- अप्रत्यक्ष नवरात्रि को ही गुप्त नवरात्रि कहा जाता

-12 से 21 फरवरी तक 10 महाविद्याओं की होगी पूजा

बरेली : माघ मास में मनाई जाने वाली गुप्त नवरात्रि इस बार प्रतिपदा 12 फरवरी से शुरू होंगी और 21 फरवरी तक रहेगी। पुराणों की मान्यता के अनुसार गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गे की 10 महाविद्याओं की पूजा की जाती है। ज्योतिषाचार्य पंडित मुकेश मिश्रा बताते हैं कि वर्ष में चार नवरात्रि आती हैं, दो प्रत्यक्ष और दो अप्रत्यक्ष। बता दें कि अप्रत्यक्ष नवरात्रि को ही गुप्त नवरात्रि कहा जाता है। प्रत्यक्ष तौर पर चैत्र और आश्विन के महीने में मनाई जाती हैं। गुप्त नवरात्रि आषाढ़ और माघ मास में मनाई जाती हैं।

मंगलकारी है संयोग

मान्यता के अनुसार कहते हैं कि गुप्त नवरात्रि का फल हजारों गुना ज्यादा होता है। यह नवरात्रि तंत्र मंत्र सिद्धि साधना के लिए सर्वश्रेष्ठ लिए मानी जाती है। जिससे इनकी पूजा करने का फल भी कई गुना मिलता है। इस बार गुप्त नवरात्रि की शुरुआत सूर्य के राशि परिवर्तन और गुरु शुक्र तारा उदय के साथ हो रही है जो कि बड़ा दुर्लभ संयोग है। यह दुर्लभ संयोग अत्यंत मंगलकारी भी रहेगा। इसी नवरात्रि की पंचमी तिथि को देवी सरस्वती का प्राकट्य उत्सव मनाया जाएगा।

मां दुर्गा जी की होती है पूजा

मां कालिके, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, माता चित्रमस्ता, त्रिपुर भैरवी, मां धूम्रवती, माता बगलामुखी, मातंगी, कमला देवी यह दस महाविद्याओं की पूजन होती है।

नवरात्रि में ऐसे करें पूजा

कहते हैं कि गुप्त नवरात्रि के दौरान तांत्रिक और अघोरी मां दुर्गा जी की आधी रात में पूजा करते हैं। मां की प्रतिमा या मूर्ति स्थापित कर लाल रंग का ¨सदूर और सुनहरे गोटे वाली चुनरी अर्पित की जाती है। इसके बाद मां के चरणों में पूजा सामग्री को अर्पित किया जाता है। मां दुर्गा को लाल पुष्प चढ़ाना शुभ माना जाता है साधक अनेक प्रकार से मां को प्रसन्न करने के लिए तरह-तरह की साधनाएं करते है।

घट स्थापना शुभ मुहूर्त

नवरात्रि प्रारंभ 12 फरवरी 2021 दिन शुक्रवार से 21 फरवरी 2021 दिन रविवार तक रहेगे। कलश स्थापना मुहूर्त सुबह 08 बजकर 34 मिनट से 09 बजकर 59 मिनट तक। अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 13 मिनट से 12 बजकर 58 मिनट तक रहेगा।