अनुशासन का सिखाया पहला पाठ
लाइफ में अनुशासन ने मुझे सक्सेस दिलाई है। इसका क्रेडिट मेरे फेवरेट टीचर के.डी सिंह को जाता है, उन्होंने ही मुझे सबसे पहले लाइफ में अनुशासन की इंर्पोटेंस महसूस करवाई। मेरी प्राइमरी एजुकेशन नैनीताल के हरमन माइनर स्कूल से हुई है। वहां के.डी सिंह स्पोट्र्स टीचर हुआ करते थे। उन्होंने मेरी लाइफ पर कभी न मिटने वाली छाप छोड़ी है। वह स्टूडेंट्स के सामूहिक विकास पर बल देते थे। खुद तो अनुशासित रहते ही थे, साथ ही सारे स्टूडेंट्स को अनुशासित रखते थे। मैं शहर के सभी स्टूडेंट्स से यही कहना चाहूंगा कि गुरु का सम्मान हर स्टूडेंट को करना चाहिए। बिना गुरु के आर्शीवाद के सफलता पाना संभव नहीं है।
- अभिषेक प्रकाश, डीएम
जिंदगी के नए फलसफे सिखाए
जुस्तजू हो तो सफर खत्म कहां होता है। यूं तो हर मोड़ पर मंजिल का गुमां होता है। इन लाइनों की तरह ही मेरी एकेडमिक लाइफ में एक से बढ़कर एक टीचर्स आए। लाइफ में जब पहला टीचर आया तो महसूस हुआ कि उनसे बेहतर कोई हो ही नहीं सकता। फिर दूसरे टीचर ने जिंदगी के नए फलसफे सिखाए। मेरी एकेडमिक लाइफ में सबसे पहले क्लास 6 में आए इंग्लिश के दो टीचर्स जेपी मिश्र और मो। इबरीफ खां से आज तक मैं प्रभावित हूं। लाइफ के नेक्स्ट स्टेज पर 5 और टीचर्स ने मेरी स्टडीज को नए मुकाम दिए। ये मेरा सौभाग्य रहा कि हर कदम पर मुझे बेहतर और बेमिसाल टीचर्स मिले। स्टूडेंट्स के लिए मैं सजेस्ट करता हूं कि लर्निंग प्रोसेस को इंज्वॉय करें।
-प्रो। मो। मुजम्मिल, वीसी, आरयू
गुरु की वजह से मिली पहचान
मैं शुरू से प्रकृति के सानिध्य में रही। रानीखेत के गल्र्स इंटर कॉलेज में 12वीं की स्टूडेंट थी। मुझे कविता लिखने का शौक था इसलिए कुछ न कुछ लिखती रहती थी। मगर किसी को बताती नहीं थी। मेरे इस टैलेंट को मेरी टीचर शांति राय ने पहचाना और हमेशा मुझे इसके लिए मोटिवेट किया। वह मुझे सजेस्ट करती थीं कि नेचर को फील करो तभी लेखनी में ज्यादा रस आएगा। सच कहूं तो उन्हीं का प्रोत्साहन और स्नेह था कि शहर में आज मेरी पहचान है। जब मैं बीए की स्टूडेंट थी, तो मेरे पास उनका लेटर आया। लेटर में उन्होंने लिखा था कि त्याग में बहुत बल है। अहम को कभी अपने ऊपर हावी न होने देना। उनका लेटर मैंने आज भी संभालकर रखा है। मैं उन्हें सादर नमन करती हूं।
-संगीता सरन, सीनियर फाइनेंशियल एडवाइजर, एचडीएफसी
बच्चे जैसा दिया लाड-प्यार
मुझे बचपन से ही म्यूजिक और डांस का शौक था। स्कूल डेज से ही डांस करता था। सूरजभान इंटर कॉलेज के सभी टीचर्स का मैं चहेता था। जब कभी फ्री आवर में मैं डांस करता था तो सभी मुझे एप्रीशिएट करते थे। सच कहूं तो यह एप्रीसिएशन ही मेरी सफलता का कारण साबित हुआ। अपनी लाइफ में सबसे ज्यादा एप्रीसिएशन मुझे मैथ्स की टीचर मोनिका से मिला। स्कूल के बाद जब मैं उनसे पढऩे जाता, तो वह मुझे अपने बच्चे की तरह ट्रीट करती थीं। सर्दियों में कंबल देकर कहती थीं, पहले इसे ओढ़ लो फिर पढऩा। साथ ही उन्होंने मेरे टैलेंट को न सिर्फ पहचाना, बल्कि उसे निखारने के लिए हमेशा प्रेरित भी करती रहीं। वहीं मेरे डांस टीचर बिलाल ने भी मेरी प्रतिभा को काफी निखारा। स्टूडेंट्स को खुद को मेंटली और फिजिकली निखारना होता है, इसकी पहल टीचर ही करता है।
- पारस अरोरा, टीवी आर्टिस्ट
गुरु ने बदल दी मेरी लाइफ
मुझे स्टेज फोबिया था। स्टेज से लोगों को फेस करना और हर तरफ से घूरती आंखें देख खुद को संभालना मुश्किल हो जाता था। क्लास 6 में मेरे साथ एक ऐसा वाकया हुआ, जिसके बाद मेरी लाइफ ही चेंज हो गई। बदायंू के क्रिश्चन हायर सेकेंडरी स्कूल के एनुअल फंक्शन में हमारे टीचर राम प्रकाश गुप्ता एक प्ले की रूपरेखा तैयार कर रहे थे। वह मेरे अंदर छुपे डर को जानते थे, इसलिए मुझे बराबर प्ले में पार्टिसिपेट करने के लिए प्रमोट करते रहे। उनके काफी समझाने के बाद मैं स्टेज पर बैकग्राउंड वॉयस देने के लिए तैयार हो गया। यही मेरी लाइफ का टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ। अपने टीचर का मैं आज भी थैंकफुल हूं। बरेली के स्टूडेंट्स से कहूंगा कि जिंदगी फूलों की सेज नहीं संघर्ष का मैदान है। रीयल लाइफ तो कॉलेज के बाद स्टार्ट होती है इसलिए टीचर्स की रेस्पेक्ट जरूर करें और उनकी हर बात को जिंदगी की कुंजी समझें।
- उमेश गौतम, शिक्षाविद
टीचर ने दिखाई मंजिल की राह
अपनी सक्सेस का क्रेडिट मैं अपनी फेवरेट टीचर सत्यम को ही दूंगी। करियर का फस्र्ट स्टेप लेते समय मेरे अंदर काफी कश्मकश थी। मेरी टीचर सत्यम ने मुझे सही रास्ता दिखाते हुए मोटीवेट किया। सिटी के सेंट फ्रांसिस स्कूल में वह मेरी केमेस्ट्री की टीचर थीं। उन्होंने मेरी शू डिजाइन देखकर फोर्स कर के उन्हें आगरा भिजवाया। इसके बाद ही फुटवियर डिजाइनिंग में मुझे लाइफ का पहला ब्रेक मिला। जब मैं पढ़ती थी तब भी वह मेरे सबसे करीब थीं। अब भी वह मेरे दिल के सबसे करीब हैं। बिना मेहनत कोई सफलता की सीढ़ी नहीं चढ़ सकता लेकिन इस सीढ़ी को चढऩे का मोटीवेशन मुझे मेरी टीचर से ही मिला। लाइफ में काफी सारे उतार-चढ़ाव आए मगर टीचर के सपोर्ट से मैं बराबर आगे बढ़ती चली गई।
- स्वाति मेहरोत्रा, फैशन फुटवियर डिजाइनर