-मेंटेनेंस के अभाव में खस्ता हो रहा ग्रीन पार्क का हाल
- कुछ के एफर्ट से स्टार्ट हुआ काम तो मचा घमासान
- चार सौ रुपये हर घर से वसूलने वाली समिति भी बेपरवाह
BAREILLY:
ग्रीन पार्क कॉलोनी के निर्माण में गोलमाल का मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा था कि कॉलोनी के कर्ताधर्ताओं की वर्किंग को लेकर भी लोगों का गुस्सा फूटने लगा है। असल में डेवलपमेंट और मेंटेनेंस के नाम पर हर महीने चार सौ रुपये देने वाले कॉलोनीवासी ग्रीन पार्क जन कल्याण समिति, सोबती कंस्ट्रक्शन और नगर निगम के पाटे में पूरी तरह से पिस रहे हैं। ताजा विवाद ग्रीन पार्क में सड़क निर्माण को लेकर है। गड्ढों में बदल चुकी कॉलोनी की सड़क दुरुस्त करने के लिए घमासान मच गया है।
क्या है मामला?
ग्रीन पार्क कॉलोनी की सड़कें बेहद खस्ताहाल हो चुकी हैं। वेडनसडे को मेन ग्रीन पार्क के मकान नंबर क्भ्म् से क्म्फ् के टूटी सड़क को सही करने का काम चल रहा था। इसी दौरान यहीं के कुछ लोगों ने विरोध कर काम बंद करवा दिया। इनकी मांग थी कि एक साथ ही पूरी कॉलोनी की सड़क बननी चाहिए। वहीं दूसरे पक्ष के लोग लोगों सड़क बनवाने पर अड़े थे। बवाल बढ़ा तो सोसायटी के मेंबर्स भी पहुंच गए। उन्होंने कहा कि रोड का निर्माण प्रपोजल एवं प्रोसेज के अनुसार नहीं किया जा रहा है।
बाबू ने दबाव में किया काम
जन कल्याण समिति के सेक्रेटरी ने बताया कि पीडब्ल्यूडी के कर्मचारी ने सत्ता के दबाव में आकर काम किया है। जबकि रोड कंस्ट्रक्शन के लिए गेट संख्या दो से तीन तक का प्रस्ताव एरिया के एमएलए राजेश अग्रवाल ने पहले ही पास करवा रखा है। उन्होंने बताया कि कुछ लोगों ने व्यक्तिगत फायदे और श्रेय लेने के लिए कार्य को सीमित दायरे में ला दिया। कॉलोनीवासियों की प्रॉब्लम्स को देखते हुए इस पहल को दूसरे के नाम पर भुनाने नहीं देंगे। अगर निर्माण कार्य शुरू होता है तो प्रपोजल के अनुसार ही होगा।
रेजीडेंट्स पर दोहरी मार
असल में ग्रीन पार्क कॉलोनी के अंदर होने वाले विकास कार्य जन कल्याण समिति करवाती है। इससे नगर निगम को हैंडओवर नहीं किया गया है। बताते चलें कि सोबती कंस्ट्रक्शन ने ग्रीन पार्क कॉलोनी की स्थापना की थी, अभी इसकी देखरेख का जिम्मा उसी पर है। कॉलोनी में सीवरेज, पानी, सड़क आदि व्यवस्थाओं पर निगम का कोई हस्तक्षेप नहीं है। यहां के रहने वालों ने बताया कि वे नगर निगम को हॉउस टैक्स भी देते हैं और जन कल्याण समिति को भी। मोहल्ले की साफ-सफाई और सीवरेज व्यवस्था दुरुस्त रखने के लिए जन कल्याण समिति को लोग प्रतिमाह ब्00 रुपए भुगतान करते हैं। समिति ही यहां की सुविधाओं की देखरेख करती है। जन कल्याण समिति के जनरल सेक्रेटरी एसओ वाष्णे ने बताया इस हिसाब से डेढ लाख रुपए जमा हो जाता है।
दो फाड़ हुए निवासी
ग्रीन पार्क कॉलोनी में पीडब्ल्यूडी द्वारा सड़क को उखाड़ने के बाद विवाद बढ़ गया है। कॉलोनी दो गुटों में बंटती नजर आ रही है। वहीं रोड कंस्ट्रक्शन वर्क ठप कर दिए जाने से लोगों को दिक्कत होती है। सड़क के आधे हिस्से को उखाड़ दिए जाने से लोगों का आने-जाने दिक्कत होती है। वाहनों के एक-दूसरे को पार करते समय हादसे की आशंका बनी रहती है। कॉलोनी का हिस्सा नगर निगम के तहत ना आने की वजह से इस समस्या का निस्तारण करने वाला फिलहाल कोई दूर-दूर नजर नहीं आ रहा है।
मुझे यदि कहीं से कोई समस्या नजर आती है तो हम कंस्ट्रक्शन वर्क के हिसाब से गवर्नमेंट से विभाग के लिए पैसा पास करवाते हैं। संबंधित विभाग डेवलपमेंट वर्क करवाता है। कोई भी विकास कार्य प्रस्तावित बजट के अनुसार ही होता है। ग्रीन पार्क कॉलोनी का मसला अभी मेरे संज्ञान में नहीं आया।
-- राजेश अग्रवाल, विधायक कैंट एरिया
रोड कंस्ट्रक्शन का पार्ट था। निर्माण कार्य प्रोसेज के अनुसार नहीं किया जा रहा था। इस वजह से कंस्ट्रक्शन वर्क पर हस्तक्षेप करना पड़ा। विभाग निर्माण के नाम पर रोड को और अधिक डैमेज कंडीशन में पहुंचा रहा था।
--अनूप पांडेय, मैनेजर सोबती कंस्ट्रक्शन
सगे-संबंधियों के घर के सामने रोड कंस्ट्रक्शन की कोशिश राजनेताओं के निजी स्वार्थ को दर्शाता है। मेरा मानना है कि अगर रोड कंस्ट्रक्शन की पहल की गई तो कॉलोनी में दूसरे हिस्से को क्यों छोड़ दिया गया।
- अशर्फी लाल, सेक्रेटरी, जन कल्याण कमेटी ग्रीन पार्क।
हमारी मांग है कि रोड का निर्माण प्रोसेज के अनुसार होना चाहिए। विधायक राजेश अग्रवाल ने गेट संख्या दो से तीन तक सड़क निर्माण का आश्वासन दिया था, लेकिन कुछ लोगों ने इसका श्रेय खुद लेने की कोशिश की। हम आधी-अधूरी सड़क निर्माण के विरोध में हैं।
- एसओ वाष्णे, जनरल सेक्रेटरी, जन कल्याण समिति
कुछ लोगों द्वारा निर्माण कार्य में अवरोध पैदा करना गलत है। इसकी वजह से अब रोजाना सैकड़ों लोगों को आने-जोन में दिक्कत होती है।
-- फरजाना नसीम, हॉउसवाइफ।
निगम की ओर से कॉलोनी में कोई सुविधा नहीं दी जाती। यहां के लोग निगम के टैक्स के साथ-साथ हर माह ब्00 रुपए कमेटी को देते हैं। कमेटी ने रोड कंस्ट्रक्शन के लिए प्रत्येक नागरिक से ख्000 रुपए की मांग की थी, लेकिन मोहल्ले के लोग इसके लिए तैयार नहीं थे। अब रोड उखाड़कर अधर में छोड़ दिए जाने की वजह से हमें मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है।
- टी आर आर्या, मोहल्लावासी।
कॉलोनी में पीने की पानी की व्यवस्था ठीक नहीं है। अन्य सुविधाओं को लेकर भी लोग कॉलोनाइजर और सोसायटी के ऊपर निर्भर रहते हैं।
- जीएस खोसला, मोहल्लावासी।
सड़क का निर्माण बीच में रुकवाना गलत है। चाहे कंस्ट्रक्शन जिस तरीके से भी हो रहा था, इससे आसपास के लोगों की मुश्किलें कम होतीं। रोड जर्जर और गड्ढे में तब्दील होने की वजह से प्रभावित एरिया के लोगों के घरों में जल-जमाव की शिकायत रहती है।
-- नीलम जेठा, हाऊस वाइफ।
कॉलोनी को आज तक नगर निगम को हैंडओवर नहीं किया गया और न ही एनओसी दी गई, जिसकी वजह से सुविधाओं की मांग को लेकर नगर निगम तक नहीं पहुंच पाते।
-- शांति उपाध्याय, मोहल्ला निवासिनी।