- जिला युवा कल्याण अधिकारी के खाते से डोंगल के जरिए बनवा लिए थे एफटीओ
- मामले की जानकारी होने पर प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने दिए जांच के आदेश
BAREILLY: मनरेगा के तहत ब्लॉक स्तर पर विकास कार्य कराए गए थे। इन कार्यो की निगरानी कर रहे असिस्टेंट प्रोजेक्ट ऑफिसर अभिषेक, भुगतान के लिए लखनऊ मुख्यालय से डोंगल लेने गए थे। एपीओ ने डोंगल के जरिए चोरी से जिला युवा कल्याण अधिकारी विवेक चंद्र श्रीवास्तव के खाते से ब्.भ् लाख रुपए के फंड ट्रांसफर ऑर्डर बनवा लिए। धोखाधड़ी को सामने आते ही मनरेगा विभाग के प्रोजेक्ट डायरेक्टर एसपी मिश्र ने एपीओ के खिलाफ जांच के आदेश दिए गए हैं।
यह था पूरा मामला
जिला युवा कल्याण अधिकारी विवेक चंद्र श्रीवास्तव के अनुसार वह क्ख् से ख्म् सितंबर तक अवकाश पर थे। उसी दौरान लखनऊ मुख्यालय से डोंगल लेने एपीओ अभिषेक को भेजा गया था। वहां से करीब 7 डोंगल जारी किए गए। अभिषेक ने सात में से केवल छह डोंगल ही संबंधित अधिकारी को सौंपे। अवकाश से वापस आए विवेक को एकाउंटेंट राजेंद्र प्रसाद सक्सेना ने मामले की जानकारी दी। जिस बाबत तफ्तीश करने पर पता चला की एपीओ ने अधिकारी विवेक के खाते से करीब ब्.भ् लाख के एफटीओ बनवा ि1लए हैं।
नहीं मिली थी जून ख्0क्फ् से सैलरी
घटना के बाबत एपीओ ने अपना गुनाह कबूल कर लिया। एपीओ ने बताया कि डोंगल से अपनी सैलरी निकालने का मन बना लिया था। उनका कहना है कि उन्हें जून ख्0क्फ् से सैलरी नहीं मिली थी। ऐसे में अपनी सैलरी जो करीब ब्.भ् लाख रुपए थी कि एफटीओ बनवा लिए। डोंगल को संबंधित अधिकारी पूजा को बताकर अपने साथ लाया है। अगर विभाग कहे तो एफटीओ वापस कर सकता हूं। वहीं पूजा ने एपीओ पर झूठ बोलने का आरोप लगाया है।
क्या है डोंगल
डोंगल एटीएम की तरह काम करता है। इसमें एटीएम की तरह ही पिन नंबर और पासवर्ड जारी किए जाते हैं। विभाग के कार्योँ को आधुनिक तकनीकी से जोड़ने के लिए ही डोंगल से भुगतान की कवायद शुरू की गई है।