-पहली बार गवर्नर को कॉनवोकेशन का स्मृति चिन्ह दिया जाएगा
BAREILLY: आरयू के कॉनवोकेशन में इस बार कुछ नई परम्परा देखने को मिलेंगी जो आज तक कभी निभाई नहीं गई। पहली बार इंजीनियरिंग के सभी ट्रेड के टॉपर्स को गोल्ड मेडल मिलने जा रहा है। पहली बार होगा जब गवर्नर को कॉनवोकेशन का स्मृति चिन्ह दिया जाएगा। यही नहीं गवर्नर ने भी एक नई परम्परा की शुरुआत करते हुए इस बार सभी स्टूडेंट्स से सीधे मुखातिब होने की ठानी है। वे इस बार पढ़कर स्पीच नहीं देंगे, बल्कि ऑन दी स्पोट बोलेंगे। स्टूडेंट्स और फैकल्टी मेंबर्स से सीधे संवाद की मुद्रा में होंगे। आरयू भी इस नई परंपरा को लेकर काफी उत्सुक है। राज्यपाल ने पहले अपने इस डिसिजन से आरयू को अवगत करा दिया है।
रिटन स्पीच पहले से नहीं हाेगी अवेलेबल
कॉनवोकेशन में राज्यपाल और चीफ गेस्ट अपनी स्पीच देते हैं। हर बार कॉनवोकेशन से पहले ही उनकी स्पीच मुहैया करा दी जाती है। शिक्षण संस्थान उसे पहले ही प्रिंट कराकर कॉनवोकेशन में मौजूद सभी को मुहैया करा देता है, लेकिन यह परंपरा इस बार टूटेगी। राज्यपाल राम नाईक ने अपनी स्पीच पहले मुहैया कराने से साफ इंकार कर दिया है। यहां तक कि उन्होंने पढ़कर स्पीच देने को ही मुनासिफ नहीं समझा। उन्होंने आरयू को संदेशा भिजवाया है कि वे मंच पर डायरेक्ट स्पीच देंगे।
अंतिम समय में कंप्लीट करा रहे हैं पीएचडी
आरयू का क्ख्वां कॉनवोकेशन क्0 नवम्बर को है। लेकिन अभी तक पीएचडी उपाधी दिए जाने वालों की लिस्ट फाइनल नहीं हो पाई है। अभी तक ख्ख्फ् स्टूडेंट्स को पीएचडी की उपाधी दिए जाने की लिस्ट बनी है। जबकि सैटरडे और संडे को भी वाइवा कंडक्ट कराकर पीएचडी का प्रोसेस जल्दी-जल्दी कंप्लीट करा दिया जाएगा। अभी इस बात का खुलासा नहीं हो पा रहा है कि अंत समय में और कितने स्टूडेंट्स को पीएचडी की लिस्ट में शामिल किया जाएगा। वहीं करीब ख्ख्8 स्टूडेंट्स को पीजी की डिग्री प्रदान की जाएगी। जबकि गोल्ड मेडलिस्ट पाने वालों की संख्या 7भ् हो गई है।
टीचर्स को नहीं है रिसर्च में रुची
लगता है रुहेलखंड एरिया के टीचर्स का नई इनोवेटिव स्टडीज व रिसर्च के प्रति इंट्रेस्ट नहीं है। वे एक बार टीचर बनने के बाद आगे की पढ़ाई में कोई रुचि नहीं रखते। इस बार कॉनवोकेशन में किसी को भी डीएससी व डीलिट की उपाधी नहीं दी जाएगी। यह उपाधी टीचर्स को रिसर्च के लिए दी जाती है। यह इस बात का गवाह है कि टीचर्स किस तरह से रिसर्च से विमुख होते जा रहे हैं।