जायरीन की भीड़
दोपहर दो बजकर 38 मिनट पर कुल शरीफ शुरू होते ही उर्स ग्राउंड और उसके बाहर खड़े जायरीन अपनी-अपनी जगह पर ठहर गए। मुल्क और कौम की खुशहाली के लिए दुआ वली अहद हजरत अहसन मियां, हजरत तौसीफ मियां और सय्यद आरिफ मियां ने की। इसके बाद लाखों लोगों ने नमाज-ए-जुमा भी अदा की। अकीदतमंदों के सैलाब का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उर्स ग्राउंड के अलावा चौपुला से दरगाह तक और बिहारीपुर चौकी से नावल्टी चौराहा से होते हुए शहामतगंज तक जायरीन ही जायरीन नजर आ रहे थे। उर्स ग्राउंड के बाहर निकलते ही जायरीनों पर छतों पर खड़ी महिलाओं ने पुष्पवर्षा कर उनका इस्तकबाल किया। उर्स में शामिल युवाओं ने मोबाइल पर उर्स की रिकार्डिंग की। रिकार्डिंग कर रहे रिजवान ने बताया कि वह यहां अपने चाचा के साथ आए हैं। उर्स की रिकॉर्डिंग करके घर ले जाएंगे। इस रिकॉर्डिंग को वो अपने अम्मी और अब्बू को दिखाएंगे।
देश विदेश से आए
सुन्नियत के ताजदार इमाम अहमद रजा खां फाजिले बरेलवी के 93वें कुल शरीफ में देश-दुनिया के लाखों अकीदतमंदों ने शिरकत कर खिराज पेश किया। देश-विदेश से आए नामचीन उलेमाओं ने नबी-ए-करीम की शान और आला हजरत की शख्सियत पेश की। मुस्लमानों को इश्क -ए-रशूल की हिदायत व मुसलक-ए-आला हजरत पर चलने की ताकीद दी। कुल शरीफ से पहले सज्जादानशीन हजरत मौलाना सुब्हान रजा खां (सुब्हानी मियां) का पैगाम सुनाया गया। पैगाम में कहा गया कि सुन्नी मुसलमान अल्लाह की रस्सी को मजबूती से थाम लें और फिकरों में न बंटें। उन्होंने यह भी पैगाम दिया कि मुसलमान शिक्षा को आम करें। उर्स की व्यवस्था बनाए रखने में नासिर कुरैशी, आसिफ मियां, अजमल नूरी, अजहर बेग आदि ने सहयोग किया।
उर्स पर शहर में भारी भीड़
उर्स पर 2 लाख से ज्यादा जायरीन शहर में आए हुए थे। उर्स के आखिरी दिन रेलवे स्टेशन से लेकर बस स्टॉप तक भीड़ ही भीड़ नजर आ रही थी। होम टाउन लौटने की अफरा-तफरी में रेलवे स्टेशन पर भारी भीड़ टूट पड़ी। जुमे की नमाज के बाद शाम को यकायक उमड़ी भीड़ को रेलवे डिपार्टमेंट को सम्भालने में काफी मशक्कत करनी पड़ी।
ट्रेनों ने भी खुब रूलाया
जायरीनों की भारी भीड़ देर शाम तक स्टेशन पर रही। ज्यादातर ट्रेंस लेटलतीफी से चली, जिन ट्रेन्स ने पैसेंजर्स को सबसे ज्यादा रूलाया उनमें शहीद एक्सप्रेस(14673)1.2 घंटा लेट चली। अमृतसर हावड़ा मेल एक्सप्रेस फिक्स टाइम से 4.7 घंटा देरी से चली। जननायक एक्सप्रेस (15212) लगभग 1.28 घंटा लेट रही। कुंभ एक्सप्रेस (12369) भी 1.04 घंटा लेट रही. हिमगिरी एक्सप्रेस (12332) 1.19 मिनट लेट रही। अवध आसाम एक्सप्रेस (15610) लेट थी। जननायक एक्सप्रेस (15211) ने यात्रियों को खुब रूलाया. ट्रेन 3.16 घंटा लेट से स्टेशन पर पहुंची।
ऑटोडोम कैमरे से रखी नजर
दरगाह-ए-आला हजरत के उर्स में सुरक्षा के मद्देनजर पहली बार दो ऑटोडोम कैमरे लगाकर तीन दिन तक रिकार्डिंग की गई। इसके अलावा दरगाह और उर्स ग्राउंड के चप्पे-चप्पे पर सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए थे। ये कैमरे रेडियो-वायरलेस सेल ने लगाए थे। इतना ही नहीं तीन दिन तक 24 घंटे रिकार्डिंग ही नहीं वरन मानीटरिंग भी की गई। ये कैमरे उर्स ग्राउंड और दरगाह में लगाए गए थे।
हर हरकत पर पैनी नजर
कुल शरीफ के समय कं ट्रोल रूम में उर्स ग्राउंड के कैमरे की मानीटरिंग कर रही निधि त्रिपाठी ने बताया इस कैमरे की खासियत यह है कि यह 360 डिग्री पर मूव कर सकता है और इसे एक किलोमीटर की दूरी तक जूम भी किया जा सकता है। खास बात यह है कि उर्स ग्राउंड के सेंटर में लगे कै मरे से पूरे उर्स ग्राउंड में बैठे एक-एक व्यक्ति पर नजर रखी जा सकती है। कैमरे की कंट्रोलिंग एक लीवर के जरिए होती है। यह कैमरा देखने में स्ट्रीट लाइट जैसा दिखता है। कैमरे से ग्राउंड की मानीटरिंग काफी आसान हो गई है। जबकि मैनुअल कैमरे एक जगह पर फिक्स रहते हैं। इनके जरिए केवल एक ही प्लेस से निगरानी की जा सकती है।
बसों की रोटेशन बढ़ी
एआरएम राजेश यादव ने बताया कि पेसेंजर्स की भारी संख्या के मद्देनजर बसों के फेर बढ़ा दिये गये थे। सिटी में आखिरी नमाज के बाद से लोगों की भीड़ अचानक बढ़ गई।Report by: Nidhi Gupta