खबर तो है पर सीरियस नहीं
पॉलीथिन एनवायरमेंट फ्रेंडली नहीं है। ये बात किसी से छिपी नहीं है। फिर भी अवेयरनेस की कमी के चलते सभी लोग पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे हैं। समय-समय पर पॉलीथिन के यूज के खिलाफ कैंपेन चलते रहते हैं। विभागीय सख्ती के बाद कुछ टाइम तक तो मार्केट से मानक  से ज्यादा मोटाई वाली पॉलीथिन गायब रहती है मगर सख्ती हटते ही दोबारा मार्केट में इन पॉलीथिन का यूज होने लगता है।

15 महीने में 70 किलो जब्त

हर साल स्टैंडर्ड से ज्यादा मोटाई वाले कैरी बेग के खिलाफ नगर निगम अभियान छेड़ता है। अभियान के दौरान शॉप, शॉपिंग कॉम्पलेक्स और मॉल में मिलने वाले कैरी बेग की चेकिंग की जाती है। अभियान की गंभीरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बीते 15 महीने में नगर निगम की तरफ से पॉलीथिन के खिलाफ कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की गई। स्वास्थ्य विभाग के सोर्सेज के मुताबिक, पिछले एक साल में छिटपुट चले अभियानों में सिर्फ 70 किलोग्राम पॉलीथिन ही जब्त की गई है।

निर्देश के बाद भी अभियान नहीं

स्टैंडर्ड के एकॉर्डिंग, 20 माइक्रोन से ज्यादा मोटाई की पॉलीथिन को हेल्थ के लिए डेंजरस माना गया है। सुप्रीम कोर्ट ने भी 2009 में इस पर रूलिंग दी थी। इसके बाद समय-समय पर डायरेक्शन आते रहे हैं। हाल ही में नगर विकास विभाग की तरफ से भी नगर निगम को स्टैंडर्ड से ज्यादा मोटी पॉलीथिन जब्त करने के लिए अभियान चलाने के निर्देश हुए थे। मगर निगम की तरफ से कोई बड़ा अभियान नहीं छेड़ा गया।

एक और दावा

अगर मार्केट में स्टैंडर्ड का खिलवाड़ करके शॉपकीपर मनमानी कर रहे हैं तो नगर आयुक्त के निर्देशानुसार अभियान चलाए जाएंगे। अगर शॉपकीपर 20 माइक्रोन से ज्यादा की पॉलीथिन यूज कर रहे हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
-मातादीन, नगर स्वास्थ्य अधिकारी

lungs पर direct effect

20 माइक्रोन से मोटी पॉलीथिन के डीग्रेटेशन में मुश्किल होती है। डीग्रेटेशन प्रोसेज में पॉलीथिन के स्मॉल पार्टिकल एनवायरमेंट में मिलकर श्वांस के रास्ते बॉडी के अंदर चले जाते हैं। सांस की नली (ट्रेकिया) और ब्रोंकस के अंदर झिल्ली (स्ट्रेटिफाइड कॉलमनर एपीफिलियम ) में एयर लाइट स्ट्रक्चर होते हैं, जिन्हें हाइला कहा जाता है। हाइला सांस की नली में पॉल्यूटेड चीज के आने पर उसे बाहर थ्रो कर देता है। मसलन जब हम पहली बाहर सिगरेट का कश लेते हैं तो खांसी आ जाती है। यहीं स्टैंडर्ड से ज्यादा मोटी पॉलीथिन के साथ होता है। अगर ये पार्टिकल रेग्युलरी हाइला के पास पहुंंचते रहते हैं तो हाइला इसे नॉर्मल पार्टिकल की तरह ट्रीट करने लगता है और लंग्स में पास होने देता है। अलर्ट करने वाली बात ये है कि ये पार्टिकल लंग्स को बुरी तरह नुकसान पहुंचाते हैं।
- डॉ। राजीव गोयल, फिजीशियन  

पॉलीथीन के बिना हमारी लाइफ के कई मेजर स्टेप रूक जाते है, लेकिन वक्त आ गया है कि इसके विकल्प की तरफ हमारी पहल हो।
- मोंटी, रेजिडेंट

घर की नालियों से लगाकर सीवर तक चोक होने के पीछे बड़ा कारण पॉलीथीन है। इंवायरमेंट को नुकसान पहुंचाने के साथ हेल्थ के लिए डेनजर होती है।
- देवेंद्र, रेजिडेंट

लोग यूज के बाद पॉलीथिन को कूड़े में फेंक देते हैं। कूड़े में खाना तलाशते जानवर पॉलीथिन खा जाते हैं, जिससे उनकी मौत हो जाती है। अवेयरनेस की जरूरत है।
- राजेंद्र, रेजिडेंट

मैं पॉलीथिन के बैग यूज करने के बाद उन्हें इकट्ठा करता हूं फेंकता नहीं हूं। बरेलियंस को भी यही करना चाहिए। इससे कई जानवरों की जिंदगियां बच सकती है।
- मो। इकरार, रेजिडेंट


facts file
* 20 माइक्रोन से ज्यादा मोटाई की पॉलीथिन पर बैन
* प्लास्टिक पाउच में गुटखा बिक्री पर भी पाबंदी
* 500 बिलियन प्लास्टिक बैग पूरी दुनिया में हर साल यूज
* 1 मिलियन पॉलीथिन बैग वल्र्ड में हर मिनट यूज
* 3.5 फीसदी प्लास्टिक ही रिसायकिल हो पाती है
* प्लास्टिक बैग का प्रयोग में वल्र्ड में इंडिया नंबर थ्री पर
* इनवायरमेंट को नुकसान सबसे अधिक पॉलीथिन से
* इनवायरमेंट प्रोटेक्शन एक्ट 1986 के तहत प्लास्टिक बैग में सामान बेचना अवैध