पैसे लेकर छोड़ने का लालच देकर फंसाया जाल में

मोबाइल काल डिटेल से भी मिले अहम सुराग

BAREILLY: जावित्री और दीपक की डबल मर्डर की गुत्थी को सुलझाना पुलिस के लिए आसान नहीं था। जावित्री के पिता वीरपाल और चाचा राजेंद्र अपना मुंह खोलने के लिए तैयार ही नहीं थे, लेकिन पुलिस के माइंड गेम में राजेंद्र फंस गया और फिर सब राज उगल दिया। वहीं पुलिस ने हत्या के तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। पुलिस चौथे आरोपी की तलाश कर रही है। क्या था पुलिस का माइंड गेम आइए बताते हैं-----

टैनी को नहीं पता था कहां लगायी लाश्ा ठिकाने

जावित्री की लाश मिलने के बाद पुलिस को पूरा शक हो गया था कि वीरपाल और राजेंद्र ने ही दीपक की भी हत्या की है। पुलिस ने वीरपाल और राजेंद्र की काल डिटेल निकलवायीं। जिसमें ख्ब् मार्च की रात में राजेंद्र के फोन से लेबर टैनी और वीरपाल के फोन से साढ़ू राजाराम को फोन किया गया था। पुलिस ने टैनी को पकड़ा तो वह घबरा गया। उसने यह तो बता दिया कि जावित्री और दीपक की हत्या वीरपाल और राजेंद्र ने कर दी है। दीपक की डेडबॉडी को बाइक से राजाराम और राजेंद्र ले भी गए हैं लेकिन लाश को ठिकाने कहां लगाया है इस बारे में उसे पता नहीं। ऐसे में पुलिस को डर था कि राजाराम गायब है। यदि देर हुई तो राजाराम डेडबॉडी को दूसरी जगह ठिकाने लगा सकता है।

फ्भ् हजार देने को हो गया तैयार

पुलिस को पता था कि वीरपाल आसानी से सब कुछ नहीं एक्सेप्ट करेगा। बेटी की मौत के चलते पुलिस उस पर ज्यादा दबाव भी नहीं बना सकते। लिहाजा, पुलिस ने राजेंद्र को बताया कि टैनी ने सब कुछ बता दिया है। यदि वह बता देगा तो पुलिस उसे बचा देगी और सिर्फ वीरपाल को ही जेल भेजेगी। इसके लिए पुलिस ने उसे पैसे लेकर छोड़ने का भी लालच दिया। पुलिस ने डेढ़ लाख रुपये की झूठी डिमांड की। धीरे-धीरे राजेंद्र फ्भ् हजार रुपये देने को राजी हो गया। खुद को बचता देख राजेंद्र ने बता दिया कि डेडबॉडी को कहां छिपाया है।

मरने के बाद भी खोल दिया राज

दीपक की हत्या के बारे में पुलिस से कहने की जिद ही जावित्री की मौत की वजह बनी। घरवालों ने लाश को बोरे में ईट-पत्थर डालकर तालाब में डुबो दिया था। ऊपर वाले का करिश्मा ही कहेंगे कि जावित्री की लाश तालाब की तलहटी से उतारकर ऊपर आ गई। और फिर सारा केस खुलकर सामने आ गया।