- शहर के प्राइवेट ग‌र्ल्स हॉस्टल के बाहर लगता है शोहदों का जमावड़ा

- चाय, जूस की दुकानों पर बनी हैं अड्डा

BAREILLY:

घर-परिवार से दूर रहकर कॅरियर बनाने शहर आयीं ग‌र्ल्स मनचलों से त्रस्त हैं। शहर पढ़ने तो आयी हैं, लेकिन उन्हें हर वक्त मनचलों का खौफ डराता रहता है, क्योंकि हॉस्टल से बाहर निकलते ही मनचले पीछे-पीछे हो लेते हैं। कोचिंग या फिर कॉलेज तक ये पीछा करते रहते हैं। इस दौरान मनचलों की छिछोरी हरकतों का दंश भी इन्हें झेलना पड़ता है। अकेली पाकर तो इन शोहदों की हिम्मत इतनी बढ़ जाती है कि बाइक पर बैठने तक का ऑफर करते हैं। इज्जत करो कैम्पेन के तहत आई नेक्स्ट ने थर्सडे को ग‌र्ल्स हॉस्टल्स की कई लड़कियों से बातचीत किया तो कुछ इस तरह की बातें सामने आयीं

शोहदों पर पुलिस भी बेअसर

थर्सडे को रामपुर गार्डन स्थित ग‌र्ल्स हॉस्टल की लड़कियों ने ईवटीजिंग के बारे में बताया कि सुबह और शाम पास ही की दुकानों पर दिन भर शोहदों का जमावड़ा रहता है। ऐसे में कॉलेज कोचिंग जाना टेंशन का सबब बन जाता है। मनचले फोन पर बात करते हुए ग‌र्ल्स पर फब्तियां कसते हैं। चाय की दुकान, पान की गुमटी व अन्य खान पान की दुकानों वाली सड़कों से गुजरना मुश्किल हो जाता है। तो कई मर्तबा वह पीछा करने लगते हैं, जिसकी शिकायत कई बार हॉस्टल वार्डन से की गई। लेकिन कार्रवाई के नाम पर चीता मोबाइल एक दो राउंड लगाती रही। फिर राउंड लगाना भी बंद हो गया।

करते हैं टच करने की कोशिश

हॉस्टल के बाहर निकलने में हाल बुरे हो जाते है, क्योंकि गुस्सा आने पर हंगामा कर नहीं सकते। हॉस्टल से बाहर निकाल दिए जाएंगे। शॉपिंग परपज से ही बाहर निकलने में डर सा लगता रहता है। गेट से कुछ ही दूरी पर कुछ दुकानें हैं। कोई सामान खरीदने भी अकेले नहीं जा सकते हैं। ग्रुप में निकलना पड़ता है। लड़के घूरते हैं। वहीं, कुछ शोहदें जबरन पास आकर टच करने की भी कोशिश करते हैं। कमेंट भी ऐसे करते हैं कि सुनकर शर्म आ जाती है।

शाम को जमावड़ा

शाम ढलते ही ब्वॉयज हॉस्टल के साथ बाहरी लड़के भी यहां आ जाते हैं। ग्रुप में खड़े रहते हैं। चाय पीने के नाम पर घंटों बैठे रहते हैं। कमेंट भी ऐसे में करते हैं कि जैसे दूसरों को लगे कि वह आपस में बात कर रहे हों। और उन पर शक करना बेकार है। जबकि वह अश्लील बातें हमारे बारे में ही कर रहे होते हैं। पैदल निकलने पर गाड़ी पास लाकर छोड़ देने की बात कहते हैं। ड्रेस को लेकर सबसे ज्यादा कमेंट होते हैं। सीनियर ग‌र्ल्स ने बताया कि स्थिति आज की नहीं है। वर्षो से ऐसा ही चला आ रहा है। कमेंट करने से लेकर पीछा करना आम बात है। वे तो यहां तक जानते हैं कि कौन सी लड़की कहां पढ़ती है और उसके आने जाने का टाइम क्या है।

छेड़छाड़ होने पर यहां करें शिकायत

थाना लैंडलाइन सीयूजी

कोतवाली 0भ्8क्-ख्भ्77क्भ्ख् 9ब्भ्ब्ब्0फ्09फ्

छेड़छाड़ की घटनाएं हॉस्टल और कॉलेज के पास सबसे ज्यादा होती हैं। पुलिस को यहां खड़े शोहदों से सख्ती से पेश आना चाहिए।

रिया गुलाटी, स्टूडेंट

ग‌र्ल्स ही नहीं शोहदों की नजरें उम्रदराज महिलाओं को भी घूरती रहती हैं। विरोध का भी कोई फायदा नहीं। क्योंकि पुलिस प्रशासन केवल खानापूर्ति करती है।

संध्या कुमारी, हाउसवाइफ

शिकायत पर वॉर्डेन कार्रवाई नहीं करती। कई बार छेड़छाड़ को लेकर हॉस्टल में शिकाय की जाती है तो संबंधित लड़की को हॉस्टल से बाहर निकाल दिया जाता है।

डॉली, स्टूडेंट