यहां तो हर नजर को 'शिकार' की तलाश
नई दिल्ली में चलती बस में गैंगरेप के बाद से पूरा देश उबल पड़ा, हर तरफ बस आंदोलन की हवा चल रही है। सड़क से लेकर संसद तक इस पर लंबी डिबेट चली, नए कानून की मांग उठी। पर लाख टके का सवाल, क्या इन आंदोलनों ने 'लफंगोंÓ के मिजाज पर कोई असर डाला है। इस बात की असलियत जानने के लिए वेडनेसडे को आई नेक्स्ट टीम सिटी के मोस्ट हैपेनिंग प्लेसेस पर पांच गल्र्स के गु्रप के साथ पहुंची तो कंडीशन बेहद अलार्मिंग दिखी। ये लफंगे यहां हर हद लांघने की कोशिश में दिखे।
बटलर प्लाजा
गुजरती गल्र्स पर धुएं का छल्ला
5 गल्र्स के ग्रुप ने चौकी चौराहे की तरफ से बाजार में इंट्री की। इंट्री करते ही पान की दुकान पर खड़े ब्वॉयज ने उन्हें घूर कर देखा। घूरती निगाहें तब तक उन पर जमी रहीं जब तक वे ओझल नहीं हो गईं। जैसे-जैसे गल्र्स आगे बढ़ीं, घूरती नजरें का घेरा बढ़ता गया। यहां से सेकेंड लेन के पास टू व्हीलर्स पार्किंग में ब्वॉयज का एक ग्रुप सिगरेट का धुआं उड़ाता नजर आया। गल्र्स इनके पास से गुजरीं तो क्या 'माल' है, 'मस्त' है, गर्मी आ गई यार, 'मक्खन' है जैसे वल्गर कमेंट्स से रूबरू होना पड़ा। खास यह था कि इन ब्वायज को बटलर में तैनात पुलिस कर्मी देख रहे थे। और उन्होंने भी इन्हें रोकने की कोशिश तक नहीं की। यहां से बचते बचाते गल्र्स पेट्रोल पंप वाले गेट से बाहर निकलने लगीं तो चाय की शॉप खड़े लोगों ने जकर फब्तियां कसीं। यही नहीं दो लड़के तो गल्र्स के ग्रुप के बीच से ही निकल पड़े।
रामपुर गार्डन और डीडीपुरम में भी मुश्किल
रामपुर गार्डन में अग्रसेन पार्क के पास से आयकर भवन तक लगने वाले स्टॉल्स पर दिनभर भीड़ लगी रहती है। पर रास्तों पर आमतौर पर सन्नाटा ही रहता है। स्कूटी पर निकलती गल्र्स के पास से गुजरने वाले बाइकर्स भी उन पर कमेंट्स करने से नहीं चूकते हैं। वहीं फुटपाथ पर चलती गल्र्स पर तो आए दिन ऐसे बाइकर्स फब्तियां कसते निकल जाते हैं। डीडीपुरम् चौराहे पर भी स्थिति कुछ ऐसी ही है। जहां गल्र्स पर कमेंट पास करना ब्वॉयज अपनी शान समझते हैं।
नहीं कह पाती हैं
सिटी की गल्र्स कहीं भी सेफ नहीं हैं। घर से बाहर निकलते ही उन्हें हर कदम पर ईव-टीजिंग का खतरा सताता रहता है। यहां रोड्स पर निकलने में उनके सामने आने वाली हर नजर उन्हें डराती है। गल्र्स के मुताबिक कई बार तो उन्हें घर से बाहर निकलने में भी डर लगता है। कई बार तो पीठ पर हाथ मारने, दुपट्टे खींचने जैसी घटनाएं होने के बाद वह किसी से कह भी नहीं पाती हैं।
यहां भी होती है ईव-टीजिंग
मठ की चौकी, सैलानी, शहामतगंज, बरेली कॉलेज चौराहा, नॉवेल्टी चौराहा, डेलापीर, शील चौराहा।
सिविल लाइंस
भरी भीड़ में अश्लीलता का पाठ
सिटी की मेन मार्केट सिविल लाइंस में प्रसाद टॉकीज के सामने खड़ी गल्र्स क ो आते-जाते हुए लोग तो घूर ही रहे थे। वहीं बाइक लेकर खड़े ब्वायज ने तो हदें ही पार कर दीं। गल्र्स के पास से गुजरते ही उन्होंने भद्दे कमेंट्स करने में कोई देरी नहीं की। कुछ ऐसे कमेंट जिसे लिखा तक नहीं जा सकता। कुछ कदम आगे बढ़ तो शॉप्स के बाहर हाथ ताप रहे ब्वॉयज ने जमकर छींटाकशी की। आलम यह कि ये लोग तो अश्लील इशारे करने से भी नहीं चूके।
ऐसा लगा कि जैसे इससे पहले कोई लड़की देखी ही नहीं हो।
वल्गर कमेंट करने के बाद जब इनकी नजर कैमरे पर पड़ी तो तेजी से भागते बने।
रेलवे जंक्शन
प्लेटफॉर्म पर वल्गर कमेंट से वेलकम
रेलवे जंक्शन के प्लेटफॉर्म नंबर 1 पर कदम रखते ही कुछ लोग पास आने लगे। नजदीक आते ही मनचलों ने उन पर क मेंट्स के बौछार कर दिए। किसी ने उन्हें देखकर अपने दोस्तों से गुपचुप ही बात की और ठहाके लगा दिए। कुछ मनचले तो इशारे करने से भी बाज नहीं आए। इन इशारों को देखकर ऐसा लगा मानो वह उस पब्लिक प्लेस पर अकेले ही खड़े हों। बचने के लिए गल्र्स जब इधर-उधर जाती रहीं तो मनचले भी उनके पीछे हो लिए। गल्र्स ने जब बुक स्टॉल की ओर रुख किया तो वहां भी पहुंच गए।
हर पल मंडराता है खतरा
हर पल मंडराता है खतरा घर से निकलते ही यह डर लगता है कि आगे वाले मोड़ पर कोई स्कूटी न रोक ले, कहीं मार्केट में चलते हुए कोई हाथ न मार दे। वास्तव में शहर की सड़कों पर निकलना किसी खतरे से कम नहीं है।
- प्रिया सिंह,स्टूडेंट
मार्केट में घूमते समय पास से निकलने वाले ब्वायज की कमेंटिंग सुनने के लिए तो हम खुद को तैयार ही रखते हैं। हालांकि, यह गलत है, पर आवाज उठाने से भी उन पर कोई फर्क नहीं पड़ता है।
- तापसी सिंह, स्टूडेंट
कहने क ो तो गल्र्स की सिक्योरिटी के लिए पुलिस लगाई जाती है, पर वास्तव में सिटी में मनचले अपनी मनमर्जी ही चलाते हैं। उन्हें कोई नहीं रोकता है। गल्र्स के लिए तो हर पल खतरा ही रहता है।
- शिवांगी गुप्ता, स्टूडेंट
मनचले इतने बेखौफ हो चुके हैं कि वह कभी भी कुछ भी कर सकते हैं। और इसके बाद गल्र्स के पास अफसोस करने के सिवा कुछ भी नहीं बचता है। मार्केट जाना भी सेफ नहीं रह गया है।
अमिता सिंह, स्टूडेंट
तभी होगा समाज स्वस्थ
यह सोशल सिस्टम का फॉल्ट है। जहां अपराधी बेखौफ होकर घूमते हैं और उन पर कार्रवाई नहीं होती है। अपराधियों के अंदर डर पैदा करना जरूरी है। पुलिस को संवेदनशील होना चाहिए। मूवीज में मॉडर्न सोसायटी की नकारात्मक तस्वीर के बजाय पॉजिटिव आस्पेक्ट को दिखाया जाना चाहिए। फिल्में समाज को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इसमें जो खुलापन दिखाया जाता है, उसका डेस्टिनेशन केवल सेक्सुअल डिजायर्स पूरा करना ही होता है। इसमें बदलाव जरूरी है।
- नवनीत कौर आहूजा, सोशियोलॉजिस्ट
नैतिक मूल्यों की है कमी
आम तौर पर रास्ता चलते फब्तियां कसने वाले कुछ डिप्राइब्ड लोग होते हैं। जो अपने अंदर की कुंठा को भद्दी बातें बोलकर कम करने की कोशिश करते हैं। वास्तव में, यह ध्यानाकर्षण का एक तरीका है। कई बार मॉडर्नाइज दिखने की चाहत भी ईव-टीजिंग के लिए जिम्मेदार होती है। जिन लोगों को घरों में अनुशासन और नैतिक मूल्यों की शिक्षा नहीं दी जाती है, वह भी समाज के नियमों क ो तोड़ते हैं। वहीं, स्कूलों में भी नैतिक मूल्य नहीं सिखाए जाते हैंं। यही समाज के लिए नासूर बन रहे हैं।
- हेमा खन्ना, साइकोलॉजिस्ट
पुलिस को भी रहना होगा अलर्ट
पुलिस को अलर्ट रहने व कड़े एक्शन लेने के निर्देश दिए गए हैं। सभी सीओ को चेकिंग करने के लिए कहा गया है। गल्र्स व लेडीज को भी अलर्ट रहना होगा। अगर कोई भी लड़का फब्तियां कसता है या फिर छेड़खानी करता है तो पास की पुलिस चौकी या पुलिस स्टेशन में जाकर शिकायत करें या फिर पुलिस द्वारा जारी हेल्पलाइन पर तुंरत कॉल करें। बटलर में अगर देखने के बावजूद पुलिसकर्मी आराम से बैठे हुए थे तो ये गलत है। पुलिसकर्मियों को एक्शन लेना चाहिए।
-मुकुल गोयल, आईजी बरेली
पीक आवर में और बढ़ेगी गश्त
पीक आवर में पुलिस की गश्त बढ़ाई जाएगी। पुलिसकर्मियों को स्कूल, कॉलेज, मार्केट व अन्य भीड़-भाड़ वाले इलाकों में ज्यादा अलर्ट रहने की हिदायत दी गई है। मनचलों की सूची तैयार की जा रही है। ऐसे मनचलों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
-एलवी एंटनी, देव कुमार, डीआईजी बरेली
पेरेंट्स का भी रोल बेहद अहम
इस तरह के क्राइम पर एक दिन में सुधार नहीं लाया जा सकता है। लोगों को अपने मेंटल एटीट्यूड में चेंज लाना होगा। पेरेंट्स को भी अपने बच्चों को सही-गलत बताना होगा। वैसे इस तरह के क्राइम कंट्रोल के लिए पुलिस को अलर्ट किया गया है। सादी वर्दी में पुरुष व महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती की जाएगी। पकड़े जाने पर मनचलों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
-सत्येंद्र वीर सिंह, एसएसपी बरेली