-पहली बार जब आवेदन मंगाए गए थे कई स्टूडेंट्स अप्लाई करने से चूक गए थे

-स्टूडेंट्स नए सिरे से नई रूल्स के अनुसार आवेदन करने का मौका मांग रहे हैं

BAREILLY: आरयू के पीएचडी में आवेदन करने के लिए सामान्य स्टूडेंट्स दो वर्षो से दोबारा मौका दिए जाने की मांग को लेकर भटक रहे हैं। पिछली बार आरयू ने जब आवेदन मंगाए थे तब आरयू का ऑर्डिनेंस फाइनल नहीं हुआ था, लेकिन इनको दोबारा मौका दिए जाने के फेवर में नहीं है। तब स्टूडेंट्स के दबाव के कारण आनन-फानन में आवेदन मंगाए थे, जबकि पीएचडी के लिए इंट्रेंस टेस्ट कंडक्ट होने के बाद से अभी तक पीएचडी प्रक्रिया शुरू नहीं की जा सकी है। पहली बार जब आवेदन मंगाए गए थे कई स्टूडेंट्स अप्लाई करने से चूक गए थे। वहीं अधिकांश ऐसे भी थे जिनके आवेदन में कई प्रकार की त्रुटियां थीं। स्टूडेंट्स नए सिरे से नई रूल्स के अनुसार आवेदन करने का मौका मांग रहे हैं।

वर्ष ख्009 से नहीं हुए पीएचडी में रजिस्ट्रेशन

यूजीसी ने वर्ष ख्009 में पीएचडी के लिए नया रेगुलेशन जारी किया था। तब से आरयू की पीएचडी में किसी भी नए स्टूडेंट का रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है। नए रेगुलेशन के तहत वही स्टूडेंट पीएचडी कर सकता है जिसने इंट्रेंस टेस्ट क्लियर किया हो। हालांकि इस नियम में नेट व जेआरएफ स्टूडेंट्स को छूट दे रखी है। इसके अलावा गाइड के लिए भी कई नियमों बदलाव किया है। आरयू नए रेगुलेशन के तहत ऑर्डिनेंस तैयार नहीें कर पाया था। जिसके चलते पीएचडी प्रक्रिया शुरू नहीं कर पाया।

ख्0क्ख् में कंडक्ट हुआ था इंट्र्रेंस टेस्ट

नए रेगुलेशन के तहत शासन के निर्देश पर फैजाबाद यूनिवर्सिटी ने इंट्र्रेंस टेस्ट सीईटी कंडक्ट कराया। जिसका रिजल्ट उसी वर्ष जारी भी कर दिया गया। इसके बाद आज तक सीईटी दोबारा नहीं कराया गया। इंट्र्रेंस टेस्ट के रिजल्ट के बाद पीएचडी प्रक्रिया जल्द से जल्द शुरू कराने के लिए स्टूडेंट्स का आरयू के उपर दबाव बनने लगा था, जबकि यूनिवर्सिटी के सामने यह मुसीबत थी कि ख्009 में नया रेगुलेशन जारी होने के बाद से नया ऑर्डिनेंस नहीं बनाया था। स्टूडेंट्स प्रक्रिया शुरू करने को लेकर अक्सर हंगामा व प्रदर्शन करते थे। जिसको देखते हुए आरयू ने वर्ष ख्0क्ख् में पीएचडी के लिए आवेदन मंगा लिए। दिसम्बर में आवेदन मंगाने की प्रक्रिया खत्म हुई। आरयू ने दबाव में आवेदन मंगा तो लिए, लेकिन उसके बाद से रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया के लिए एक कदम आगे नहीं बढ़ा सका है।

ख्0क्फ् में फाइनल हुआ ऑर्डिनेंस

ऑर्डिनेंस को लेकर आरयू में कई महीनों तक माथापच्ची चलती रही। शासन ने ऑर्डिनेंस का ड्राफ्ट भेजा भी तो आरयू उसको उसी रूप में अपनाने के लिए तैयार नहीं हुआ। संशोधन कराने में ही कई महीने बीत गए। इसके बाद संशोधन के लिए शासन और गवर्नर को भेजा गया। शासन और गवर्नर के पास से कुछ संशोधित नियमों के साथ ऑर्डिनेंस अप्रूव होकर आया तो आरयू ने पीएचडी के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी, लेकिन इसके तहत अभी तक रजिस्ट्रेशन प्रोसेस स्टार्ट नहीं करा पाया है।

केवल नेट व जेआरएफ के मंगाए आवेदन

ऑर्डिनेंस अप्रूव होने के बाद आरयू ने केवल नेट और जेआरएफ स्टूडेंट्स के दोबारा आवेदन मंगाए, जबकि इस बीच सीईटी क्लियर स्टूडेंट्स भी दोबारा आवेदन करने की मांग करते रहे। लेकिन आरयू ने परमीशन नहीं दी। ख्0क्ख् में जिन स्टूडेंट्स ने आवेदन किए थे उनमें कई के फॉर्म अधूरे थे, ना ऑर्डिनेंस का पता था ना ही सीट व गाइड का। कई आवेदन करने से भी चूक गए थे। ऐसे में नेट व जेआरएफ स्टूडेंट्स को दोबारा मौका दिए जाने पर वे भी नए रूल्स के अनुसार दोबारा आवेदन करने का अवसर मांग रहे हैं। एक अनुमान के करीब ब्,000 आवेदन आए हैं।

अभी तक सीट व गाइड की संख्या नहीं

ऑर्डिनेंस फाइनल होने के बाद भी आरयू अभी तक गाइड और सीट की सही संख्या का आंकलन नहीं कर पाया है। अभी तक स्टूडेंट्स को यह नहीं बताया गया है कि किस सब्जेक्ट में कितनी सीट खाली हैं, जबकि सीटों की संख्या जारी करने के बाद स्टूडेंट्स के आवेदन मंगाए जाते हैं। ताकि स्टूडेंट्स को यह मालूम चल सके जिन सब्जेक्ट के लिए वे ओवदन कर रहे हैं उनमें सीटें हैं भी कि नहीं। कॉलेजेज ने तो अभी तक गाइड और उनके पास बची सीटों का ब्यौरा नहीं भेजा है।