जंक्शन पर CCTV camera भी खराब
बरेली रेलवे जंक्शन की सिक्योरिटी इंतजाम न के बराबर है. यहां मेन गेट पर मेटल डिटेक्टर लगाया गया था जो कई महीनों से खराब पड़ा है। खराब होने की वजह से इसे साइड में रख दिया गया है। वहीं दो साल पहले यहां जीआरपी की तरफ से एक सीसीटीवी कैमरा लगाया गया था जो फिलहाल खराब है। कैमरा ठीक होने के लिए लखनऊ भेजा गया है। आरपीएफ की मानें तो जंक्शन की सिक्योरिटी में दो जवानों की ड्यूटी लगाई जाती है।
मेटल डिटेक्टर के न होने से कोई भी कुछ भी लेकर जंक्शन में कर जाता है प्रवेश
Staff की है भारी कमी
आरपीएफ की मानें तो स्टाफ की काफी कमी बनी हुई है। आरपीएफ में कुल 61 पुलिसकर्मियों का स्टाफ है। इनमें से 11 वेकेंट हैं। इनमें से एक इंस्पेक्टर, 1 एसआई, 3 एसआई हैं। वहीं इस मामले में जीआरपी का भी कहना है कि एक या दो पुलिसकर्मियों की ड्यूटी प्लेटफॉर्म पर चेकिंग के लिए हमेशा लगाई जाती है। जीआरपी के पास भी स्टाफ की काफी कमी बनी हुई है। जीआरपी में कुल 86 सिपाही होने चाहिए लेकिन प्रेजेंट में सिर्फ 70 सिपाही ही मौजूद हैं।
बर्न वार्ड में नहीं है ज्यादा बेड की व्यवस्था
इलाज में हो सकती है दिक्कत
दीपावली के दौरान पटाखों से लोगों के जलने की संख्या भी बढ़ जाती है और कैजुएलिटी होने की संभावना भी रहती है। अगर कोई बड़ा हादसा आग की वजह से होता है तो शहर के इकलौते सरकारी हॉस्पिटल में इससे निपटने के पर्याप्त इंतजाम नहीं है। यहां पर बर्न वार्ड में मात्र 10 ही बेड हैं जिसमें पूरे डिस्ट्रिक्ट के बर्न पेशेंट आने की वजह से यह हमेशा फुल ही रहता है। ऐसे में लोगों का दीपावली के दौरान अलर्ट रहना ही ज्यादा अच्छा होगा।
सिक्योरिटी न होने से बस अड़डा भी असुरक्षित
बस अड्डों पर भी नहीं इंतजाम
शहर में दो बड़े रोडवेज के बस अड्डे हैं लेकिन दोनों जगह सिक्योरिटी के कोई इंतजाम नहीं हैं। इन दोनों जगहों पर न तो कोई मेटल डिटेक्टर है और न ही कहीं कोई सीसीटीवी कैमरा लगाया गया है। कोई भी यहां बिना रोक-टोक प्रवेश कर सकता है। कभी-कभार इक्का-दुक्का पुलिसकर्मी यहां पर ड्यूटी करते नजर आ जाते हैं लेकिन वो भी सिर्फ कुर्सी पर बैठे रहते हैं। यहां पर कुछ प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड लगे हुए हैं लेकिन उनके पास कोई हथियार नहीं होता है। सिर्फ एक छोटे डंडे के सहारे ही वो अपनी ड्यूटी देते हैं।
फायर डिपार्टमेंट़स में स्टाफ की कमी बनी हुई है
फायर ब्रिगेड की गाडिय़ां भी हैं कम
दीपावली पर पटाखे जलाने से आग लगने की संभावना ज्यादा बढ़ जाती है। ऐसे में कई बार एक ही साथ कई जगहों से आग लगने की खबरे फायर डिपार्टमेंट में पहुंचती है। ऐसी स्थिति में फायर ब्रिगेड की टीम एक साथ घटनास्थल पर नहीं पहुंच पाती है। इसकी मुख्य वजह सिटी में फायर स्टाफ व गाडिय़ों की भारी कमी होना है। साथ ही इन गाडिय़ों को पटाखा मार्केट में लगाया जाना है। इस पर चीफ फायर ऑफिसर विवेक शर्मा का कहना है कि मौजूद गाडिय़ों व मेन पावर से ही आग बुझाने का काम किया जाएगा। लोगों को दीपावली के दौरान जागरूक किया जाएगा।
शहर के हालात को देखते हुए दीपावली पर पुलिस का कड़ा पहरा रहेगा। अभी से सभी पुलिसकर्मियों की ड्यूटी सुनिश्चित कर दी गई है। धनतेरस से लेकर भैया दूज तक हर जगह पुलिस की कड़ी नजर रहेगी।
-शिव सागर सिंह, एसपी सिटी
त्यौहारों पर ज्यादा अलर्ट रहना पड़ता है। जीआरपी के साथ प्लेटफॉर्म पर रोजाना सुबह-शाम चेकिंग की जा रही है लेकिन स्टाफ की कमी के चलते जितना बन पा रहा है उतना ही काम किया जा रहा है।
-शंकर सिंह, आरपीएफ थाना प्रभारी