सुनने वाला कोई नहीं

कॉलेज की प्रिंसिपल रिटायर हो चुकी हैं। ऐसे में किसी नई की नियुक्ति नहीं की गई। वहीं कॉलेज के चीफ प्रॉक्टर भी शहर से बाहर हैं। लड़कियों ने कर्मचारियों की मिलीभगत से कॉलेज एडमिशन पर दूसरे स्टूडेंट्स को एडमिशन देने का आरोप लगाया। हंगामा करती लड़कियों को देख कर्मचारी ऑफिस में ताला जड़ भाग खड़े हुए थे।

पुलिस ने संभाला मोर्चा

हंगामा करती लड़कियों के समर्थन में सछास के मेंबर्स भी वहां पहुंच गए। सछास मेंबर ओमकार पटेल ने बताया कि कर्मचारियों ने लड़कियों की फीस जमा करने से मना कर दिया। जिससे वे भड़क उठीं। हंगामा शांत करने के लिए पुलिस और डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन के अधिकारियों को मौके पर पहुंच कर स्थिति को काबू करना पड़ा। ऑफिसर्स ने लड़कियों को मंडे को एडमिशन दिलाने का भरोसा दिलाकर हंगामे को शांत कराया।

बैक डोर से दिया गया एडमिशन

हंगामा कर रही लड़कियों ने कॉलेज पर बैकडोर से दूसरे स्टूडेंट्स को एडमिशन देने का आरोप लगाया। लड़कियों का कहना था कि उन्होंने एडमिशन फॉर्म पहले ही जमा कर दिया था। कट ऑफ लिस्ट में भी वे शामिल थीं, लेकिन जब फीस जमा करने की बारी आई तो कॉलेज ने बैक डोर से फॉर्म भराकर दूसरे स्टूडेंट्स को एडमिशन दे दिया। लड़कियों ने बताया कि बीए, बीकॉम और बीएससी की करीब 250 से ज्यादा लड़कियों को एडमिशन से बाहर कर दिया गया है।

एडमिशन से चूकने पर किया हंगामा

बीसीबी में फ्राइडे को बीए, बीकॉम और बीएससी में एडमिशन बंद हुए। इस बार रिकॉर्ड 20,000 से ज्यादा स्टूडेंट्स ने आवेदन किया था। काउंसलिंग के दौरान अक्सर एडमिशन से चूके स्टूडेंट्स को लेकर छात्रसंघों ने हंगामा किया। सैटरडे को भी विशाल यादव समेत सभी सछास मेंबर्स ने सीटें बढ़ाने और छूटे हुए स्टूडेंट्स को एडमिशन दिलाने की मांग को लेकर प्रिंसिपल डॉ। आरपी सिंह का घेराव किया।

एक-एक सेक्शन खोलने की मांग

रोज-रोज हंगामा कर रहे स्टूडेंट्स के दबाव को देखते हुए प्रिंसिपल डा। सिंह ने आरयू एडमिनिस्ट्रेशन से बीए, बीकॉम और बीएससी मैथ्स व बॉयो में एक-एक सेक्शन बढ़ाने की अनुमति मांगी। इसके लिए बकायदा उन्होंने रजिस्ट्रार के नाम अनुमति पत्र भी भेजा। उन्होंने बताया कि एक-एक सेक्शन खोलने के लिए कॉलेज में पर्याप्त इंफ्रास्ट्रक्चर है। कोई प्रॉब्लम नहीं आएगी।

बीसीबी में बढ़ेंगी सीटें!

बरेली कॉलेज में यूजी कोर्सेज की 20 परसेंट सीटें बढ़ सकती हैं। स्टूडेंट्स का भारी दबाव को देखते हुए प्रिंसिपल ने रुहेलखंड यूनिवर्सिटी से 20 परसेंट बढ़ाने की अनुमति मांगी है। अब सबकुछ यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन पर डिपेंड करता है। शासन पहले ही कॉलेजेज और यूनिवर्सिटी को अपनी सुविधा के अनुसार सीटें बढ़ाने का निर्देश दिया है।