-रिसर्च स्टूडेंट्स अब चोरी नहीं कर सकेंगे थीसिस
-सभी महाविद्यालयों के प्राचार्य को दो दिवसीय कराई जाएगी ट्रेनिंग
548-कॉलेजेज है आरयू से संबद्ध
9-डिस्ट्रिक्ट में हैं आरयू के कॉलेजेज
5-लाख करीब स्टूडेंट्स आरयू के कॉलेजेज में करते हैं पढ़ाई
2-दिवसीय वर्कशॉप 5 मार्च से आरयू में होगी शुरू
बरेली: किसी भी तरह के डाक्यूमेंट्स कर एमजेआरयू में अब डुप्लीकेसी नहीं चलेगी। डाक्यूमेंट्स की डुप्लीकेसी रोकने के लिए एमजेपीआरयू फुलस्टॉफ लगाने के लिए 'टर्नटिंग' सॉफ्टवेयर परचेज कर कैंपस में लागू करा दिया है। इतना ही नहीं एमजेपीआरयू से एफिलेटेड सभी महाविद्यालय भी इसको लागू किया जाएगा। इसके लिए एमजेपीआरयू वीसी प्रो। केपी सिंह की तरफ से 5 मार्च से दो दिवसीय मीटिंग बुलाई गई है। मीटिंग में आरयू से एफिलेटेड महाविद्यालयों के प्राचार्य मौजूद रहेंगे, इस दौरान सभी प्राचार्यो को सॉफ्टयेवर से रिलेटेड इंफार्मेशन दी जाएगी।
दोपहर 12 बजे से होगी मीटिंग
एमजेपीआरयू की तरफ से 5 और छह मार्च को राजकीय, एडेड और प्राइवेट महाविद्यालयों के सभी प्राचार्य मौजूद रहेंगे। दोपहर 12 बजे से शुरू होने वाली दो दिवसीय मीटिंग में प्राचार्य को बताया जाएगा कि वह डॉक्यूमेंट्स की डुप्लीकेसी को किस तरह रोकेंगे, सॉफ्टवेयर को महाविद्यालय में कैसे यूज करेंगे। इस सॉफ्टवेयर से क्या-क्या चेक कर सकते हैं इन सभी बातों के साथ नई शिक्षानीति से रिलेटेड भी अन्य मुद्दों पर चर्चा होगी। मीटिंग में एमजेपीआरयू वीसी प्रो। केपी सिंह की अध्यक्षता में होगी।
पहले होगी जांच
पीएचडी थीसिस, बुक्स, रिसर्च पेपर के साथ अन्य डाक्यूमेंट्स की चोरी रोकने के लिए टर्नटिंग साफ्टवेयर परचेज किया है। इससे अब सभी एमजेपीआरयू के साथ एफिलेटेड महाविद्यालयों डॉक्यूमेंट्स और थीसिस की जमा होने के पहले जांच की जाएगी। इसके जरिए स्टूडेंट्स से लेकर गाइड तक थीसिस की जांच कर सकेंगे। यदि रिसर्च स्कॉलर ने थीसिस की कहीं से चोरी की होगी तो यह सॉफ्टवेयर चोरी को पकड़ लेगा। एक्सपर्ट की माने तो डॉक्यूमेंट्स, बुक्स या थीसिस में डुप्लीकेसी पकड़ी जाती है उसके खिलाफ कार्रवाई भी हो सकती है। डॉक्यूमेंट्स की डुप्लकेसी कर अगर किसी ने शोध कर नौकरी पा ली है तो ऐसी स्थिति में उसके इंक्रीमेंट्स रोके जा सकते हैं और नौकरी से निकाला भी जा सकता है।
ये कहलाता है साहित्य चोरी
पूर्व में की गई किसी अन्य शोध से टेक्स्ट, फोटो, डेटा, पैराग्राफ, शोध के मूल विचार (आइडिया) इत्यादि को हू-ब-हू कॉपी कर अपनी रिसर्च में शामिल कर देना प्लेगरिज्म या साहित्य चोरी कहलाता है। रिसर्च स्कॉलर पूर्व में की गई रिसर्च के किसी हिस्से का हवाला देकर अपनी रिसर्च में शामिल कर सकता है। लेकिन अगर वह इसे बगैर किसी रिफरेंस (हवाले) के अपनी शोध में शामिल कर लेता है तो इसे साहित्य चोरी की श्रेणी में माना जाता है।
ऐसे काम करेगा सॉफ्वेयर
जब कोई स्टूडेंट्स कोई डॉक्यूमेंट्स, पपेर या थीसिस को जमा करने के लिए महाविद्यालय या फिर विवि आएगा तो उसकी जांच की जाएगी। इसके लिए उसकी लिखी हुई थीसिस या जो भी पेपर होगा उसके लिए सॉफ्टवेयर में जांचा जाएगा, सॉफ्टवेयर जैसे ही उस थीसिस को जांचेगा तो उसमें उसके बारे में कितने परसेंट चोरी किया कितना चोरी किया और कहां से चोरी किया यह पूरी डिटेल सॉफ्टवेयर दे देगा.ऐसे में किसी भी डॉक्यूमेंट्स की डुप्लीकेसी रूक जाएगी।
यह मिलेगा फायदा
एमजेपीआरयू वीसी प्रो। केपी सिंह का कहना है कि अभी तक जहां आए दिन डॉक्टयूमेंट्स की डुप्लीकेसी नहीं हो सकेगी। हालांकि इससे पहले डॉक्यूमेंट्स की डुप्लीकेसी को लेकर सवाल भी उठते रहे है। लेकिन अब ऐसा नहीं हो सकेगा।
डॉक्यूमेंट्स की डुप्लीकेसी रोकने के लिए एक सॉफ्टवेयर परचेज किया गया है। एमजेपीआरयू ने कैंपस में इसका प्रयोग शुरू कर दिया है। अब महाविद्यालयों के प्राचार्य को यह सॉफ्टवेयर के बारे में इंफार्मेशन देने के लिए दो दिवसीय मीटिंग बुलाई है। अब इस सॉफ्टवेयर को एमजेपीआरयू से एफिलेटेड सभी महाविद्यालयों में भी शुरू करा दिया जाएगा।
प्रो। केपी सिंह, वीसी एमजेपीआरयू
पीएचडी थीसिस और डिजर्टेशन में समानता मिलने पर ये होगी कार्रवाई
-10 फीसदी तक समानताएं : कोई दंड नहीं
-10-40 फीसदी तक समानताएं : ऐसे छात्रों को अधिकतम छह माह की विनिर्धारित अवधि के भीतर संशोधित आलेख जमा करने के निर्देश
-40-60 फीसदी तक समानताएं : ऐसे छात्रों को अधिकतम एक वर्ष के लिए संशोधित आलेखक जमा करने के निर्देश
-60 फीसदी से अधिक समानताएं : ऐसे छात्रों का पीएचडी पंजीकरण रद्द होगा
-बार बार साहित्य चोरी करने पर कारगर दंड दिया जाएगा
शैक्षिक और शोध प्रकाशकों पर साहित्यिक चोरी के लिए कार्रवाई
-10 फीसदी तक समानताएं : कोई दंड नहीं
-10-40 फीसदी तक समानताएं : ऐसे छात्रों को पांडुलिपि वापस लेने को कहा जाए
-40-60 फीसदी तक समानताएं : रिसर्च पेपर वापस लेने, वाíषक वेतन वृद्धि रोकने और अगर शिक्षक हैं तो उनको दो वर्ष तक पीएचडी या एमफिल का गाइड बनने की अनुमति न दी जाए
-60 फीसदी से अधिक समानताएं : लगातार दो वर्ष तक वेतन वृद्धि रोकने, तीन वर्षो के लिए गाइड बनने से वंचित कर दिया जाए
-बार-बार साहियित्क चोरी करने पर सेवा समाप्ति सहित अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए