- होलिका दहन को बरेलियंस हैं रेडी
- प्रदोषकाल में होलिका दहन होगा काफी फलदायक
BAREILLY: होलिका दहन की तैयारियां जोरों पर हैं। बरेलियंस दहन के लिए बड़ी से बड़ी होलिका बना रहे हैं। वहीं इस बार की होलिका दहन भी बरेलियंस को शुभ फल देने के लिए तैयार है। ज्योतिषाचार्यो की मानें तो फाल्गुन शुक्ल पक्ष पूर्णिमा पर होलिका पूजन पारिवारिक दृष्टि से शुभ है। साथ ही होली के दिन पर पड़ रहा प्रदोषकाल का मूहूर्त इसे और ज्यादा फलदायी बनाएगा। इस समय पूजा करने पर सभी कष्ट दूर होंगे।
प्रदोषकाल में करें पूजन
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि होलिका पूजन भद्रा रहित प्रदोषकाल में करना शुभ होता है। सुबह क्0 बजे के बाद कोई भी समय होलिका पूजन करने के लिए उत्तम है। सामान्य पूजन की सामग्री में रोली, कच्चा सूत, चावल, फूल, साबुत हल्दी, मूज, बताशे, श्रीफल का उपयोग करें। सामान्य पूजन के अलावा विशिष्ट पूजन के लिए गोबर के उपले का यूज काफी फलदायी है।
पूजन विधान
पूजन के लिए सामूहिक रूप से स्थापित की गई होलिका का पूजन करना ज्यादा अच्छा है। जिन लोगों ने इस दिन व्रत धारण किया हो, वह इस दिन सुबह स्नानादि के बाद 'मम बालिका दिभि: सह सुख शांति प्रात्यार्थ होलिका व्रतं करिष्ये' मंत्र का जाप कर सभी के कल्याण का संकल्प लें। इसके बाद होलिका दहन के स्थान को जल छिड़ककर शुद्ध करें। होलिका पूजन के पश्चात् पांच या सात उपले की माला को चढ़ाएं। पूजन करने से पहले फैमिली के साथ समाज कल्याण की भावना से प्रार्थना करें। इसके बाद मौजूद सभी को गुलाल लगाकर होली की बधाई दें। इस बार सामान्य रूप से होलिका दहन का विशेष मुहूर्त शाम म् बजे से रात क्0 बजे तक और होली खेलने का मूहूर्त सुबह 7 से क्ख् बजे तक है।
पंचांगों में सूर्यास्त होलिका दहन मुहूर्त
अंतराष्र्ट्रीय आनंद पंचांग और वाणी भूषण पंचांग के अनुसार होलिका दहन का समय शाम म्:0ब् बजे से रात क्0 बजे तक है। इसमें विशेष मुहूर्त शाम सात से रात 9:ब्भ् बजे तक है। रामदत्त जोशी और वेंकटेश पंचांग में सूर्यास्त से रात क्0:फ्8 बजे तक का मुहूर्त है। पंडित प्रदीप कुमार चौबे ने बताया कि विश्व काशी पंचांग में भी सूर्यास्त के बाद होलिका दहन का मुहूर्त है। इसके अलावा राजधानी पंचांग दिल्ली में सूर्यास्त से रात क्0:फ्8 बजे और शुद्ध काशी पंचांग में रात 8:क्म् से होलिका दहन का मुहूर्त है। ऋषिकेश पंचांग में दहन का समय सूर्यास्त से रात क्0:क्7 बजे तक है। बद्रीश आश्रम के अवधेश वाणी महाराज ने भी इसी दौरान होलिका दहन को शुभ माना है। उन्होंने कहा कि इस बार निषिद्ध काल के चलते होरियारे ब्रह्ममुहूर्त में होलिका दहन नहीं कर सकेंगे।
- इस बार होलिका दहन प्रदोषकाल में पड़ रही है। जो शुभ फलदायक होगी। लोगों को रंग खेलने के लिए काले रंग का यूज नहीं करना चाहिए।
-पं। राजेंद्र त्रिपाठी, ज्योतिषाचार्य