क्यों देना होता है शपथ पत्र
रसोई गैस कनेक्शन के मामले में पेट्रोलियम कंपनियां और गैस एजेंसियां एक पते पर एक कनेक्शन के सिद्धांत का पालन करती है। एक पते पर एक से अधिक कनेक्शन की दशा में आवेदक को शपथ पत्र देकर यह घोषणा करनी होती है कि संबंधित पते पर वह किस हैसियत से निवास कर रहा है और उसके पास पहले से कोई रसोई गैस कनेक्शन है या नहीं।

क्यों उठी जांच की बात
बीते वर्ष के आखिरी महीनों में चली केवाईसी की प्रक्रिया के दौरान गैस एजेंसियों में हजारों ऐसे शपथ पत्र आए, जिसमें कंज्यूमर्स ने एक ही पते पर खुद को परिवार से अलग दिखाते हुए सैपरेट कनेक्शन की डिमांड की। पेट्रोलियम कंपनीज को आंशका है कि इसमें से कई शपथ पत्र सिर्फ दोहरा कनेक्शन चलाने की नीयत से दिए गए हैं।


ठेके पर नियुक्ति
जिन हॉकर्स पर सही पते पर सही तौल का सिलेंडर पहुंचाने की जिम्मेदारी है, उनकी खुद की नियुक्ति की कोई पुख्ता व्यवस्था नहीं है। कहीं ठेकेदार के जरिए सिर्फ जान-पहचान की बदौलत हॉकर रखे गए हैं तो कहीं सीधे कमीशन तय कर ठेके पर नियुक्ति कर दी गई है। इनका काम एक्चुअल में कमीशन बेस होता है। प्रति सिलेंडर की डिलीवरी पर इन्हें कमीशन दिया जाता है।


एक बड़ी प्रक्रिया कर रही इंतजार

रसोई गैस कनेक्शन पर सब्सिडी की मारामारी भले ही प्रत्यक्ष तौर पर खत्म होती दिख रही हो, लेकिन जांच की एक बड़ी प्रक्रिया आगे कंज्यूमर्स का इंतजार कर रही है। बीते 3 मंथ तक चली केवाईसी (नो योर कस्टमर) की प्रक्रिया में शपथ पत्र देकर सब्सिडी का कनेक्शन बचाने वाले कंज्यूमर्स की जांच शुरू हो रही है। इस जांच में महत्वपूर्ण गवाही उन कर्मचारियों की मानी जाएगी, जो लोगों के घरों तक सिलेंडर पहुंचा रहे हैं। इस जांच से तय होगा कि आपके यहां रियायती सिलेंडर की सप्लाई जारी रहेगी या झूठा शपथ पत्र दिए जाने की वजह से आप कार्रवाई के दायरे में आते हैं।

मेरे पास अभी ये सर्कुलर नहीं आया है। अगर ऐसा किया जा रहा है तो हॉकर की विश्वसनीयता पर सवाल उठना तय है।  
रंजना सोलंकी, डीलर्स गैस वितरण एसोसिएशन

मल्टीपल कनेक्शन वाले कंज्यूमर्स के शपथ पत्र जांचने में डिलीवरी मैन की गवाही अहम होगी। तभी कनेक्शन चालू किया जाएगा।
पी.प्रकाश, एरिया मैनेजर, इंडेन