बरेली (ब्यूरो)। बिथरी चैनपुर में शनिवार देर शाम नेशनल हाईवे-24 के किनारे ङ्क्षभडोलिया गांव के पास बड़ी मात्रा में सरकारी दवाएं मिलने पर स्वास्थ्य विभाग में खलबली मच गई है। 11 पेटच् बच्चों के सीरप और एक पेटी टैबलेट हैं। मामला संज्ञान में आने पर सीएमओ ने एसीएमओ को इसकी जांच सौंप दी है।

सीरप व एक पेटी टैबलेट मिले
स्वास्थ्य विभाग के दवा का मुख्य स्टोर क्षेत्र के रजऊ परसपुर गांव में है। यहीं से जिला अस्पताल समेत पीएचसी, सीएचसी के लिए दवाओं का आवंटन किया जाता है। यहां से महज एक किमी दूर नेशनल हाईवे किनारे बड़ी मात्रा में दवा मिलने की सूचना किसी ने सीएमओ को दी तो उन्होंने सीएचसी बिथरी से विभाग की टीम को मौके पर भेजा। मौके पर पहुंची टीम ने दवा को अपने कब्जे में लेकर उसकी गिनती शुरू कर दी है। इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि यह सरकारी दवाएं हैं, जिनमें 11 पेटच्ी बच्चों के सीरप हैं। हर पेटी में 100 सीरप भरे हैं। इसके अलावा एक पेटी में टैबलेट हैं। यह दवा यहां तक कैसे पहुंची इसके बारे में अभी कोई कुछ नहीं बोल रहा है। सुगबुगाहट इस बात की हो रही है कि दवा सीएचसी फरीदपुर के लिए आवंटित हुई थी। मुख्य स्टोर से वितरित होने वाली दवाओं के बैच नंबर के आधार पर छानबीन की जा रही है। डेंगू और मलेरिया के सीजन में स्वास्थ्य विभाग पीएचसी, सीएचसी पर भरपूर दवाएं उपलब्ध कराने का दावा कर रहा है, लेकिन इस तरह से दवाओं को हाईवे किनारे फेंके जाने से मरीजों को आवश्यकता के अनुरूप दवाएं नहीं मिल पा रही हैं। इस बात की आशंका से भी इन्कार नहीं किया जा सकता कि रात के अंधेरे में यह दवा ब्लैक करने के लिए उतारी गई हो, किसी ग्रामीण की नजर पड़ गई और बात विभागीय अधिकारियों तक पहुंच गई। फिलहाल, जांच के बाद ही स्थिति साफ हो सकेगी। चिकित्सा अधीक्षक डा.उत्तरा शर्मा ने बताया कि झाडिय़ों में पड़ी दवाएं मिली हैं, जिनमें सीरप और टैबलेट हैं। दवाएं सीएचसी में रखवा दी गई हैं, कल इसकी रिपोर्ट बनाकर जिला मुख्यालय भेजी जाएगी।


वर्जन
मामला संज्ञान में आया है। सीएचसी बिथरी से टीम भेजकर दवा को सुरक्षित कर लिया गया है। इसकी जांच अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा। राकेश को सौंप दी है। जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
- डा। विश्राम ङ्क्षसह, सीएमओ