बरेली (ब्यूरो)। बदायूं रोड पर बुधवार को सुभाषनगर थाना अंतर्गत करगैना चौकी के पास नाला खोदाई में हैंड ग्रेनेड मिलने से हडक़ंप मच गया। जांच में सामने आया है कि हैंड ग्रेनेड साल 1948 में पुणे की किरकी फैक्ट्री से निर्मित है। ग्रेनेड बगैर पिन का था। एसएसपी ने पूरे मामले में जांच बैठा दी है। बरेली का बम निरोध दस्ता लखनऊ में होने के चलते मुरादाबाद का बम निरोधक दस्ता बुलाया गया। बम निरोधक दस्ता ग्रेनेड की जांच में जुटा है।
होटल संचालक के पैर से टकराया
बदायूं रोड पर काफी दिनों से सडक़ चौड़ीकरण व नाला खोदाई का काम चल रहा है। बुधवार की सुबह साढ़े 10 बजे के करीब फूड प्लाजा के संचालक संजीव पटेल करगैना चौकी से थोड़ा आगे स्थित रोड से गुजर रहे थे। जहां नाले की खोदाई चल रही थी। इसी दौरान उनका पैर हैंड ग्रेनेड से टकरा गया। उन्होंने बम देखकर तुरंत पुलिस को सूचित किया। उन्होंने चौकी से थाना प्रभारी को बताने के साथ एसएसपी तक जानकारी दी गई। आस-पास के लोग इकट्टा हो गए। बम मिले की सूचना पर अफरा-तफरी मच गई। आनन-फानन में एसएसपी रोहित ङ्क्षसह सजवाण फोर्स संग पहुंचे। एसएसपी ने तत्काल बम निरोधक दस्ता को बुलवाया। मुरादाबाद से बम निरोधक दस्ता बरेली के लिए रवाना हुआ। शुरुआती जांच में हैंड ग्रेनेड की बात सामने आई है। यह भी पता चला कि हैंड ग्रेनेड साल 1948 में पुणे की किरकी फैक्ट्री से निर्मित है। यह फैक्ट्री गोला-बारुद निर्मित करने वाली फैक्ट्री है। एहतियात के तौर पर पुलिस को सतर्क कर दिया गया है। पुलिस हर ङ्क्षबदु पर जांच में जुटी है।
बम पर लिखा था सीरियल नंबर
जमीन में दबा होने के चलते ग्रेनेड मिट्टी से सना था। जांच में जुटा मुरादाबाद बम निरोधक दस्ता ने साफ किया तो उसका सीरियल नंबर सामने आया। उस पर नौ बटा केएफ-48 लिखा था। सीरियल नंबर से पता चला कि बम साल 1948 में पुणे की किरकी फैक्ट्री में निर्मित है। जांच में ग्रेनेड निष्क्रिय होने की बात सामने आई।
खुफिया एजेंसियां हुईं सक्रिय
हैंड ग्रेनेड का शोर बुधवार को पूरे शहर में रहा। इस पर पुलिस ने साफ किया कि वह नाला खोदाई के दौरान मिला है और काफी पुराना है। लिहाजा, ला एंड आर्डर की चुनौती वाली ऐसी कोई बात नहीं है। वहीं पुलिस किसी भी आशंका से इनकार भी नहीं कर रही है। मामले के बाद खुफिया एजेंसियां अलर्ट में हैं। पूरे मामले में खुफिया एजेंसी रिपोर्ट तैयार कर रही है।
शासन ने रिपोर्ट की तलब
शहर में बम मिलने का शोर कुछ ही देर में इंटरनेट मीडिया पर वायरल होने लगा। गोरखपुर मंदिर में हमले के बाद बरेली में बम मिलने की सूचना पर लखनऊ तक अधिकारी सकते में आए गए। कुछ देर में ही लखनऊ से अधिकारियों के पास फोन घनघनाने लगा और पूरे मामले की रिपोर्ट तलब की गई।
वर्जन
नाला खोदाई के दौरान बम मिला है, जो काफी पुराना है। जांच में उसके सन 1948 में निर्मित होनेे की बात सामने आई है। हर ङ्क्षबदु पर टीम जांच में जुटी है।
-रोहित ङ्क्षसह सजवाण, एसएसपी