बरेली(ब्यूरो)। स्लिप डिस्क जैसी गंभीर बीमारी कुत्तों में आजकल आम हो गई हैं। इस का सब से बड़ा कारण उनके ओनर्स की उनके प्रति लापरवाही है। अपने शौक के लिए हम अपनी पसंद के अनुसार ब्रीड के डॉग्स तो घर ले आते हैं, मगर उन्हें उनके अनुसार एटमॉसफेयर नहीं दे पाते। इसका रिजल्ट यह होता है कि वो चिड़चिड़े हो जाते हैं और सही से ग्रो नहीं कर पाते या फिर हमारी किसी लापरवाही के कारण या प्रॉपर अटेंशन के अभाव में वे किसी न किसी डिजीज के शिकार हो जाते हैं।

स्लिप डिस्क का कारण
आईवीआरआई के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ। अभिजीत पावड़े के अनुसार डॉग्स में स्लिप डिस्क कई वजह से हो सकती है। इसमें सबसे बड़ा कारण आलीशान घर के चिकने फर्श भी हो सकते हैैं। आजकल हर घर में चिकने फर्श का प्रचलन है। हर घर मेें टाइल्स दिखाई देते हैं, जो डॉग्स को प्रॉपर वॉकिंग एटमॉसफेयर नहीं देते। कई बार उछल-कूद करते समय इसकी वजह से वे फिसल जाते हैं और स्लिप डिस्क का शिकार हो जाते हैं। दूसरी वजह छोटे घर भी हैं। लोग शौक में बड़ी ब्रीड का डॉग ले लेते हैं, लेेकिन प्रॉपर वॉकिंग फैसिलिटी नहीं होने के कारण यह प्रॉब्लम सामने आती है।

कितने तरह के होते हैैं स्लिप डिस्क
ग्रेड ए : इस ग्रेड में डॉग्स को मामूली दर्द होता है। बिना किसी अन्य लक्षण के वे चल-फिर लेते है।
ग्रेड बी : इस ग्रेड में डॉग के एक या अधिक अंग कमजोर हो जाते हैं, लेकिन डॉग चल सकता है।
ग्रेड सी : यह ग्रेड डॉग के लिए धीरे-धीरे सीवियर होता जाता है। वे चल नहीं पाते सिर्फ हाथ-पैर हिला पाते हैैं।
ग्रेड डी : इस ग्रेड में डॉग को पैरालाइसिस हो जाता है, लेकिन फिर भी वह पैर की उंगलियों को महसूस कर सकता है।
ग्रेड ई : डॉग को पैरालाइसिस हो जाता है और वे लोअर बॉडी को महसूस नहीं कर पाते।

ऐसे करें बचाव
स्लिप डिस्क से बचाव के लिए डॉग्स के रहने की जगह पर खुरदरी जमीन होनी चाहिए। टाइल्स फलोरिंग उनके लिए हानिकारक हैै। इसके अलावा उम्र के साथ भी इनमें स्लिप डिस्क का खतरा बढ़ जाता हैैं। इससे बचाव के लिए डॉग्स की प्रॉपर डाइट का ध्यान रखने के साथ ही उन ्रकी प्रॉपर केयर करें।

लोगों का क्या कहना
डॉग ओनर होने की वजह से हम यह महसूस कर सकते हैं कि डॉग को अगर प्रॉपर अटेंशन नहीं मिले तो वे हाइपर हो जाते हैं। डॉग को कोई परेशानी न हो, इसलिए हमने घर में टाइल्स नहीं लगवाए हैं।
तुषार श्रीवास्तव

डॉग्स को तब ही पालना चाहिए, जब हम उनकी सही से देखभाल कर पाएं। रहन-सहन का दुष्प्रभाव डॉग्स की डेली लाइफ पर पड़ता है। हमें उनकी प्रॉपर मॉनीटरिंग करना चाहिए ताकि वे किसी प्रॉब्लम का शिकार न हो सकें।
रिया शुक्ला