- पहले ही दिन व्यवस्थित एग्जाम निपटाने की चुनौती

- दोनों पाली में अनिवार्य एग्जाम होने की वजह से सभी स्टूडेंट्स होंगे अपियर

BAREILLY: एशिया के सबसे बड़े बोर्ड एग्जाम को पास करना ना केवल स्टूडेंट्स के लिए चुनौती बल्कि विभाग के लिए भी यह एक बड़ा इंम्तिहान है। थर्सडे से शुरू हो रहे हाईस्कूल और इंटर के एग्जाम्स की व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए विभाग देर रात तक जूझता रहा। थर्सडे को दोनों पाली में अनिवार्य सब्जेक्ट हिंदी का एग्जाम है। ऐसे में सभी स्टूडेंट्स अपीयर होंगे। बावजूद इसके नकल विहीन एग्जाम को निपटाने के लिए ना तो स्कूल प्रशासन तैयार दिख रहा है और ना ही विभाग की तैयारियां पूरी हैं। इनविजिलेटर्स की भारी कमी विभाग को खाई जा रही है। उपर से फ्लाइंग स्क्वॉयड की आधी-अधूरी तैयारियां। वहीं कई स्कूल्स ऐसे हैं जहां पर बच्चों के बैठने के लिए फर्नीचर की भारी कमी है।

क्,0भ्,भ्भ्भ् स्टूडेंट्स देंगे एग्जाम

यूपी बोर्ड एग्जाम के लिए टोटल क्ख्भ् सेंटर्स बनाए गए हैं। जिनपर रजिस्टर्ड क्,0भ्,भ्भ्भ् स्टूडेंट्स अपीयर होंगे। थर्सडे को सुबह 7:फ्0 से क्0:ब्भ् तक हाईस्कूल और शाम की पाली में ख् से भ्:क्भ् तक इंटर का अनिवार्य हिंदी का पेपर होगा। जबकि सुबह की पाली में इंटर का सैन्य विज्ञान का भी एग्जाम होगा। डीआईओएस ने निर्देश दिए हैं कि किसी भी प्रकार की प्रॉब्लम हो तो उनके कॉन्टेक्ट नम्बर 98फ्7ख्0087क् पर संपर्क साध सकते हैं।

इनविजिलेटर्स ने नहीं ज्वाइन की ड्यूटी

अनिवार्य विषय हिंदी का पेपर होने से सबसे ज्यादा संख्या में स्टूडेंटस परीक्षा देंगे। ऐसे में जाहिर तौर पर नकल विहीन परीक्षा सुनिश्चित कराने के लिए ज्यादा सिक्योरिटी की भी जरूरत होगी। लेकिन सिक्योरिटी चेकिंग और एग्जामिनेशन हॉल में इनविजीलेटर के नदारद रहने की परेशानी पहली परीक्षा में सामने आने के पूरे चांसेज है। क्योंकि वेडनेस डे देर शाम तक ये बेसिक टीचर्स को डयूटी आर्डर के साथ सेंटर्स के लिए रिलीव किया गया है। ऐसे में दूर सेंटर्स पर पहली पारी में डयूटी करने के लिए टीचर्स का पहुंचना आंशका पैदा करता है। बता दें कि टोटल में से आधे इनविजिलेटर्स बेसिक टीचर्स बनाएं गए है। माध्यमिक का हाल भी बहुत अच्छा नही है, कई सेंटर्स देर शाम तक इनविजीलेटर्स के ज्वाइन करने का इंतजार करते रहे। ऐसे में डयूटी पर सुबह इनविजिलेटर्स के पहुंचने से सेंटर पर हड़बड़ी का माहौल होगा।

पहचान पत्र बिना डयूटी करते दिखेंगे इनविजिलेटर्स

एग्जाम में नकल को रोकने की सबसे ज्यादा जिम्मेदारी इनविजिलेटर्स पर होती है। लेकिन पहले ही दिन इनकी भारी कमी खलने वाली है। करीब ब्,क्क्म् इनविजिलेटर्स की डिमांड है। जिसमें से बेसिक स्कूल्स के टीचर्स की संख्या क्,97ख् है। वेडनसडे देर शाम तक इनके आईकार्ड बनने का काम जारी था। करीब ब्0 परसेंट टीचर्स ने ड्यूटी के लिए आईकार्ड नहीं बनवाए हैं और बिना आईकार्ड वे एग्जाम में ड्यूटी कर भी नहीं सकते। डीआईओएस डॉ। आशुतोष भारद्वाज के अनुसार करीब म्0 परसेंट इनविजिलेटर्स नहीं आईकार्ड बनवाए हैं। टोटल क्ब्7 में से सिर्फ 9भ् स्कूलों ने ही वेडनेस डे शाम आईकार्ड बनवाये। बेसिक के टीचर्स की हालत और भी खराब है। लेट सूचना मिलने पर अधिकांश टीचर्स ने आईकार्ड नहीं बनवाए। उन्हें अपने स्कूल से मिले रिलीविंग लेटर पर ही ड्यूटी ज्वाइन करने को कह दिया गया। बीईओ मीरगंज का कहना है कि हमें आईकार्ड प्रक्रिया के बारे में कोई जानकारी नही है, शायद ये कार्ड परीक्षा केंद्र पर ही बनवायेंगे। आईकार्ड बनाने के बाद वेडनसडे शाम तक इनविजिलेटर्स को एग्जाम सेंटर पर जाकर ड्यूटी ज्वाइन करनी थी। लेकिन महज ख्भ् परसेंट ने ही ड्यूटी ज्वाइन की है। साफ है कि सुबह एग्जाम के समय काफी अव्यवस्था फैलनी तय है।

स्कूलों में भी नहीं दिखी खास तैयारी

बोर्ड एग्जाम को लेकर स्कूलों में भी खास तैयारी नहीं देखने को मिली। अधिकांश स्कूलों में देर शाम तक सीटिंग अरेंजमेंट नहीं था। वहीं कई ऐसे स्कूल्स भी हैं जहां पर स्टूडेंट्स की संख्या काफी ज्यादा है। वहां पर फर्नीचर की भी भारी कमी है।

फ्लाइंग स्क्वॉयड हुआ पैदल

परीक्षा के दौरान किसी भी तरह की नकल न हो, सभी व्यवस्थाएं बनी रहें इसके लिए सचल दल बनाएं गए हैं। लेकिन ये दल सिर्फ कागजों पर ही एक्टिव नजर आयेंगे क्योंकि सचल दल अधिकारी गाड़ी और टीए के बिना डयूटी करने को राजी नही है। डीडीआर ने तो इसके लिए बाकायदा डीआईओएस को लिखित में मांगपत्र भिजवाया है। मंडलीय उपशिक्षा निदेशक को मंडलीय सचल दल-ख् बनाया गया है, लेकिन इनका कहना है कि जबतक डीआईओएस उन्हें ड्राइवर सहित जीप प्रोवाइड नही कराते, तब तक वे अपनी सचल टीम नही बनाएंगे। बोर्ड आफिस के क्षेत्रीय सचिव संजय उपाध्याय भी 'बजट' के बाद ही अपना कार्यक्रम शुरू करने के मूड में है। हालांकि इनकी टीम तैयार है। मंडलीय सचल दल में तीन टीम्स बनाई गई हैं, जिसमें जेडी, डीडीआर व एडी बेसिक के नेतृत्व में टीम गठित होनी है। अभी तक जेडी ने अपनी टीम का खुलासा नही किया है। जिला स्तर पर डीआईओएस व बीएसए की सचल दल टीम गठित की गई है। इसके अलावा प्रशासनिक अधिकारियों का भी एक दस्ता इन केंद्रों पर जांच पड़ताल करने के लिए एक्टिव रहेगा। लेकिन इन सभी दल के पास पर्याप्त वाहन नहीं हैं।

हाईली सेंसिटिव सेंटर्स पर नजर रखना होगा चुनौती भरा

बोर्ड एग्जाम के लिए बनाएं गए टोटल क्ख्भ् सेंटर्स में से क्क् सेंटर्स को हाइली सेंसिटिव सेंटर्स के रुप में आईडेटिफाइ किया गया है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इन सेंटर्स पर पिछले सालों में जम कर नकल होती रही है। ऐसे सेंटर्स पर पूरे एग्जाम टाइम में स्टेटिक मजिस्ट्रेट की डयूटी रहने की बात कही जा रही है। परीक्षा के लिए बरेली को 9 जोन व फ्ब् सेक्टर्स में डिवाइड किया गया है। जिसमें जोनल व सेक्टर मजिस्ट्रेस्ट की डयूटी रहेगी।