बरेली (ब्यूरो)। जोगी नवादा के बच्चे हिंदू और मुसलमान हो गए हैैं! यह बंटवारा बड़ों ने किया है। कुछ हफ्ते पहले तक वो साथ खेलते थे। साथ स्कूल जाते थे। आज मुहल्ले में हर तरफ संगीनें हैैं। पुलिस के बूट से निकलती आवाजें हैैं। यह सब देखकर वे सहम से जाते हैैं। उनका स्कूल जाना बंद हो गया है। दरवाजे से बाहर झांकते इन मासूमों को नहीं मालूम है कि उन्हें स्कूल जाने का मौका दोबारा कब मिलेगा। बड़ों की नफरत का शिकार सबसे ज्यादा बच्चे हो रहे हैैं।
मजहब की सरहदों से परे हैैं बच्चे
मजहब की सरहदों से परे ये बच्चे आज इस माहौल में एडजस्ट नहीं कर पा रहे हैं। वे न खेल पा रहे हैैं, न स्कूल जा पा रहे हैं। अपने घरों में कैद होकर रह गए इन बच्चों के चेहरों पर मायूसी आपको साफ नजर आएगी। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम जब जोगी नवादा और उसके आसपास के मोहल्लों में पहुंची तो इन बच्चों से भी बात की। बच्चों के चेहरों पर कई दिन से स्कूल न पहुंच पाने की टीस नजर आती है।
सीन एक
डर का माहौल
जोगी नवादा में हुए विवाद के बाद महौल तो प्रशासन ने शांत करा दिया, लेकिन अभी भी लोगों में कहीं न कहीं डर है। दोपहर को करीब एक बजे तीन बच्चे मौर्या गली में गेट पर खड़े थे। मकान के गेट पर खड़े बच्चों ने अपने नाम विशाल, निर्भय और राजकुमार बताए। बच्चों से जब टीम ने पूछा कि स्कूल की छुट्टी है? बच्चों ने बताया कि जब से विवाद हुआ है, वे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। विशाल क्लास छह, निर्भय पांच और राजकुमार क्लास चार के स्टूडेंट हैं।
केस टू
स्कूल की आती याद
दो सप्ताह हो गए हैं, स्कूल ही नहीं जा पा रही हूं। यह कहना था जोगी चकमहमूद एरिया में रहने वाली संजना और कोमल का। दरअसल संजन और कोमल भी अपने गेट पर खड़ी गली से आने-जाने वालों और रोड पर गश्त कर रही पुलिस को डरी सी निहार रहीं थी। संजना और कोमल का कहना था कि वह स्कूल तो इससे पहले डेली जाती थीं, लेकिन अब कुछ दिनों से घर पर ही हैं। उन्हें भी स्कूल की याद तो आती है, लेकिन जा नहीं पा रही हैं। इससे पढ़ाई भी खराब हो रही है.्र संजना और कोमल ने बताया कि वह छह और सात की छात्रा हैं।
केस तीन
पुलिस को देख लगता है डर
मौर्य गली निवासी देव क्लास चार में पढ़ाई करते हैं। देव अपनी मां के साथ गेट पर खड़े थे। टीम ने जब उनसे बात की तो बताया कि कई दिन से स्कूल नहीं गए हैं। पुलिस को देखकर डर लगता है। ऑटो और ई-रिक्शा स्कूल लेकर जाते थे, वो अब आ ही नहीं पा रहे हैं। इस कारण स्कूल ही नहीं जा पा रहे हैं। इससे पूरा दिन घर पर ही रहना हो रहा है।
केस-चार
पिछड़ रही है पढ़ाई
पहले तो डेली स्कूल जाते थे, लेकिन अब कुछ दिन से स्कूल डेली नहीं जा पा रहे हैं। घर वाले जिस दिन खुद स्कूल पहुंचा दें, उसी दिन स्कूल पहुंचते हैं। यह कहना है जोगी नवादा निवासी मुस्कान और रियाज का। मुस्कान और रियाज ने बताया कि वे क्लास तीन और चार के स्टूडेंट्स हैं। बताते हैं कि डेली स्कूल न जाने से पढ़ाई काफी पिछड़ रही है।