बरेली (ब्यूरो)। स्टूडेंट्स की फीस से जुटाई गई रकम की फिजूल खर्ची में बरेली कॉलेज फेमस है। यह फिजूलखर्ची यहां कदम-कदम पर दिखाई भी दे जाती है। कॉलेज के इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर करने के नाम पर जो रकम खर्च की जाती है, उसकी बर्बादी का आलम यहां स्मार्ट क्लास के लिए खरीदे गए एसी भी बयां कर रहे हैं। रखरखाव के अभाव में इन एसी को यहां दीमक चाट रहे हैं, पर किसी को इससे वास्ता तक नहीं है। इसको लेकर कॉलेज प्रशासन एक-दूसरे जिम्मेदारी डालते हुए अपना पल्ला झाड़ लेता है।
कॉलेज में हो रहे फिजूल खर्च
बरेली कॉलेज अपनी एतिहासिकता के लिए पहचाना जाता है। यहां की खूबसूरत बिल्डिंग्स सभी को आकर्षित करती हैं। एक शताब्दी से अधिक पुराना यह कॉलेज भीतर से खोखला होता जा रहा है। इस खोखलेपन से यहां का सिस्टम भी अछूता नहीं है। यहां स्टूडेंट्स फीस और फाइन भर रहे हैैं, पर कॉलेज प्रशासन उनसे जुटाई रकम की फिजूलखर्ची कर रहा है।
जरूरत नहीं तो खरीद क्यूं
कॉलेज के सेमिनार हॉल के ऊपरी मंजिल पर स्मार्ट क्लास बनाने की तैयारी की जा रही है। इसको पहले भी बनाने की प्लानिंग की गई थी, पर आधे में ही काम बंद कर दिया गया था। इसे अब फिर से शुरू किया जा रहा है। इसके लिए कॉलेज में सालों पहले मंगाए गए नए-नए सामान को निकाला गया। इनमें से कई चीजों को दिमक चट कर गई है। कॉलेज नया-नया सामान तो मंगा लेता है पर उनका इस्तेमाल सालों तक नहीं करता है। कॉलेज से जुड़े लोग ही इसको बजट की बर्बादी बताते हैं।
काम आज, सामान सालों पूराना
कॉलेज प्रॉक्टर डॉ। आलोक खरे ने बताया कि सेमिनार हॉल के ऊपर स्मार्ट क्लास बनाया जाना है। यह पहल एक बार पहले भी की गई थी, पर आपसी विवाद में काम शुरू नहीं किया गया। तब इसके लिए यह सामान मंगाया गया था। इसे यहां लाए गए लगभर दो साल हो गए हैं, लेकिन इसका कोई इस्तेमाल नहीं हो पाया।
जिम्मेदारी से झाड़ा पल्ला
कॉलेज मेें कई शिक्षक संघ एक्टिव हैैं। जो अपने हक के लिए तो हमेशा आवाज उठाते हैैं, पर स्टूडेंट्स के हितों के मामले में सभी अपनी जिम्मेदारी से बचते हैं। कॉलेज के शिक्षक संघ के सचिव प्रो। वीपी सिंह से इस संबंध में बात हुई तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस बारे में कुछ पता ही नहीं हैै। अगर ऐसा कुछ हो रहा है, तो वह बहुत गलत है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश विश्वविद्यालय, महाविद्यालय शिक्षक संघ के महामंत्री डॉ। टीएस चौहान ने कहा कि हम सब के लिए आवाज उठाते हैैं। कॉलेज को सही रखना हमारी जिम्मेदारी हैै।
फंड का है बहाना
हम इसके पूरी तरह से विरोध में है। स्टूडेंट्स का पैसा इस तरह से बर्बाद नहीं होना चाहिए। ठंड में अब एसी लगा रहे हैं। जब लगाना था तब तो लगाया नहीं। हम लोग जब स्टूडेंट्स के हित के लिए कुछ करने को बोलते हैं तो कहते है कि फंड नहीं हैै।
मुकेश यादव ,छात्र नेता
कॉलेज में समय-समय पर बजट आता रहता है, लेकिन वह सिर्फ कागजों में ही रह जाता है। वहीं अगर कुछ सामान आ जाए तो वह इसी तरह से खराब होता है। इसकी जिम्मेेदारी लेने वाला कोई भी नहीं होता है। सभी एक-दूसरे पर इल्जाम लगाते रहते हैैं। स्टूडेंट्स के लिए मंगाए गए सामान का फायदा उन्हें ही नहीं मिल पाता है।
अमन सिंह तोमर, छात्र नेता