आयुष विंग में जुटी मरीजों की भीड़, 40 फीसदी बढ़ोतरी

होम्योपैथी व आयुर्वेद संग घरेलू नुस्खों में भी बढ़ा भरोसा

BAREILLY:

स्वाइन फ्लू के खिलाफ तमाम सरकारी कवायदों के बावजूद राहत न मिलने से लोगों में खौफ घर करता जा रहा है। एचक्एनक् वायरस की गंभीरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि कुछ घटों की छींक और जुकाम भी इस बीमारी का डर पैदा कर रही है। स्वाइन फ्लू के मरीजों के बढ़ते आंकड़ों के चलते सस्पेक्टेड केसेज की भी भरमार होने लगी। सीएमओ ऑफिस से टैमी फ्लू दवा की खपत तो बढ़ ही गई, बाजार में स्वाइन फ्लू के खिलाफ बचाव के लिए वैक्सीन की मांग भी एकाएक बढ़ गई। बहरहाल इस बीमारी से घबराए लोगों ने बचने के लिए एलोपैथी से इतर होम्योपैथी व आयुर्वेद का भी दरवाजा खटखटा दिया है। शहर में स्वाइन फ्लू की दहशत भरी दस्तक के बाद डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल की आयुष विंग में भी मरीजों की तादाद बढ़ गई है। साथ ही आयुर्वेद व होम्योपैथी की दवाओं से खुद को इस खतरनाक बीमारी से बचाने का भरोसा भी।

ब्0 फीसदी बढ़े मरीज

आयुष विंग में होम्योपैथी, आयुर्वेद और यूनानी पद्धति से इलाज की व्यवस्था शुरू की गई है। इलाज की इन पद्धतियों पर भरोसा करने वाले मरीज आयुष विंग में अपने मर्ज दूर करने को पहुंचते हैं। रोजाना औसतन तीनों पद्धति की ओपीडी में करीब भ्0-म्0 मरीज इलाज के लिए आते हैं। लेकिन पिछले भ्-म् दिनों में यह आंकड़ा यकायक बढ़ गया है। डॉक्टर्स ने बताया कि आयुर्वेद व होम्योपैथी की ओपीडी में एकाएक मरीजों का आंकड़ा क्00 के ऊपर पहुंच गया है। शुरुआती दिनों में तो आयुर्वेद की ओपीडी में ही क्00 से ज्यादा मरीज जुट रहे थे, लेकिन पिछले ब् दिनों में होम्योपैथी के मरीज भी क्00 के ऊपर पहुंच गए है। इन मरीजों में सबसे ज्यादा तादाद फ्लू व वायरल से जुड़ी शिकायतों को लेकर है।

साइन एंड सिम्पटम्स पर इलाज

आयुष विंग में होम्योपैथ डॉ। सरोज सिंह ने बताया कि होम्योपैथी में स्वाइन फ्लू से पहले से बचाव के लिए तो कोई भी खास दवा नहीं है। मरीज की पर्सनालिटी, उसकी इम्यूनिटी और बीमारी के साइन व सिम्पटम्स के मुताबिक ही उसे दवा दी जाती है। लेकिन अगर मरीज को स्वाइन फ्लू हुआ भी है या इससे मिलते जुलते सिम्पटम्स हैं तो उसके लिए होम्योपैथी में असरदार दवाएं मौजूद हैं। डॉ। सरोज ने बताया कि इन्फेल्जियम दवा की खपत काफी बढ़ गई है, यह स्वाइन फ्लू बीमारी के खिलाफ अच्छे रिजल्ट दिखा रही। इसके चलते होम्योपैथी की दवाओं से मरीजों की इम्यूनिटी बढ़ाने और बीमारी में राहत देने का भरोसा तेजी से लोगों में बढ़ रहा।

आयुर्वेद में भी है असरदार दवाएं

एलोपैथी में स्वाइन फ्लू का कारगर इलाज होने के अलावा आयुर्वेद में इस बीमारी के खिलाफ असरदार दवाएं अवेलबल है। आयुर्वेद के डॉ। इंद्रेश गुप्ता ने बताया कि आयुर्वेद में स्वाइन फ्लू के खतरे से निपटने की असरकारी दवाएं मौजूद हैं। अश्वगंधा चूर्ण, आरोग्य व‌िर्द्धनी वटी और तुलसी वटी स्वाइन फ्लू में कारगर दवा हैं। वहीं गिलोय चूर्ण और इसका काढ़ा सुबह शाम पीने से पीडि़त की इम्यूनिटी पावर बढ़ती है। इसके अलावा गिलोय का जूस भी सुबह शाम पीने से इस बीमारी के वायरस की चपेट में आने का खतरा कम रहता हैं। साथ ही अभ्रक की भस्म को अदरक और शहद के साथ मिलाकर खाने से भी इस बीमारी में बचाव व राहत ि1मलती है।

घरेलू नुस्खे भी हैं कारगर

आयुर्वेद ही नहीं पुराने घरेलू नुस्खे भी स्वाइन फ्लू के खिलाफ काफी असरदार माने जाते हैं। जानकारों ने घर पर ही इस बीमारी के खिलाफ बचाव और इलाज के उपाय बताएं हैं। जानकारों ने बताया कि गुनगुने दूध में हल्दी मिलाकर पीने से शरीर की इम्यूनिटी में इजाफा होता है। रोजाना एक गिलास दूध में क् चम्मच पिसी हल्दी मिलाकर पीने से स्वाइन फ्लू का असर कम होने लगता है। वहीं जुकाम व वायरल के दौरान आंवले का सेवन बेहद फायदेमंद माना जाता है। कच्चा आंवला या इसका मुरब्बा खाने से शरीर में विटामिन की कमी पूरी होती है जिससे स्वाइन फ्लू और इंफ्लुएंजा के वायरस का हमला कमजोर पड़ जाता है। साथ ही शरीर की बीमारियों से लड़ने की ताकत बढ़ जाती है।