लव मैरिज नहीं की थी अरेंज मैरिज
डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में एडमिट है रेप विक्टिम
BAREILLY: 8ब् दिनों तक 'अपनों' की हैवानियत का शिकार बनी रेप विक्टिम की सैटरडे को मैरिज एनिवर्सरी है। डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में अपनों के दिए जख्मों से जूझ रही पीडि़ता को शादी के वक्त शायद ही ख्याल होगा कि ये रिश्ता ही उसकी जिंदगी का सबसे बड़ा दर्द बन जाएगा। वहीं फ्राइडे को ये बात भी सामने आई कि उसने लव मैरिज नहीं बल्कि अरेंज मैरिज की थी। साथ ही विक्टिम ने बताया कि पुलिस ने कभी हेल्प नहीं की। पुलिस का कहना है कि जांच में महिला के अपहरण की डेट और बंधक बनाकर रखने की डेट में काफी अंतर है। फिलहाल पूरी जांच के बाद ही सच्चाई सामने आ सकी है।
खुलकर बयां किया दर्द
दूसरे दिन हालत में सुधार होने पर रेप पीडि़ता ने खुलकर अपना दर्द बयां किया। महिला ने बताया कि उसके पति रिजवान उर्फ लालू के परिवार वाले उसके घर रिश्ता लेकर आए थे। आठ साल पहले क्ब् जून को उसकी रिजवान से अरेंज मैरिज हुई थी। शादी के कुछ दिनों बाद ही रिजवान उससे घर से पैसे लाने के लिए कहने लगा। जब उसने विरोध किया तो उसके साथ मारपीट की जाने लगी। फिर उसे पता चला कि पति व परिवार वाले सट्टे का काम करते हैं। इस दौरान उसे बेटे को जन्म दिया लेकिन उसकी मौत हो गई। जब वह घर पर बीमार थी तभी पुलिस पति को सट्टा के मामले में पकड़ने आयी थी। इसके बाद से ही यातनाएं ज्यादा बढ़ गई। पति ने उस पर व उसकी बहन पर ही पुलिस की मदद कर पकड़वाने का आरोप लगाया। यही नहीं बहन के कॉलेज में भी डंडे लेकर मारने के लिए पहुंचे थे।
पुलिस के सामने दी थी धमकी
महिला का कहना है कि मार्च में एक दिन रात में उसके साथ मारपीट की गई तो वह रात में ही थाना में शिकायत करने के लिए गई। पुलिस ने पति को पकड़ा लेकिन कुछ देर बाद ही छोड़ दिया। वह सुबह फिर गई और अपनी बहन को भी फोन पर बुलाया तो दोबारा उसके व बहन के साथ मारपीट की और छेड़खानी की। यही नहीं पति ने मीरगंज तहसील में ही ख्क् मार्च को पुलिस के सामने जान से मारने की धमकी दी थी। जब उसे बंधक बनाकर रेप किया जाता था तो उसे बेटी के मारने की धमकी भी दी जाती थी।
ख्भ् मार्च को लेने गई सटिर्फिकेट
वहीं फतेहगंज पश्चिमी एसओ का कहना है कि फ्राइडे को पूछताछ में मीरगंज के सिमरन ब्यूटी पार्लर की मालकिन ने बताया कि महिला ख्भ् मार्च को उनके यहां से किए गए कोर्स का सर्टिफिकेट लेने आयी थी। ग्रुप फोटो ना होने के चलते सर्टिफिकेट नहीं दिया गया था। इसके अलावा गांव के लोगों ने भी महिला के समय-समय पर अपने घर आने की बात बतायी है। वहीं महिला ने ख्क् मार्च की शाम अपहरण की बात बतायी है लेकिन उसी दिन शाम करीब 7 बजे के बाद महिला के मीरगंज थाना जाकर जामा-तलाशी में रखा अपना मोबाइल लेने की बात सामने आई है।