-फॉर्म फिलअप कराने से लेकर दे रहे पूरी गाइडेंस
-हाजियों ने उठाया सोशल सर्विस का बीड़ा
BAREILLY: कभी-कभी इंसान की जिंदगी में ऐसा मोड़ आता है जब उसे दूसरों की मदद की जरूरत होती है पर लोग उसकी मदद करने के बजाय उल्टा अपना फायदा निकालते हैं। ऐसा वक्त या तो इंसान की सोच पर बुरा इफेक्ट डालता है या फिर उसे जिदंगी जीने का नया मकसद दे जाता है। कुछ ऐसे ही एक्सपीरिएंस से गुजरे सिटी के चंद हाजियों ने लोगों की सेवा का बीड़ा उठाया है। ये सभी डिस्ट्रिक्ट से जाने वाले सैकड़ों हज यात्रियों की जिदंगी में उम्मीद की रोशनी बन गए हैं। हज जाने के लिए इन्हें जिन परेशानियों का सामना करना पड़ा था, इनकी कोशिश रहती है कि दूसरे लोगों को वही दुश्वारियां न झेलनी पड़े। ये लोग आजमीनों को हज पर जाने के पूरे प्रोसस में हेल्प करते हैं, वह भी बिना किसी फीस के। एप्लाई करने से लेकर मेडिकल और यात्रा शुल्क जमा करवाने के भी पूरे प्रोसेस में उन्हें गाइड करते हैं।
रूरल एरियाज के आजमीनों को मिल रहा अधिक लाभ
इन चार हाजियों ने मिलकर 'अंजुमन जायरीन-ए-हरम' संस्था का ख्007 में बनाई। इसमें हाजी कंबर, हाजी आफताब, हाजी फैज और शानू ने आजमीनों की प्रॉब्लम सुनने और उन्हें सॉल्व करने के लिए एक ऑफिस खोला है। अपनी वीकली ऑफ वाले दिन यानि थर्सडे को ये लोग ऑफिस में आजमीनों की मदद के लिए मौजूद रहते हैं। यहीं नहीं सिटी के कुतुबखाना स्थित रहमान मार्केट में ये चारों अपनी अलग-अलग दुकानों पर भी आजमीनों की प्रॉब्लम्स को सुनने को तैयार रहते हैं। हज पर जाने के पूरे प्रोसेस में ये आजमीनों की पूरी हेल्प करते हैं। इनकी इस पहल का सबसे ज्यादा फायदा उन कम पढ़े-लिखे रूरल आजमीनों को मिल रहा है जो इस पूरे डॉक्यूमेंटेशन को कंप्लीट करने के लिए इधर-उधर के चक्कर काटते हैं और अपना पैसा वेस्ट करते हैं।
खुद की लाइफ से मिली इंस्पिरेशन
हाजी आफताब हसन बताते हैं कि दस साल पहले हज के लिए एप्लीकेशन फॉर्म, मेडिकल फॉर्मैलिटीज और फी जमा कराने के लिए आजमीनों को दर-दर की भटकते देखा। वे जब खुद हज पर गए तो एप्लीकेशन प्रोसेस के नाम पर लोगों ने उनसे भी मनमाने तरीके से पैसे लिए। उन्हें महसूस हुआ कि समय से कागजाती काम पूरान होने की वजह से अनगिनत आजमीन हज पर जाने से रह जाते हैं। स्पेशली रूरल एरियाज के आजमीनों को सही गाइडेंस नहीं मिल पताी। इसलिए उन्होंने अपने तीन साथियों के साथ मिलकर आजमीनों को फ्री हेल्प देना शुरू किया। आज हर दिन कम से कम क्फ् से ख्0 आजमीन हज यात्रा के लिए उन्हें सजेशन लेने पहुंचते हैं।