बरेली (ब्यूरो)। बेसिक स्कूल्स के लाखों बच्चे अब प्राइवेट स्कूल्स के स्टूडेंट्स की तरह ही कम्यूटर भी पारंगत होंगे। इसके साथ ही उन्हें अब रोजगारपरक शिक्षा भी मुहैया कराई जाएगी। नई शिक्षा नीति के अंतर्गत अब कक्षा आठ के बच्चों को कंप्यूटर की बेसिक जानकारी के साथ कई डिजाइनिंग के पाठ्यक्रम भी पढ़ाए जाएंगे। अधिकारियों के अनुसार अगले सत्र से सभी स्कूल्स में इन पाठ्यक्रमों को लागू करा दिया जाएगा। इसकी तैयारियां शुरू हो गई हैं।
मॉड्यूल किए डेवलप
जिले के सभी 2482 परिषदीय स्कूलों में शत प्रतिशत स्मार्ट कक्षाओं का संचालन भी शुरू हो गया है। ऐसे में इन पाठ्यक्रमों को पढ़ाने और समझाने के लिए करीब 80 फीसदी संसाधन भी स्कूलों में उपलब्ध हो चुके हैं। जिन स्कूल्स में बाकी संसाधन नहीं हैं, उनमें भी कमी को पूरा कराया जाएगा। शिक्षण के क्षेत्र में अधिक से अधिक आधुनिक तकनीक का उपयोग हो, इसको देखते हुए चित्रकला विषय में कंप्यूटर ग्राफिक्स के व्यवसायिक उपयोग को शामिल करते हुए मॉड्यूल को विकसित किया गया है।
कोर्स में ये हैं शामिल
परिषदीय स्कूल्स में बच्चों को कंप्यूटर हार्डवेयर व सॉफ्टवेयर की प्राथमिक जानकारी सबसे पहले दी जाएगी। इसके बाद पाठ्यक्रम में एमएस ऑफिस, कोरल ड्रॉ, पेजमेकर, फोटोशॉप के साथ एनिमेशन के बारे में बताया जाएगा। इसके लिए स्कूलों में प्रशिक्षण सत्र का आयोजन किया जाएगा। इस बारे में विस्तृत रूपरेखा तैयार की जा रही है। इसके लिए शिक्षकों को भी प्रशिक्षित किया जाएगा।
हमारे स्कूल में स्टूडेंट्स को स्मार्ट क्लास के माध्यम से शिक्षण कराया जाता है। विभाग की तरफ से स्मार्ट टीवी उपलब्ध कराया गया है। जिसके द्वारा हम बच्चों को वीडियो दिखाकर और क्यूआर कोड स्कैन कर शिक्षा प्रदान करते हैं। बच्चों को कंप्यूटर की भी स्टडी करवाई जाती है। कंप्यूटर में कीबोर्ड, माउस, सीपीयू, स्पीकर और इनपुट-आउटपुट डिवाइस आदि की भी जानकारी भी उन्हें दी जाती है।
-मानवेंद्र सिंह, प्रधान अध्यापक, जिला अध्यक्ष जूनियर हाई स्कूल शिक्षक संघ
छात्र-छात्राओं को पढ़ाई के साथ-साथ कुछ विशेष भी सिखाने का प्रयास किया जाता है। ऐसा कुछ, जो उनके जीवन में आगे चलकर जीवन यापन में सहयोग प्रदान कर सके। स्टूडेंट्स को कंप्यूटर का बेसिक ज्ञान तथा पशुपालन आधारित ज्ञान आदि दिया जा रहा है। यह सब उनकी जीविका में आगे चलकर यह सहायक होंगे।
-शबीना परवीन, प्रधान अध्यापक, जूनियर हाईस्कूल कांधरपुर
पाठय क्रम के साथ रोजगारपरक शिक्षा को जोडऩा बेहद सार्थक प्रयास है। इसकी शुरुआत कंप्यूटर शिक्षा के विभिन्न कोर्सेेज का प्रशिक्षण बच्चों को देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का पूरा प्रयास किया जाएगा। इस दौरान बच्चों को फोटोशॉप, पेजमेकर, कोरल ड्रॉ आदि के बारे में जानकारी दी जा रही है। इससे आने वाले समय में उन्हें रोजगार मिल सकेगा।
-डॉ। विनोद कुमार शर्मा, मंडल अध्यक्ष, यूपी जूनियर हाई स्कूल शिक्षक संघ
शासन से मिली जानकारी के अनुसार बच्चों के रुझान और इन पाठ्यक्रमों की विभिन्न क्षेत्रों में मांग को देखते हुए इनकी शुरुआत कराई जा रही है, जिससे बच्चों को कंप्यूटर शिक्षा का भी ज्ञान मिल सके। इससे वे भविष्य में रोजगार पा सकेंगे। इस दौरान बच्चों को टीचर्स द्वारा फोटो शॉप, पेजमेकर, कोलर ड्रॉ आदि की जानकारी दी जाएगी।
-संजय सिंह, बीएसए