-चाइल्ड लाइन ने 189 परिवारों की खुशियों को लौटाने के साथ 7 बाल विवाह भी रुकवाए
-चाइल्ड लाइन से सीडब्ल्यूसी में पहुंचे 219 नए, 81 थे पिछले साल के पेंडिंग
-सीडब्ल्यूसी ने 300 केसेस में 216 का किया निस्तारण, 84 केस रहे गए पेंडिंग
81-केस पिछले वर्ष के पेंडिंग
219-केस 31 दिसम्बर 2020 तक नए
300-कुल केस आए
216-केस 31 दिसम्बर 2020 तक हुए निस्तारित
84-केस रह गए पेंडिंग
189-बच्चों को पहुंचाया गया उनके परिवार
9-बच्चों की उम्र पूरी होने पर स्वतंत्र घोषित किया गया
9-बच्चों को दूसरी बाल कल्याण समिति को भेजा गया
5-बच्चों को दत्तक ग्रहण के लिए किया गया फ्री
2-बच्चे पलायन
2-केस सक्षम अधिकारी को भेजे गए
92-केस पॉक्सो के आए
13-केस बाल श्रम के आए
7-बाल विवाह रोके गए
नोट : यह डाटा 1 जनवरी से 31 दिसम्बर 2020 तक का है।
बरेली: चाइल्ड लाइन ने वर्ष 2020 में 189 परिवारों की खुशियों को लौटाने के साथ 7 बाल विवाह भी रुकवाए। वहीं श्रम विभाग ने बाल श्रम करते 13 बच्चों को मुक्त कराया। यह सभी केसेस चाइल्ड लाइन ने चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (सीडब्ल्यूसी) में पेश किए थे, सीडब्ल्यूसी मजिस्ट्रेट के आदेश के बाद चाइल्ड लाइन ने बच्चों को उनके घर पहुंचाया। बात वर्ष 2020 की करें तो कुल नए 219 केस दर्ज हुए जबकि 81 केस पिछले वर्ष के पेंडिंग थे। इन सभी केसेस में सीडब्ल्यूसी मजिस्ट्रेट ने अपना निर्णय सुनाया। हालांकि इस वर्ष भी 84 केस पेंडिंग रह गए जिनका निस्तारण वर्ष 2021में होगा।
पॉक्सो के सबसे अधिक मामले
बाल कल्याण समिति के आंकड़ों पर गौर करें तो वर्ष 2020 में कुल 219 केस नए पहुंचे जबकि 81 केस 2019 के पेडिंग थे, यानि कुल मिलाकर 300 केस हुए। इसमें सबसे अधिक केस तो बाल कल्याण समिति यानि सीडब्ल्यूसी में पॉक्सो के पहुंचे। तो वहीं महिला एवं बाल कल्याण विभाग की तरफ से संचालित आशा ज्योति केन्द्र और चाइल्ड लाइन ने 7 बाल विवाह रुकवाए, जबकि 5 लावारिस मिले बच्चों को दत्तक ग्रहण के लिए फ्री किया गया,189 बच्चों को उनके पेरेंट्स के पास चाइल्ड लाइन की हेल्प से पहुंचाया गया। 9 गर्ल्स को बालिग होने के बाद स्वतंत्र किया गया। वहीं श्रम विभाग की हेल्प से 13 बच्चों को बाल श्रम से मुक्त कराने के पहुंचे।
कोरोना काल में बने योद्धा
पूरे देश में जहां कोरोना संक्रमण फैल रहा था तो उस समय भी चाइल्ड लाइन टीम ने कोरोना योद्धा बनकर खोए पाए बच्चों और प्रवासियों के साथ आए किशोर किशोरियों के साथ बच्चों और बुजुर्गो की भी काउंसलिंग कर उन्हें हेल्प पहुंचाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी।
चाइल्ड लाइन ने जो भी केस सीडब्ल्यूसी के समक्ष पेश किए गए। इसमें कुछ बच्चे खोए हुए थे उनमें से अधिक से अधिक बच्चों को घर पहुंचा दिया गया। इसके साथ ही 7 बाल विवाह रुकवाने के भी केस आए थे।
डॉ। डीएन शर्मा, सीडब्ल्यूसी मजिस्ट्रेट
-चाइल्ड लाइन के पास कहीं से भी बच्चा खोया पाया मिलती है तो वहां पर चाइल्ड लाइन हेल्प करने पहुंचती है। बाल विवाह की सूचना मिलती है तो भी टीम रूकवाने के लिए पहुंचती है। चाइल्ड लाइन बाल अधिकारों को भी फॉलो कराती है।
रमनजीत सिंह, इंचार्ज चाइल्ड लाइन
-चाइल्ड लाइन लगातार बच्चों को सहायता सुरक्षा एंव संरक्षण उपलब्ध करा रही है। वर्तमान समय में चाइल्ड लाइन बच्चों को 1098 काफी पॉपुलर हुई है। पूरे साल चाइल्ड टीम ने मुसीबत में फंसे बच्चाें हेल्प कर कार्य कर उनके चेहरे पर मुस्कान बिखेरने का काम किया है।
अनीस अहमद खां जहांगीर