So be aware of these dangerous dogs

विश्व भर में जिसके आक्रामक रवैये ने खौफ को जन्म दिया है, जिसकी क्रूरता की वजह से उसे घर में रखने पर तमाम कंट्रीज की गवर्नमेंट्स ने बैन लगा दिया है, पर खास बात यह है कि बरेलियंस उन्हें ही अपने घर का मेंबर बना रहे हैं। हम डॉग्स की जाइंट ब्रीड्स की बात कर रहे हैं। जिन्हें डिफरेंट कंट्रीज में पेट बनाने पर बैन लगाया गया है। पर बरेलियंस उनके साथ काफी फैमिलियर हैं। नंबर्स की बात करें तो सिटी में तकरीबन 40 रॉटवीलर्स, 6 नेपोलियन मैस्टिफ, 4 पिट बुल्स, 2 अमेरिकन बुली अभी मौजूद हैं। इसके अलावा भी बरेलियंस आए दिन जाइंट डॉग्स की डिमांड करते हैं। इतना ही नहीं इन जाइंट डॉग्स की कीमत भी काफी हाई-फाई होती है।

Owner के instruction से पहले कुछ नहीं करते

ग्रेटर कैलाश कॉलोनी में रहने वाले मुकेश ने बताया उनके पास नेपोलियन मैस्टिफ का पेयर है। इनमें एक डायना और दूसरा टाइगर है। रात में तो इसकी लाल आंखें ही डरावनी दिखती हैं। इनकी बार्किंग इतनी लाउड होती है कि कोई भी डर सकता है। मैं इन्हें घर में नहीं रखता हूं, ये मेरी ऑफिस साइट पर ही रहते हैं। इन्हें घर पर रखना डेंजरस भी हो सकता है। इन्हें साइट पर रखने के लिए भी खास ट्रेनिंग दी गई है। डायना इस समय 10 महीने की है, वह खतरे को खुद ही भांप लेती है और एक बार शू बोलने के बाद तो उससे खतरनाक कुछ भी नहीं हो सकता है। वहीं इन डॉग्स का जॉ कैप्चर बहुत ही डेंजरस होता है। ये इंसान को लहूलुहान कर देते हैं पर ट्रेनिंग दिए जाने की वजह से जब तक ओनर का इंस्ट्रक्शन न मिले, कुछ नहीं करते हैं।

खतरनाक है इनका attack

सिटी के सिविल लाइंस में रहने वाले संजीव जैन के घर में बुल मैस्टिफ है। आम तौर पर इसे वॉकिंग करते हुए देखने पर यह एहसास होता है कि कोई शेर का शावक घूम रहा है। इसका नाम सीजर है। सीजर का फर भी तकरीबन शेर के रंग जैसा ही है। संजीव ने बताया कि इसे घर में रखने के लिए ट्रेनिंग दी गई है। पर यह काफी खतरनाक होता है। जिसके ऊपर एक बार अटैक कर दे, उसे काफी नुकसान पहुंचता है। जब यह अपने जबड़े में किसी को कैप्चर करता है तो वह लॉक हो जाता है। इसे घर में ही बंद करके रखा जाता है। जब यह वॉकिंग पर निकलता है तो भी इसे अकेले नहीं छोड़ा जाता है। इसक ा अटैक सबसे खतरनाक होता है। आम तौर पर बच्चों को इससे दूर ही रखते हैं।

ये हैं ban breeds

अमेरिकन बुल डॉग्स, नेपोलियन मैस्टिफ, रॉटवीलर, बुल मैस्टिफ, पिट बुल्स, डाबरमैन पिंचर, टोसा केंस, ब्लडहाउंड्स, डोगो अर्जेंटिनो, जैपनीज टोसा, फिला ब्राजीलियरो ऐसी ब्रीड्स हैं, जिन्हें उनके आक्रामक बिहेवियर की वहज से यूएसए, यूके, डेनमार्क, रोमानिया, सिंगापुर, कनाडा आदि तमाम कंट्रीज में ब्रीड स्पेसिफिक लॉ बनाकर बैन किया गया है। वहीं यूएसए के कुछ प्रांतों में इनमें से डॉबरमैन पिंचर और नेपोलियन मैस्टिफ को रखने के लिए कंसर्न अथॉरिटी से लाइसेंस लेना होता है। इसके बावजूद भी इन्हें पार्क आदि में वॉकिंग के लिए नहीं ले जा सकते हैं। इनमें सबसे खतरनाक ब्रीड्स में पिट बुल्स, डोगो अर्जेंटिनो, जैपनीज टोसा, फिला ब्राजीलियरो हैं, जिन पर बैन लगाने के लिए यूएसए को यूनाइटेड नेशंस की एक कमेटी द्वारा भी फोर्स किया गया था।

चेन तोड़कर किया था हमला

सिविल लाइंस में रहने वाले जागरण सिंह के पास रॉटवीलर है। इसे उनके घर में आए दो साल हो चुके हैं। इसका नाम टाइगर है। दो साल बाद भी वह अपने बच्चों क ो इसके पास जाने से रोकते हैं। बताते हैं कि दिन में तो उसे बांध कर ही रखते हैं, पर रात में सेफ्टी के लिहाज से उसे खोल दिया जाता है। वह अब तक तकरीबन तीन लोगों पर हमला कर चुका है। एक बार घर में गेस्ट आए थे, उन्हें टाइगर के खुले होने के बारे में बिल्कुल पता नहीं था। इसलिए वह सुबह वॉकिंग के लिए घर से बाहर निकल गए, अचानक  टाइगर ने उन पर अटैक कर दिया। वहीं एक बार रात में एक व्यक्ति घर में घुस गया, उस दिन टाइगर चेन में बंधा था। उसने चेन तोड़ कर उस पर अटैक किया। यह अटैक करने से पहले बार्क भी नहीं करता है। जागरण सिंह ने बताया ये एक गार्ड डॉग है, जिसे घर में रखने के लिए विशेष ट्रेनिंग दी गई है।

केसेज दर्ज होने के बाद लगा ban

जिन कंट्रीज ने डॉग्स की डेंजरस ब्रीड्स पर बैन लगाया गया है, उनमें डॉग्स द्वारा अटैक की घटनाएं होने की शिकायतें बढऩे पर लॉ बनाकर रिस्ट्रिक्शंस लगाए गए हैं। इंडिया में भी एनिमल बाइट, एनिमल अटैक के केसेज को लेकर होने वाले सेमिनार आदि में इस तरह की डिमांड सामने आई हैं, पर अब तक कोई भी गाइडलाइन जारी नहीं की गई है।

अल्टीमेट गार्ड डॉग्स केवल ओनर के इंस्ट्रक्शंस ही समझते हैं। वह जिसके साथ रहते हैं, उसे पूरी तरह से सुरक्षा प्रदान करते हैं। आम तौर पर ये जाइंट डॉग्स होते हैं, और काफी एक्टिव भी। इनकी डाइट, अटैकिंग पॉवर, जंपिंग एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी होती है। इनमें सबसे खतरनाक बात यह है कि जब ये किसी को अपने पंजों या जबड़े से पकड़ते हैं तो मांस खींच लेते हैं, ये केवल दांत नहीं मारते हैं। ओनर के साथ न होने पर ये किसी भी अंजान व्यक्ति पर हमला कर सकते हैं।

डॉ। अभय तिलक, स्मॉल एनिमल प्रेक्टिशनर

जाइंट डॉग्स काफी डेंजरस होते हैं। इन्हें ट्रेंड करना आसान नहीं होता। इन्हें कम से कम तीन महीने की ट्रेनिंग दी जाती है। इससे कम दिनों की ट्रेनिंग के बगैर उन्हें घर में रखना खतरनाक हो सकता है। तीन महीने में उन्हें अटैक से लेकर खेलने तक सभी कामों की ट्रेनिंग दी जाती है। तीन महीने में ही डॉग्स पूरी तरह ट्रेंड हो पाते हैं।

पेट ट्रेनर