कारोबारियों को पीसी का करंट

बजट न तो आम पब्लिक के लिए और न ही व्यापारियों के लिए राहत भरा है । उद्यमियों को काफी उम्मीद थी इस बजट से लेकिन उनके हाथ मायूसी ही लगी है। सरचार्ज लगाकर जहां व्यापारियों पर बोझ डाला है वहीं आम पब्लिक को भी महंगाई से राहत नहीं मिली.  एफबीटी में राहत की उम्मीद थी पर नहीं मिली। वहीं 5,00,000 तक के व्यापार कर में भी राहत की आस थी लेकिन व्यापारियों को डिसकरेज किया गया है।

-राजेंद्र गुप्ता,  उप्र उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल

होटल  इंडस्ट्री को बहुत ही उम्मीदें थीं जो धूमिल हो गईं। गैस, बिजली से लेकर जो भी होटल इंडस्ट्री के संसाधन हैं वो पहले ही महंगे हो चुके हैं। ऐसे में हमें एक्जेम्पशन की आशा थी। लेकिन सरचार्ज लगाकर उम्मीदों पर पानी फेर दिया गया। हमारे कस्टमर्स की संख्या में गिरावट आने की संभावना बढ़ गई है। होटल इंडस्ट्री को एनकरेज करने की जरूरत है ।

- अंकुर विग, होटल व्यवसायी

दो लाख रुपए या उससे ऊपर की ज्वैलरी खरीदने पर कस्टमर को आईडी प्रूफ देना होगा। सरकार का यह फैसला काफी नुकसानदेह साबित हो सकता है। हर कस्टमर के पास आईडी नहीं होती। ऐसा नहीं है कि हम अपनी बिक्री पर टैक्स नहीं देते। अगर आईडी कंपल्सरी करनी ही थी तो इसके लिए परचेज लिमिट को और बढ़ाना चाहिए था। महज दो लाख की लिमिट से तो नुकसान ज्यादा है फायदा कम।

-प्रशांत, ज्वैलरी करोबारी

मिडिल क्लास की टूट जाएगी कमर

होम लोन में छूट दिखावा है। इसका फायदा मिलने वाला नहीं है। वहीं 2000 स्क्वायर फीट तक जमीन की खरीद पर पहले से ज्यादा कीमत चुकानी होगी। बजट में यह बदलाव सीधे तौर पर मिडिल क्लास को प्रभावित करेगा।

- आरके गुप्ता, सर्विसपर्सन

हर साल बजट में महंगाई का कॉम्पनसेशन तो दिया ही जाता था, इस बार वह भी नहीं दिया गया। 2 से 5 लाख तक के स्लैब वालों को रिटर्न में छूट दी गई है। इससे फर्क नहीं पड़ेगा।

- गोपाल कृष्ण वर्मा, सर्विसपर्सन

बजट कुछ खास नहीं है। घर में इस्तेमाल होने वाली चीजें जैसे सेट टॉप बॉक्स और अदर इलेक्टॉनिक आइटम्स के रेट बढ़ाने से लोड बढ़ गया है.  बजट को नंबर देने की बात आए तो मैं 10 में से सिर्फ 2 नंबर ही दूंगा।

- जगदीश गुप्ता, सर्विसपर्सन

बजट में 2 से 5 लाख एनुअल इंकम वाले लोगों को इंकम टैक्स रिटर्न में 2000 की छूट दी गई है.  25 लाख के होम लोन में दी गई छूट केवल सरकार का दिखावा है.      

- नवीन कुमार, सर्विसपर्सन

यंगिस्तान पर बोझ डालेगा मोबाइल

मोबाइल महंगे करने की बात थोड़ी समझ में नहीं आई। जो कॉस्टली मोबाइल्स हैं, उनके दाम बढ़ाने चाहिए लेकिन गवर्नमेंट ने 2000 से ज्यादा वाले मोबाइल्स के भी दाम बढ़ा दिए हैं। मोबाइल यूथ की जरूरत बन गया है। इससे बोझ बढ़ेगा।

- मोहित सिंह नेगी, स्टूडेंट

यूथ का क्रेज है सुपर बाइक, स्मार्ट फोन व दूसरे गैजेट्स। विदेशी जूते और कपड़े के दाम कम करने से राहत मिली तो गाडिय़ों और फोन के दाम बढ़ाकर सरकार ने खुशी छीन ली। मोबाइल की कॉस्ट बढ़ाकर सरकार ने निराश कर दिया है.   

- प्रभाकर उपाध्याय, स्टूडेंट

एसी रेस्टोरेंट महंगा करना तो किसी हद तक सही है लेकिन रीजनेबल मोबाइल्स के दाम बढ़ाकर हाथ बांध दिए हैं। मोबाइल तो है। सभी लोग महंगा मोबाइल तो नहीं खरीद सकते। केवल कॉस्टली लग्जरी मोबाइल्स के दाम बढ़ाने चाहिए थे।

- रोहित श्रीवास्तव, स्टूडेंट

एसी रेस्टोरेंट में खाना, मोबाइल, एसयूवी कार और सुपर बाइक्स को महंगा करने का स्टेप सराहनीय है। प्रजेंट में यूथ्स फिजूलखर्ची की तरफ ज्यादा अट्रैक्ट हो रहा है। ऐसे में इस स्टेप से लगाम लगाई जा सकती है।

-सुरभि राठौर, स्टूडेंट

'निर्भया फंड' से जगी आस, बस लागू हो जाए

काफी चीजों की अनेदखी

इस बार का बजट सो-सो है। कुछ प्रपोजल्स अच्छे हैं पर काफी चीजों की अनदेखी की गई है। युवाओं के लिए कौशल विकास फंड व स्पेशली गल्र्स के लिए महिला बैंक की घोषणा अच्छा कदम हैं लेकिन मिडिल क्लास के लिए कुछ खास नहीं है।

- श्रद्धा, स्टूडेंट

मसला लागू होने का है

बजट में युवाओं के लिए की गई घोषणाएं लुभावनी तो हैं पर मुद्दा तो इनके इम्प्लीमेंटेशन का है। अगर ये योजनाएं लागू हो जाएं, तब बात बनेगी। नहीं तो कितनी योजनाए हैं जिनके अनाउंसमेंट आए दिन होते रहते हैं पर वे शुरू तक नहीं हो पातीं।

- मोनिका, स्टूडेंट

सुरक्षा की उम्मीद जगी

ब्रांडेड चीजें सस्ती हुई हैं। इससे मैं बहुत खुश हंू पर एसी रेस्टोरेंट में खाना महंगा नहीं करना चाहिए। आई होप, निर्भया फंड की शुरुआत से भारत में गल्र्स सुरक्षित होंगी। स्पेशली महिलाओं के लिए अलग बैंक होने से आधी आबादी को बहुत राहत मिलेगी।

- लक्ष्मी, स्टूडेंट

महिला बैंक से होगा वूमेन एंपॉवरमेंट

ये पूरी तरह से चुनावी बजट है। वोट बैंक  बनाने की पूरी कोशिश की गई है। बजट में महिला बैंक एक अच्छा प्रस्ताव है पर पहले इसका इंप्लीमेंट हो जाए तो ही कुछ कहा जा सकता है।

- मीनाक्षी खंडेलवाल, डायरेक्टर, आईआईएफटी

मेरी नजर में ये बजट काफी ईमानदार और बैलेंस्ड है। इसमें सरकार ने हर वर्ग का ख्याल रखा है। अमीरों पर टैक्स बढ़ाया गया है जो सही है। आम आदमी के पहले घर के सपने को लोन में छूट देकर काफी अच्छा किया है। किसान के लिए डीजल के दाम कम किए जाए तो और अच्छा होता ़

- रीना ढाका, डीन, लॉ डिपार्टमेंट, आरयू

सरकार का महिला बैंक खोलने का कदम काफी सराहनीय है। वूमेन एंपॉवरमेंट की ओर यह एक अच्छा कदम है। इससे महिलाओं को प्रोत्साहन मिलेगा। सरकार ने महिलाओं के लिए जब इतना सोचा है तो टैक्स स्लैब में भी छूट देनी चाहिए थी। ज्वैलरी पर ड्यूटी फ्री करने के साथ शिक्षा की ओर किया गया प्रयास अच्छा है।

संगीता सरन, बिजनेस वूमेन

सरकार के इस बजट से नौकरीपेशा लोग खासकर महिलाओं को बहुत ज्यादा उम्मीदें थीं। टैक्स स्लैब में कोई छूट नहीं दी गई है यह थोड़ा अनफेयर है। कुल मिलाकर सरकार ने काफी निराश किया है। लेकिन हां,  महिलाओं की सुरक्षा के लिए 'निर्भया फंड' और महिला बैंक खोलने का फैसला एक पॉजिटिव स्टेप है।

- वंदना शर्मा, असिस्टेंट प्रोफेसर, बीसीबी

जख्मों पर मरहम तक नहीं लगाया गया

फिलहाल आम लोग सबसे ज्यादा महंगाई से जूझ रहे हैं। उम्मीद थी कि बजट में उनके लिए कुछ राहत भरे स्टेप्स उठाए जाएंगे लेकिन बजट में ये प्वॉइंट छुआ तक नहीं गया। बजट लोकलुभावन बिल्कुल भी नहीं है। न तो आम जनता की नजर से और न ही चुनाव की नजर से। मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा शिक्षा में किए जाने वाले खर्चों में पिछले बजट के मुकाबले 17 परसेंट की बढ़ोतरी हुई है पर बजट में इस बार हायर एजुकेशन को दरकिनार कर दिया गया है। हायर एजुकेशन के डेवलपमेंट के लिए उच्च शिक्षा अभियान की शुरुआत की जा रही है लेकिन बजट में कोई प्रावधान नहीं है। यह बिल्कुल समझ से परे है। यूनिवर्सिटी और नए डिग्री कॉलेजेज खोलने की कोई बात नहीं की गई है। बजट किसी भी रूप में आशावादी नहीं है। पब्लिक के जख्मों पर मरहम नहीं लगाया गया है।

प्रो। मुहम्मद मुजम्मिल, वीसी आरयू