-मार्केट स्टेबिल होने से बढ़ी है गोल्ड परचेजिंग कैपेसिटी

- सहालगी सीजन होने और अक्षय तृतीया की वजह से मार्केट में 50 परसेंट की ग्रोथ

BAREILLY:

सहालग का सीजन शुरू हो चुका है। शादी की डेट तय होने के बाद घर में शॉपिंग का सिलसिला भी शुरू हो चुका है। ऐसे में जिन फैमिलीज में शादी के डेट अक्षय तृतीया के बाद है, वह ज्वैलरी की शॉपिंग के लिए शुभ मुहूर्त पर खरीददारी का मूड बनाए हुए हैं। ज्वैलर्स के मुताबिक लास्ट थ्री ईयर में अप्रैल के मार्केट पर गौर करें तो इस साल दामों में स्टेबिलिटी होने से कस्टमर्स जमकर शॉपिंग कर रहे हैं।

करीब म्0 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी

अक्षय तृतीया की शुभ घड़ी और सहालग सीजन का तालमेल ज्वैलर्स और कस्टमर्स दोनों के लिए ही बेहतर साबित हो रहा है। ज्वैलर्स ओनर विवेक रस्तोगी के मुताबिक शहरवासियों में शुभ घड़ी पर शॉपिंग करने का जबरदस्त क्रेज है। ऐसे में सहालग सीजन होने से अक्षय तृतीया के मौके पर करीब भ्0 प्रतिशत तक की ज्वैलरी बिक्री बढ़ जाती है। हालांकि शुभ दिन के कुछ दिनों पहले तक शॉप में कस्टमर्स तो आते हैं, लेकिन खरीददारी की बजाय केवल प्राइस, डिजाइन, मार्केट ट्रेंड और भावों के बढ़ने अथवा कम होने के बारे में ही क्वेरी करते हैं।

प्री बुकिंग का बढ़ रहा क्रेज

सिटी में पिछले वर्ष से शुरू हुआ ज्वैलरी की प्री बुकिंग का सिलसिला बढ़ता ही जा रहा है। ज्वैलर्स निशांत अग्रवाल के मुताबिक ज्वैलर्स करीब तीन वर्षो पहले कस्टमर्स को प्री बुकिंग की सलाह भी देते थे, तो कस्टमर्स मना कर देते थे, लेकिन इन दिनों ट्रेंड बदलने की वजह से अब प्री बुकिंग का दौर चल निकला है। ताकि शुभ घड़ी में केवल पेमेंट करने के बाद ज्वैलरी को साथ ले जाना ही शेष रहे। इससे कस्टमर्स त्योहारों में उमड़ने वाली भीड़ से बचते ही हैं टाइम सेविंग भी हो जाती है।

बदल सा गया है सीनेरिओ

ज्वैलर्स की मानें तो लास्ट थ्री ईयर्स में ज्वैलरी की परचेजिंग में काफी बदलाव आया है। वर्ष ख्0क्ख् में गोल्ड प्राइस प्रति ग्राम करीब फ्ख् हजार थी। ऐसे में बढ़ती कीमतों की वजह से कस्टमर्स जरूरत के मुताबिक ही गोल्ड परचेजिंग करते थे। लेकिन ख्0क्फ् से दामों में स्टेबिलिटी होने की वजह से स्थितियां बदलने लगी। शुरुआत में करीब क्0 परसेंट फिर वर्ष ख्0क्ब् में मार्केट ख्7 हजार के आस पास टिका होने की वजह से कस्टमर्स की परचेजिंग कैपेसिटी बढ़ी है। वहीं, ज्वैलर्स के मुताबिक इंटरनेशनल सेंटीमेंट स्टेबिलिटी की वजह से दामों में जल्द उतार चढ़ाव भी नहीं होने की संभावना है।