Assistant करता था सारा काम
ब्रह्मïपुरा बजरिया निवासी सय्यद सारिक अली आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ में डेवलपमेंट मैनेजर हैं। सारिक अली ने बताया कि जून महीने में उन्होंने राशिद नाम के एक व्यक्ति को अपना असिस्टेंट रखा था। जो उनके पास आने वाले कैश और चेक को अकाउंट में डालने तथा निकालने का काम करता था इसलिए उसके पास सय्यद के अकाउंट से संबंधित सारी जानकारी थी।
1.75 लाख रुपए निकाल लिए
सय्यद सारिक अली के मुताबिक महीने भर पहले उन्हें किसी काम से सिलसिले में शहर के बाहर जाना पड़ा। इस दौरान कैश और चेक्स के लेनदेन का सारा काम राशिद देख रहा था। अचानक उसकी नीयत बदली और राशिद ने मौका देखकर सय्यद सारिक अली के अकाउंट से 1,75000 रुपए निकाल लिए। इस बात की सूचना होने पर पीडि़त ने राशिद से कैश वापस देने की डिमांड करनी शुरू कर दी। राशिद ने अपनी जान बचाने के लिए कुछ चेक काटकर सय्यद सारिक अली को दे दिया। जब सारिक उन चेक्स को डेबिट कराने के लिए गए, तो वह बाउंस हो गया इसलिए 20 दिन पहले सारिक ने बारादरी थाने में राशिद के खिलाफ कंप्लेन की।
पुलिस ने उन्हें मोहर्रम का त्यौहार होने की बात कहकर दस दिन तक रिपोर्ट दर्ज नहीं की। इसके बाद इंवेस्टिगेशन मॉडल टाउन चौकी ट्रांसफर होने की बात कहकर वहां भेज दिया। सय्यद सारिक अली ने बताया कि पुलिस के ऐक्शन नहीं लेने का फायदा उठाकर राशिद धमकी देने लगा है। इससे वह और उनकी पूरी फैमिली दहशत में है।
सस्ती मशीन दिलाने के नाम पर fraud
कैंट थाने में फर्जी कंपनी खोलकर लोगों को धोखा देने का एक मामला दर्ज हुआ है। इसमें कैंट पुलिस ने पीडि़त की कंप्लेन पर चार लोगों के खिलाफ इन्वेस्टिगेशन शुरू कर दी है।
कई लोगों से ऐंठे दो-दो हजार
रामपुर में मिलक निवासी सूर्यप्रकाश ने कैंट पुलिस को एक रिटेन कंप्लेन दी। इसमें लिखा है कि कुछ लोगों ने कैंट एरिया में एक फर्जी संस्था का ऑफिस खोल रखा था। इस संस्था ने बरेली और आसपास के जिलों में जाकर लोगों को कम दाम पर सिलाई मशीन अवेलेबल कराने और हर महीने कुछ निश्चित एमाउंट दिलाने का वादा किया था। इसमें सैकड़ों लोगों से औसतन 2000 रुपए लिए गए थे। जब सिलाई मशीन और एमाउंट देने का वक्त आया, तो संस्था के सारे मेंबर ऑफिस बंद करके फरार हो गए।
आरोपी फरार
फर्जी संस्था चलाने और लोगों को आर्थिक क्षति पहुंचाने के मामले में सुभाषनगर की ज्योति ठाकुर, गोकुलनगर नकटिया के सुभाष चन्द्र और सेवाराम तथा हाफिजगंज के संजीव के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। चारों फरार हैं।