जूनियर-सीनियर का मेस अलग
गल्र्स हॉस्टल में दो मेस हैं। जूनियर्स और सीनियर्स के लिए अलग-अलग। हॉस्टल को चार ब्लॉक्स में बांटा गया है। सरस्वती ब्लॉक में जूनियर्स रहती हैं। वहीं गंगा, जुमना व एक अन्य ब्लॉक में सीनियर्स को ठहराया जाता है।
फीस बढ़ी फैसिलिटीज नहीं
सीनियर्स गल्र्स का कहना है कि पहले हॉस्टल की फीस 5,500 रुपए थी जिसे इस सेशन में 10,000 रुपए कर दिया। वहीं पहले मेस की फीस 1,600 रुपए थी। इसे भी 1,700 रुपए पर मंथ कर दिया। गल्र्स का एडमिनिस्ट्रेशन पर आरोप है कि उन्होंने हॉस्टल और मेस की फीस तो बढ़ा दी लेकिन फैसिलिटीज नहीं बढ़ाई। लाइट रहती नहीं है और जेनरेटर की व्यवस्था नहीं है। ऐसे मेें हॉस्टल में अंधेरा रहता है और पढ़ाई भी नहीं हो पाती। चार दिन से हॉस्टल में पानी भी नहीं आया और आता है तो बेहद ही गंदे पानी की सप्लाई होती है। हॉस्टल में 5 वाटर कूलर लगे हैं जिसमें से एक ही काम करता है। वैसे तो हॉस्टल में 5 एक्वागार्ड हैं जो सिर्फ दिखावे के हैं।
दावे बड़े-बड़े
गल्र्स ने बताया कि एडमिशन के दौरान यूनिवर्सिटी ने बड़े-बड़े दावे किए थे। प्रॉस्पेक्टस और वेबसाइट पर हॉस्टल की फैसिलिटीज को बढ़ा-चढ़ाकर कर दर्शाया गया। गल्र्स ने बताया कि उन्हें छला गया है। 24 ऑवर इलेक्ट्रिसिटी और ड्रिंकिंग वाटर सप्लाई का दावा किया था। हाइजीन एनवायरमेंट के साथ क्वालिटी मेस समेत दूसरी सर्विसेज को प्रोवाइड करने का दावा किया। लेकिन हकीकत में ऐसा कुछ भी नहीं है।
थर्सडे से ही प्रॉब्लम
हॉस्टल में रहने वाली गल्र्स का कहना है कि मेस में प्रोवाइड किए जा रहे फूड की क्वालिटी बेहद घटिया है। थर्सडे को ही कई सीनियर्स गल्र्स ने खाना खाने से इंकार कर दिया था। फ्राइडे को सिचुएशन और बिगड़ गई जब रात में सभी सीनियर्स गल्र्स ने खाना खाने से इंकार करते हुए प्रदर्शन शुरू कर दिया। गल्र्स ने वार्डन और मेस का घेराव कर दिया था और जमीन पर बैठ कर प्रदर्शन करती रही। देर रात तक हंगामा चलता रहा और उन्होंने संडे तक मेस का खाना से ही इंकार कर दिया। गल्र्स के बहिष्कार सिलसिला सैटरडे मॉर्र्निंग को भी जारी रहा। उन्होंने सुबह भी अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। गल्र्स के इस उग्र रूप को देखते हुए हॉस्टल वार्डन ने भी मेस बंद करने की नोटिस चस्पा कर दी है।
एक लड़की का बीपी लो
गल्र्स ने दो दिनों से खाना नहीं खाया। लाइट और पानी की भी गंभीर समस्या, ऊपर से हंगामा। इसी बीच एक लड़की की बीपी लो हो जाने से फ्राइडे रात तबियत खराब हो गई। दूसरे हॉस्टलर्स ने आनन-फानन में रुहेलखंड मेडिकल कॉलेज में उसका प्राथमिक इलाज कराया।
मुद्दे को भुनाने में लगे छात्रनेता
आरयू गल्र्स हॉस्टल के मुद्दे को हाईलाइट करने के लिए स्टूडेंट लीडर्स ने भी कमर कस ली है। स्टूडेंट्स इलेक्शन में अपनी पैठ बनाने के लिए वे इस प्रॉब्लम को सॉल्व करवाने में लग गए हैं। जिसके लिए उन्होंने एडमिनिस्ट्रेशन पर हर संभव दबाव बनाने की रणनीति बनाई है। फ्राइडे की नाइट को भी हंगामे के दौरान कई छात्र नेता गल्र्स हॉस्टल के बाहर पहुंच गए थे।
हॉस्टल्स के संबंध में हॉस्टल वॉर्डन एक्शन लेने के लिए स्वतंत्र है। हमारा इंटरफीयर नहीं होता। यदि वहां पर लॉ एंड ऑर्डर की प्रॉब्लम आती है, अराजक व दंगा की स्थिति पैदा हो जाती है तब हमसे मदद मांगी जाती है और प्रॉक्टोरियल बोर्ड एक्शन लेता है।
- प्रो। वीपी सिंह, चीफ प्रॉक्टर, आरयू
हॉस्टल की समस्या हम पहले भी उठा चुके हैं। इस वक्त गल्र्स हॉस्टल का मुद्दा गरम हैं। हम लोग गल्र्स के समर्थन में हैं। उनकी मांगे मनवाने के लिए एडमिनिस्ट्रेशन पर हर संभव दबाव बनाएंगे। रजिस्ट्रार से लेकर वीसी का घेराव करेंगे जब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता।
- अरविंद पटेल, छात्रनेता
हालांकि गल्र्स छात्रनेताओं से कतरा रही हैं। लेकिन हम लोग उनकी मांगों के समर्थन में हैं। अपने स्तर से इस मुद्दे को एडमिनिस्ट्रेशन तक पहुंचाएंगे। कैंपस में प्रदर्शन करेंगे और जरूरत पड़ी तो स्ट्राइक भी करेंगे।
- अमित कुमार सिंह, छात्रनेता
गल्र्स ने मेस के खाने से इंकार कर दिया है। जल्द ही गल्र्स की प्रॉब्लम सॉल्व नहीं हुई हम सभी एडमिनिस्ट्रेशन पर दबाव बनाने के लिए गल्र्स हॉस्टल के सामने भूख हड़ताल पर बैठ जाएंगे। गल्र्स की मांगे जायज हैं।
- विनोद यादव, छात्रनेता
स्टूडेंट्स की जो प्रॉब्लम्स हैं वो पुरानी हैं। जबकि मैंने पांच दिन पहले ही ज्वॉइन किया है। स्टूडेंट्स ने मुझसे कंप्लेन की थी, जिसका एस्टिमेट बनाकर रजिस्ट्रार को सबमिट कर दिया। अब एक दिन में सभी प्रॉब्लम्स सॉल्व नहीं हो सकती। इलेक्ट्रिसिटी समेत कुछ प्रॉब्लम्स मैं अपने स्तर से सॉल्व करने में लगी हूं। लेकिन गल्र्स का इस तरह से हंगामा करना कतई बर्दाश्त नहीं है। उनके खिलाफ डिसिप्लिनरी एक्शन भी लिया जा सकता है।
-डॉ। निवेदिता श्रीवास्तव, गल्र्स हॉस्टल वॉर्डन