- अब कुल पॉजिटिव केसेज में दो फीसदी केसेज की होगी सिक्वेसिंग
- दिल्ली स्थित आईसीएमआर भेजा जाएगा सैंपल
बरेली : कोरोना के केस दोबारा बढ़ने के साथ स्वास्थ्य महकमे और प्रशासन की चिंता की लकीरें और भी बढ़ गई हैं। वजह, देश में कोरोना संक्रमण का बदलता वेरिएंट ज्यादा खतरनाक बताया जा रहा है। इस बार कोविड-19 यानी सार्स-2 वायरस संक्रमण के लक्षण भी अलग-अलग बताए जा रहे हैं। अब चूंकि जिले में भी कोरोना संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग कोरोना संक्रमितों के साथ यह भी खोजेगा कि कोई संक्त्रमित नए जीनोम से इन्फेक्टेड तो नहीं। जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ। रंजन गौतम बताते हैं कि इसके लिए कुल कोविड सैंपल में से दो फीसदी सैंपलों का जीनोम सिक्वेसिंग भी चेक कराया जाएगा। संदिग्ध दिखने पर सैंपल जांच के लिए नई दिल्ली स्थित इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च यानि आईसीएमआर में सैंपल भेजे जाएंगे।
एन440के व ई484क्यू कोरोना का नया रूप
कोविड-19 वायरस अब नए रूप में सामने आ रहा है। पंजाब में एन440के व देश के कई राज्यों में वायरस का ई484क्यू वैरिएंट मिला है। भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान आइवीआरआइद्ध के वैज्ञानिक भी बताते हैं कि अध्ययन में सामने आ चुका है कि कोरोना वायरस में लगातार म्यूटेशन हो रहे हैं। जिसके चलते इसकी संरचना में लगातार बदलाव हो रहा है। वहींए कोरोना संक्त्रमितों में दिखने वाले लक्षण और इसके असर में भी बदलाव सामने आ रहा है।
जिले में अभी तक नहीं नए लक्षण के केस:
पहले जहां कोरोना संक्रमण के महज तीन मुख्य लक्षण थे। इनमें बुखार, खांसी आना और स्वाद.गंध का अनुभव कम होना था। वहीं अब नई स्ट्रेन में करीब सात नए लक्षण हैं। इनमें शरीर पर कुछ जगह खुजली, आंखे लाल हो जाना, गला चोक होना, डायरिया, अंगुलियों का रंग बदलनाए सिरदर्द और सीने या आसपास दर्द होना भी कोरोना के लक्षण हैं। हालांकि जिले में अभी तक किसी कोरोना संक्रमित ने ऐसे लक्षण नहीं बताए हैं।