-कर्मचारियों की बेरूखी और सत्ता और विपक्ष की खींचतान में सबसे लंबी खींची मतगणना
रविवार सुबह सात बजे शुरू होने के बाद मंगलवार रात 12 बजे तक जिला पंचायत सदस्यों के सभी नतीजे नहीं हो सके घोषित
बरेली : पंचायत चुनाव की मतगणना शुरू होते ही निगाहें प्रत्याशियों के स्कोर बोर्ड पर टिकी रही, लेकिन घंटे और फिर दिन गुजर गए, लेकिन पूरे नतीजे नहीं जारी हो सके। खासकर जिला पंचायत सदस्य की सीटों पर आधिकारिक घोषणा करने में सबसे ज्यादा वक्त लिया। रविवार सुबह सात बजे से शुरू हुई मतगणना मंगलवार को पूरी तो हुई, लेकिन जिला पंचायत के जीत दर्ज करने वाले प्रत्याशियों को प्रमाणपत्र देने की कवायद देर रात तक जारी थी। कलक्ट्रेट के बाहर भी प्रत्याशियों की मौजूदगी रही, लेकिन सीमित समर्थकों के साथ। अधिकारियों की माने तो तीन दिन तक चली मतगणना की कवायद के पीछे कर्मचारियों में कोविड संक्रमण के चलते बेरूखी भी थी। क्योंकि इससे पहले कभी कर्मचारियों ने चुनाव ड्यूटी से इतनी बड़ी संख्या में किनारा नहीं किया। फिलहाल सभी का मई का वेतन रोका गया है। अब एफआइआर संस्तुति के बाद फाइल डीएम की टेबल तक पहुंची है।
अब ब्लाक प्रमुख के लिए दावेदारों ने शुरु की जोड़ तोड़
नवाबगंज में पंचायत चुनाव निबटने के बाद अब दावेदारों ने ब्लाक प्रमुखी के लिए जोड़-तोड़ शुरु कर दी। नवाबगंज ब्लाक प्रमुख की सीट इस बार ओबीसी महिला के लिए आरक्षित है। बीडीसी का चुनाव निबटने के बाद सपा और भाजपा ने इस पद पर दावा ठोकने के लिए अपने प्यादे सेट करने में लगे हैं। नवाबगंज ब्लाक के 127 क्षेत्र पंचायत सदस्य ब्लाक प्रमुख के भाग्य का फैसला करेंगे। कस्बे के डा। एके गंगवार ने अपने भाई अनुज गंगवार की पत्नी प्रज्ञा गंगवार को क्षेत्र पंचायत के वार्ड संख्या 45 व 47 से चुनाव लड़ाया था। इन दोनों सीटों से वह जीत गई। अब उन्होंने ब्लाक प्रमुख के पद के लिए तैयारी शुरु कर दी है। वहीं नवाबगंज ब्लाक प्रमुख रहे तेज प्रकाश गंगवार और उनकी पत्नी सुमित्रा गंगवार ने भी अपनी बेटी प्रियंका गंगवार के वार्ड संख्या 69 से जीत हासिल करने के बाद उसे इस पद पर बैठाने के लिए संपर्क साधना शुरू किया है। प्रियंका गंगवार शम्भू दयाल पीजी कालेज गाजियाबाद में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं। उधर, केंद्रीय मंत्री के खास माने जाने वाले भाजपा के जिला महामंत्री वीरपाल गंगवार ने भी अपनी भाभी विमला देवी के वार्ड 122 से बीडीसी चुनाव जीतने के बाद उन्हें ब्लाक प्रमुख पद तक पहुंचाने की कोशिश शुरू की है।