बरेली (ब्यूरो)। मलेरिया के प्रति लापरवाही खतरनाक साबित हो सकती है। मलेरिया फैलाने वाले मच्छर गंदे पानी में पैदा होते हैैं। जिले में इस वर्ष अब तक छह मलेरिया पॉजिटिव मिल चुके हैैं, वहीं बीते वर्ष यह आकंड़ा 1800 से अधिक हो गया था। इसे ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग की ओर से तैयारियां शुरू कर दी गई हैैं, मलेरिया नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत मलेरिया टेस्ट के बारे में आशा वर्कर्स, एएनएम को प्रशिक्षित किया जा रहा है।
दी जा रही ट्रेनिंग
सीएमओ डॉ। बलवीर सिंह ने बताया कि मीरगंज, फतेहगंज, रामनगर और मझगवां में छह मलेरिया पॉजिटिव केस सामने आ चुके हैैं। इसे ध्यान में रखते हुए ट्रेनिंग दी जा रही है। अब तक भमोरा, रामनगर, आंवला और मीरगंज में आशा कार्यकर्ताओं को ट्रेनिंग दी जा चुकी है। इसके अंतर्गत आशा कार्यकर्ता को रोग नियंत्रण के लिए फीवर स्क्रीनिंग, लड स्क्रीनिंग की ट्रेनिंग दी जा रही है। उन्होंने बताया कि आने वाले महीनों में मलेरिया का प्रकोप बढ़ सकता है।
करता है संक्रमित
इसके लिए पलिक को भी अवेयर होने की जरूरत है। मलेरिया एक गंभीर बीमारी है, जो संक्रमित मादा एनाफेलीज मच्छर के काटने से फैलती है। यह मच्छर शाम को काटता है। जब यह मच्छर काटता है तो परजीवी लड में चला जाता है। कई दिनों के बाद यह परजीवी रक्त प्रवाह में प्रवेश करते हैं और लाल रक्त कणिकाओं को संक्रमित करना शुरू कर देते हैं। ऐसे में इस रोग से बचने के लिए सतर्कता अत्यंत आवश्यक हïै। जितना हïम लोग सतर्क रहïेंगे, उतना हïी इस डिजीज से बचे रहïेंगे। जरा सी असावधानी हïमें इस रोग की चपेट में ला सकती हïै। अत: सावधानी बरतें और स्वस्थ रहïें।