-स्वाइन फ्लू से मौत पर परदा डालने की थी तैयारी, आई नेक्स्ट ने सुबूतों संग खोली स्वास्थ्य महकमा की कारस्तानी

-महिला की मौत के बाद भेजा गया था सैंपल, आई नेक्स्ट के पास पीजीआई की जांच रिपोर्ट

- प्रशासन ने भी लगाई फटकार, सीएमओ ने सभी हास्पिटल को जारी किया अलर्ट

BAREILLY: बरेली में डेडली वायरस (H1N1 ) न सिर्फ दस्तक दे चुका है बल्कि, इसने सीबीगंज की एक महिला को अपना शिकार भी बना लिया है। तीन दिन पहले ही इसकी पुष्टि हो जाने के बाद भी बरेली का स्वास्थ्य महकमा पूरे मामले को झूठ के परदे से ढंकने की कोशिश में जुटा रहा। आलम यह कि एक दिन पहले तक स्वाइन फ्लू के किसी भी मामले से इनकार करने वाले चीफ मेडिकल ऑफिसर (सीएमओ) और उनके मातहत अफसरों को आई नेक्स्ट ने सुबूतों का आइना दिखाया तो महकमा बगले झांकता नजर आया। पोल खुलती देख आनन-फानन में स्वास्थ्य महकमा ने सरकारी और निजी अस्पतालों को अलर्ट जारी कर दिया। बता दें, इससे पहले आई नेक्स्ट की खबर का संज्ञान लेते हुए डीएम संजय कुमार ने भी सीएमओ को फटकार लगाई थी।

सीएचसी, पीएचसी समेत सभी को किया अलर्ट

एसजीपीजीआई से स्वास्थ्य विभाग को भेजी गई रिपोर्ट में महिला की मौत का कारण स्वाइन फ्लू बताया गया था। लेकिन स्वास्थ्य महकमे के आलाधिकारी मामले को छिपाने में जुटे रहे। लेकिन सफेद झूठ का सच जाहिर होने के बाद शहर में स्वाइन फ्लू के खिलाफ ठोस कदम उठाए जाने लगे हैं। प्रशासन से भी मिली फटकार के बाद सेहत महकमा के अधिकारियों ने आनन-फानन में सभी सीएचसी, पीएचसी, प्राइवेट हास्पिटल्स को अलर्ट जारी कर दिया है। ऐसे केसेज की जानकारी तुरंत सीएमओ ऑफिस को देने और पेशेंट को जिला अस्पताल रेफर करने के निर्देश दिए हैं। वहीं, एक दिन पहले मामले की जानकारी न होने का हवाला देने वाले सीएमओ फ्राइडे को पूरी तरह से मुस्तैद दिखे। उन्होंने लापरवाही करने वाले अधिकारियों को फटकार लगाई। जिला अस्पताल में आइसोलेशन वॉर्ड को दुरूस्त करने के निर्देश भी दिए।

महिला की मौत के बाद पीजीआई भेजा गया था सैंपल

सीबीगंज निवासी फ्7 वर्षीय महिला अनीता उपाध्याय को तेज खांसी और बुखार होने पर परिजनों ने क्9 जनवरी को चौपुला स्थित दीपमाला हॉस्पिटल में एडमिट कराया था। लेकिन ट्रीटमेंट का कोई असर नहीं हुआ, बल्कि हालत और खराब होती गई। ऐसे में ख्क् जनवरी को पेशेंट को प्रोनवेंटीलेटर पर रखा गया। फिर भी, हालत न सुधरते देख ख्फ् जनवरी को एसआरएमएस में रेफर कर दिया गया। स्वाइन फ्लू का अंदेशा होने के बाद इसकी सूचना जिला अस्पताल के आलाधिकारियों को भी दे दी गई। जिला अस्पताल के डिस्ट्रिक्ट इंफेक्शियस डिजीज ऑफिसर (डीआईडीओ) मीसन अब्बास ने ख्फ् जनवरी को एसआरएमएस से मरीज का सैंपल ले लिया था। इस बीच ख्भ् जनवरी को महिला की सांसें थम गई। लापरवाही का आलम यह रहा कि ख्7 जनवरी को स्वास्थ्य महकमा के जिम्मेदारों ने सैंपल को टेस्ट के लिए एसजीपीजीआई भेजा। पीजीआई ने ख्8 जनवरी को स्वाइन फ्लू पॉजीटिव होने की सूचना बरेली स्वास्थ्य महकमा को दे दिया। लेकिन विभाग इससे निपटने का इंतजाम करना छोड़, गंभीर मसले पर परदा डालने में जुटा रहा।

सफेद झूठ पर आई नेक्स्ट का सच भारी

आई नेक्स्ट से एक दिन पहले हुई बातचीत में स्वास्थ्य महकमे के आलाधिकारी मामले की जानकारी से इनकार करते रहे। उनके इस सफेद झूठ पर फ्राइडे को आई नेक्स्ट ने एसजीपीजीआई की रिपोर्ट प्रस्तुत की तो अधिकारियों के होश उड़ गए। उन्होंने सच कबूल किया और शहर के गवर्नमेंट और निजी अस्पतालों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए। गौरतलब है कि थर्सडे को हुई बातचीत में सीएमओ डॉ। विजय यादव ने मामले की जानकारी होने से इनकार किया था। जबकि, सीएमओ ऑफिस से ही ख्फ् जनवरी को महिला के सैंपल लिए गए थे। वहंीं, डीआईडीओ डॉ। मीसन अब्बास ने भी स्वाइन फ्लू से पीडि़त पेशेंट की रिपोर्ट न होने की बात कही थी। जबकि पीजीआई से रिपोर्ट मिलने की सूचना सबसे पहले उन्हीं को ही मिली थी। विभाग की झूठ बोलने की इसी फितरत से शहर के न जाने कितने ही पेशेंट्स की मौत डेंगू से हो चुकी है।

और भी कई हैं सस्पेक्टेड केस

देशभर में दहशत फैलाने वाली महामारी के दिल्ली में ब्0 और लखनऊ में क्7 केसेज पॉजीटिव पाए गए हैं। दिल्ली और लखनऊ के बीच में होने से बरेली में कई अन्य केसेज की आंशका जताई जा रही है। ट्रेन और बसों से सफर करने वाले लोगों में वायरस से इफेक्टेड होने की संभावना ज्यादा है। ऐसे में शहर के विभिन्न अस्पतालों में साधारण निमोनिया की जांच कर रहे लोगों को भी स्वाइन फ्लू से संक्रमित होने की संभावनाओं से नकारा नहीं जा सकता है।

देखिए इन जिम्मेदारों का झूठ

डॉ। विजय यादव, सीएमओ

ख्9 जनवरी

शहर में स्वाइन फ्लू के किसी मामले के बारे में जानकारी नहीं है। यदि कोई केस है और संबंधित अस्पताल ने इसकी जानकारी हमें नहीं दी होगी तो उसके खिलाफ ठोस कार्रवाई की जाएगी।

फ्0 जनवरी

हमारे ही ऑफिस से ख्फ् जनवरी को महिला का सैंपल लेकर पीजीआई टेस्ट के लिए भेजा गया था। लेकिन इसकी जानकारी मुझे नहीं थी। रिपोर्ट पॉजीटिव है। मामले की गंभीरता को देखते हुए सभी सरकारी और प्राइवेट हॉस्पिटल को सस्पेक्टेड केसेज को डायग्नोस करने के निर्देश दिए हैं। जिला अस्पताल में आइसोलेशन वॉर्ड का बंदोबस्त किया गया है।

डॉ। मीसन अब्बास, डीआईडीओ

ख्9 जनवरी

महिला को स्वाइन फ्लू होने के बारे में ही मुझे जानकारी नहीं है। शहर के किसी भी अस्पताल में स्वाइन फ्लू का कोई भी सस्पेक्टेड केस नहीं है। ऐसे में यदि कोई सूचना मिल रही है तो वह झूठ है।

फ्0 जनवरी

स्वाइन फ्लू के बारे में जानकारी तो मिली है। इसके बारे में हमारे आलाधिकारी बता सकते हैं। मैं इस पर कोई भी ऑफिशियली वर्जन देने के लिए अधिकृत नहीं हूं। सीएमओ से ही इस पर जानकारी लीजिए।

आईएमए का भी अलर्ट

शहर में स्वाइन फ्लू से महिला की मौत हुई है। सभी हॉस्पिटल्स को आईएमए ने भी अलर्ट जारी किया है। सर्दी, खांसी, जुकाम ज्यादा होने पर सस्पेक्टेड स्वाइन फ्लू के केस की जानकारी सीएमओ को देने की अपील की है। यदि संबंधित अस्पताल में आइसोलेशन वॉर्ड नहीं है तो पेशेंट को आइसोलेशन वॉर्ड अस्पताल में रेफर के निर्देश दिए हैं।

डॉ। रवि खन्ना, आईएमए प्रेसीडेंट

डीआईडीओ ने दी थी सूचना

ख्क् जनवरी को सीबीगंज निवासी अनीता उपाध्याय को अस्पताल में एडमिट किया था। लेकिन हालत बेहद नाजुक थी। इसलिए ख्ख् को प्रोनवेंटिलेटर पर रखा गया। तेज सांस, तीव्र बुखार, बोलने में तकलीफ, ढेर सारा कफ और ऑक्सीजन लेवल भ्0 था। जिसके लक्षण स्वाइन फ्लू से मिलते थे। ख्फ् जनवरी को शहर के निजी मेडिकल इंस्टीट्यूट में रेफर कर दिया था। जहां से सीएमओ ऑफिस ने सैंपल लिया था। रिपोर्ट पॉजीटिव होने की सूचना डीआईडीओ मीसन अब्बास ने ख्9 जनवरी को को ही दी थी।

डॉ। सोमेश मल्होत्रा, दीपमाला अस्पताल