किला की महिला ने डीआईजी से लगाई गुहार

पड़ोसियों पर लगाया है बकरा चोरी का आरोप

BAREILLY: सर, मुझे मेरा बकरा दिला दीजिए। मैंने बकरा बेटी के हकीके 'रस्म' के लिए पाला था। पुलिस ने एफआईआर तो दर्ज कर ली है, लेकिन न तो आरोपियों को पकड़ रही है और न ही बकरा ढूंढकर दे रही है। जी हां कुछ इसी तरह की शिकायत लेकर एक महिला डीआईजी के सामने पेश हुई। डीआईजी ने एसएचओ किला को मामले में कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।

हकीके के लिए पाला बकरा

तरन्नुम हुसैन बाग किला में रहती है। उसके परिवार में पति रफीक अहमद और 4 बेटी तमन्ना, आशू, आरजू व एक अन्य हैं। उसके कोई बेटा नहीं है इसलिए बेटियों को ही बेटे के तरह मानती हैं। वह जरी का कारोबार कर अपनी जीविका चलाती है। तरन्नुम ने चारों बेटियों के नाम पर दो बकरे पाले थे। मंझली बेटी आरजू के कोमा में जाने के बाद उन्होंने बकरे का हकीका (मन्नत के बाद दावत ) करने की बात कही थी, जिसके बाद से आरजू हाथ-पैर भी हिलाने लगी थी।

तीन लोगों पर नामजद रिपोर्ट

तरन्नुम ने बताया कि उनका एक बकरा घर के बाहर से चोरी हो गया। बकरे की कीमत करीब ख्भ् हजार रुपए होगी। उन्होंने शक के आधार पर पड़ोस में रहने वाले इमरान और जीशान और सूफीटोला निवासी सलीम के खिलाफ बकरा चोरी की नामजद एफआईआर दर्ज कराई थी। तरन्नुम का आरोप है कि इससे पहले भी आरोपी उनकी एक बकरी को चुरा चुका है। यही नहीं उनकी एक बकरी को जहर देकर भी मार दिया था, जब उन्होंने आरोपियों से बकरा मांगा तो देने से साफ इंकार कर दिया। यहां तक कह दिया कि वह चाहे जो भी कर ले बकरा नहीं देंगे।

फैसला करने का दबाव

तरन्नुम का आरोप है कि आरोपी उसे और उसके गवाहों को लगातार धमका रहे हैं। सभी उन पर फैसला करने का दबाव बना रहे हैं। एफआईआर दर्ज होने के कुछ दिनों बाद भी पंचायत बुलाई थी, जिसमें उनके साथ मारपीट की गई थी। आरोपी कहते हैं कि उनकी बाकरगंज चौकी के बड़े दरोगा से बात हो गई है। उन्होंने जेल न जाने का भरोसा दिलाया है।

महिला ने बकरा चोरी की एफआईआर दर्ज करायी है। नामजद आरोपियों ने पूछताछ में बकरा चोरी से इनकार किया है। बकरा के बरामदगी के प्रयास भी किए जा रहे हैं।

कमरूल हसन, एसएचओ किला