It’s economic also

साइकिलिंग के कई फायदे होते हैं। महंगाई के इस दौर में साइकिल से ज्यादा इकॉनॉमिक व्हीकल नहीं हो सकता है। साइकिलिंग से जहां एक ओर स्वास्थ्य अच्छा रहता है वहीं दूसरी ओर ये पाल्यूशन को भी कम करने का काम करता है। ये एनवायरमेंट का पॉल्यूशन भी कम करने का काम करती है। अगर सिविल एरिया को छोड़ कर हम कैंटोनमेंट एरिया की बात करें तो कैंट में काफी ग्रीनरी है। कैंट में पॉल्यूशन काफी कम है, वहीं साइकिलिंग इसका ग्राफ और कम कर देती है। आर्मी पर्सन फिजिकली फिट तो होते ही हैं साथ ही मेंंटली स्ट्रांग भी होते हैं। उनकी फिटनेस का राज साइकिलिंग ही है।  

साइकिल से तो अटूट रिश्ता है

लेफ्टीनेंट कर्नल इंद्र अनिल बिस्वास ने बताया कि आर्मी वालों का तो साइकिल से अटूट रिलेशन होता है। जब उन्होंने एनडीए का एग्जॉम क्वालिफाई किया तब उनके पास साइकिल थी। वहां केवल वह अकेले ऐसे नहीं थे, बल्कि तमाम लोग ऐसे थे जो साइकिल से एनडीए में मूवमेंट करते थे। उन्होंने बताया कि साइकिल को चलाने में उन्हें कभी भी कोई शर्म महसूस नहीं हुई। बारिश के मौसम को छोड़कर वह आज भी अपने ऑफिस साइकिल से जाते हैं। वह अगर कोई गलती करते हैं तो उन्हें जो सजा मिलती है उसमें उन्हें सिर पर साइकिल के बोझ को उठाकर ग्राउंड के राउंड लगाना होता है। उनका कहना है कि साइकिल से उनका कितना जुड़ाव है ये शायद वह शब्दों में बयां नहीं कर सकते। उनका जीवन साइकिल की सवारी करते हुए बीता। वहीं साइकिल ने उनका करियर बनाने में भी बखूबी साथ निभाया। वह कहते हैं कि रिटायरमेंट तक साइकिलिंग को एंज्वॉय करते रहेंगे और कभी उसका साथ नहीं छोड़ेंगे।

टाइम सेविंग भी यह एक्सरसाइज

दुनिया के ज्यादातर देशों में साइकिलिंग को प्रिफरेंस दिया जाता है। वास्तव में साइकि लिंग भाग-दौड़ भरी जिंदगी में एक्सरसाइज का बेस्ट जरिया है। इसके लिये आपको एक्स्ट्रा टाइम भी स्पेंड नहीं करना पड़ता है। ऑफिस जाने के लिए, मार्केट में घूमने के लिए साइकिल यूज कर सकते हैं। वहीं कुछ लोग तो साकिलिंग के इतने शौकीन होते हैं कि जिम जाकर करते हैं।

Some interesting facts  about cycling

*    फ्रंास में साइकिलिंग करने वालों के लिए अलग से लेन होते हैं।

*    यूरोपियन कंट्रीज में साइकिलिंग के दौरान सेफ्टी परपज से हेल्मेट पहनना जरुरी होता है।

*    विदेशों में आज के दौर में इलेक्ट्रिक बाइक का भी जमकर यूज किया जाता है। अब इंडिया के मेट्रो सिटीज में भी यह चलन दिखने लगा है।