जब तक लोकल लेवल का विकास नहीं होगा। देश के विकास की कल्पना नहीं की जा सकती है। पब्लिक को भी अपने जिम्मेदारियों को समझना होगा।

एक-एक वोट रखता है मायने

एक-एक वोट बहुत मायने रखता है। अकसर लोग ये सोचकर वोट नहीं देते हैं कि एक वोट से क्या हो जाएगा, बदलना तो कुछ है नहीं पर लोगों को अपनी ये सोच बदलनी चाहिए। यह कहना था राजेंद्र नगर की नेहा जायसवाल का। नेहा कहती हैं कि कई बार ऐसा होता है कि एक परिवार में अगर 5 मेंबर्स हैं तो सभी डिफरेंट पार्टी के उम्मीदवार को वोट देते हैं। आखिर क्यों जब परिवार के बीच ही आपसी सहमति नहीं है तो समाज व देश के एक होने की बात कैसे स्वीकारी जा सकती है। आई नेक्स्ट के सभी मुद्दे अच्छे हैं लेकिन एक उम्मीदवार की इमेज सबसे बड़ी मायने रखती है। अगर उम्मीदवार का कैरेक्टर सही है तो वह गलत काम कभी कर ही नहीं सकता है। कैंपेन में शामिल विशाल, रेनू, आकाश और राजशेखर भी अपने मुद्दों का चुनाव कर काफी खुश दिखे।

आप भी दीजिए अपने सुझाव

आप भी अपने मुद्दों का चुनाव कर इस चुनाव में अपनी भागीदारी कर सकते हैं। फीनिक्स मॉल में आयोजित आई नेक्स्ट के कैंपेन 'हैं तैयार हम' में अपने मुद्दों का चुनाव कर अपने सुझाव दे सकते हैं। आपके सुझाव देश के विकास के लिए कारगर साबित हो सकते हैं। तो देर किस बात की आप भी पहुंचिए फीनिक्स मॉल और अपने मुद्दों का चुनाव कर स्वच्छ समाज के निर्माण में अपना योगदान दें।

Ballot byte

ये वक्त ठहरने का नहीं कदम बढ़ाने का है, फासले पर है मंजिल उसे अपने करीब लाना है'। कुछ ऐसे ही लफ्जों में सूरज ने अपनी फीलिंग आई नेक्स्ट के साथ शेयर की। स्पेशली हमारे कैंपेन में शामिल होने पहुंचे सूरज का कहना था कि भारत ही नहीं पूरे कंट्री के हालात एक जैसे हैं, लेकिन दूसरे देश के लोग काफी एक्टिव है। वे अपनी मंजिल को पाने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। हमें भी अपने मंजिल को पाने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी। लोकसभा इलेक्शन एक बार आएगा और फिर भ् साल के लिए चला जाएगा। क्या हम भ् साल के लिए एक ऐसी गवर्नमेंट का चुनाव करना चाहते हैं जो देश को बेचने में भी गुरेज नहीं करते। आखिर करप्शन में इंवॉल्व किसी गवर्नमेंट को हम भ् साल कैसे झेलते हैं। इस तरह के हालात उत्पन्न होने से पहले हम क्यों नहीं कुछ करते। बार-बार हम एक ही गलती क्यों करते हैं। हमें आने वाली जेनरेशन के लिए अपनी सोच बदलनी ही होगी।

-सूरज, शिवगार्डन